रायपुर: छत्तीसगढ़ में उद्योगों की स्थापना को सरल बनाने के लिए वाणिज्य एवं उद्योग विभाग ने पुराने पोर्टल को अपग्रेड कर सिंगल विंडो सिस्टम 2.0 तैयार किया है. आज मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने निवेशकों और नए उद्योग लगाने वालों की सुविधा के लिए सिंगल विंडो पोर्टल 2.0 का शुभारंभ किया. प्रशासनिक दखल कम कर उद्योग लगाने की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए यह बड़ी पहल की गई है.
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में निवेश करने वाले और उद्योग लगाने वाले उद्यमियों को राज्य सरकार हर संभव मदद देगी. हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता सुशासन और भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति है.
''यह पोर्टल उद्यमियों के लिए आसान और उपयोग करने में सरल होगा.''-विष्णुदेव साय, सीएम, छत्तीसगढ़
सिंगल विंडो पोर्टल 2.0 की खास बातें जानिए
- उद्योग विभाग की नई व्यवस्था से सभी सुविधाएं एक क्लिक पर मिलेगी.
- उद्योगों की स्थापना की प्रक्रिया आसान होने से निवेश में रुचि बढ़ेगी और युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे.
- व्यवसायियों को आवश्यक विभागीय अनुमति-सहमति और क्लियरेंस के लिए भटकना नहीं पड़ेगा.
- अलग अलग विभागों में आवेदन करने की जरुरत नहीं पड़ेगी.
- नए पोर्टल में विभागीय अधिकारियों को भी जिम्मेदारियां दी गई है.
- अधिकारियों पर आवेदनों के समय पर निराकरण की जवाबदेही होगी.
- उद्योग विभाग के अधिकारियों को समय-समय पर समीक्षा करने के निर्देश
16 से ज्यादा विभाग की 100 से ज्यादा सुविधाएं: वाणिज्य और उद्योग विभाग के सचिव अंकित आनंद ने बताया कि 16 से अधिक विभागों की 100 से अधिक सुविधा इस पोर्टल के माध्यम से उपलब्ध होगी. आवेदक को एक बार ही लॉगिन करना होगा और दोबारा आवेदन करने की आवश्यकता नहीं होगी. पूरी प्रक्रिया के दौरान किसी भी विभाग द्वारा यदि कोई जानकारी मांगी जाएगी तो आवेदक लॉगिन कर इसके बारे में जान पाएंगे.
"समय पर आवेदनों का निराकरण होगा. आवेदक सिंगल क्लिक पर अपने आवेदन की स्थिति के बारे में जान पाएंगे": लखनलाल देवांगन,उद्योग मंत्री
वाणिज्य और उद्योग विभाग के सचिव अंकित आनंद के मुताबिक अब किसी भी कार्यालय से ऑफलाइन मोड में संपर्क करने की आवश्यकता नहीं है. ई-चालान के माध्यम से पेमेंट की सुविधा भी मिलेगी. अब किसी भी उद्योग को लगाने से पहले किन-किन विभागों से अनुमति की आवश्यकता होगी, यह जानकारी भी पोर्टल में उपलब्ध कराई गई है. सभी विभागीय अधिकारियों को आईडी-पासवर्ड भी दिए गए हैं, जिससे वह समय-समय पर आवेदनों का निपटारा हो सकेगा. अब इसकी मॉनिटरिंग आसान होगी. अनुमति के लाइसेंस के लिए समय-समय पर संबंधित विभाग अधिकारियों को अलर्ट भी भेजा जाएगा.
जानकारों की माने तो इस फैसले से छत्तीसगढ़ में उद्योगों की स्थापना को बढावा मिलेगा और प्रदेश के विकास को तेजी मिलेगी. इससे प्रदेश में रोजगार के अवसर पैदा होंगे. साथ ही प्रदेश में आर्थिक विकास की रफ्तार को बढ़ावा मिलेगा.