भोपाल: विजयपुर विधानसभा सीट पर प्रदेश सरकार के वन मंत्री और बीजेपी प्रत्याशी रामनिवास रावत चुनाव हार गए हैं. उन्हें कांग्रेस के प्रत्याशी मुकेश मल्होत्रा ने 7364 वोटों से हरा दिया. हार के बाद रामनिवास रावत को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा. खबर ये एक लाइन की है बेशक. लेकिन इस खबर के असर बहुत हैं. साल भर पहले तक इसी सीट से चुनाव जीते रामनिवास रावत की हार केवल मोहन सरकार के एक कैबिनेट मंत्री की हार नहीं है. इस हार के छींटे मध्य प्रदेश के दिग्गजों तक भी जाएंगे, प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रुप से जो इस चुनाव से जुड़े रहे. बता दें कि, मुकेश मल्होत्रा को जहां 1,00,469 वोट मिले, वहीं रामनिवास रावत को 93,105 वोट मिले हैं.
सरपंच ने दी रामनिवास रावत को मात
मुरैना की सीट होने की वजह से पार्टी के दिग्गज नेता विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर से लेकर प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा तक, और फिर रामनिवास रावत कांग्रेस में सिंधिया के करीबी माने जाते थे. ये अलग बात है कि उपचुनाव में उन्होंने रावत के समर्थन में एक सभा भी नहीं की. वो कौन से फैक्टर थे कि जिनकी वजह से तिलगुड़ी गांव के एक सरपंच मुकेश मल्होत्रा ने कैबिनेट मंत्री राम निवास रावत को शिकस्त दे दी.
विजयपुर में राम निवास की हार, बीजेपी से कहां हुई चूक
बूथ स्तर तक पार्टी की प्लानिंग करने वाली बीजेपी आखिर विजयपुर सीट पर कहां चूक कर गई. वो कौन से मुद्दे थे जिनकी अनदेखी पार्टी को भारी पड़ी. विजयपुर सीट पर बड़ा वोटर वर्ग आदिवासी वर्ग से भी है. यहां करीब 60 हजार आदिवासी वोटर हैं. कांग्रेस ने उम्मीदवार के चयन के तौर पर आदिवासी को ही प्राथमिकता दी. सहारिया जनजाति से आने वाले मुकेश मल्होत्रा को इसका लाभ मिला. राजनीतिक विश्लेषक प्रकाश भटनागर कहते हैं, ''आदिवासी वोटर पर पकड़ के लिए बीजेपी को अभी और मेहनत करनी पड़ेगी. ये नतीजे इस बात का संकेत हैं कि आदिवासी वोटर का अब भी कांग्रेस की तरफ झुकाव है. दूसरी वजह ग्वालियर चंबल के वोटर का रुझान भी है. ये वो वोटर हैं जो आमतौर पर शिफ्ट नहीं होता. विजयपुर के नतीजे इस बात की तसदीक करते हैं, रामनिवास रावत बीजेपी में चले गए लेकिन वोटर कांग्रेस के साथ खड़ा रहा. ये नतीजा संदेश भी है कि रामनिवास रावत के दल बदल के फैसले को वहां की जनता ने ही अस्वीकार कर दिया.''
मोहन यादव ने कहा, विजयपुर तो वैसे भी कांग्रेस की सीट
सीएम डॉ. मोहन यादव ने बीजेपी मुख्यालय में पार्टी के जश्न कार्यक्रम में विजयपुर में मिली हार को लेकर कहा कि, ''कांग्रेस तो 2023 का चुनाव हारने के बाद भी विधायकों को संभाल नहीं पा रही है. हमने उपचुनाव में अमरपाटन भी जीता, छिंदवाड़ा भी जीते. बुधनी पर जीत हमने बरकरार रखी. लेकिन विजयपुर तो कांग्रेस की सीट थी. कांग्रेस 18 हजार से पिछला चुनाव जीती थी. बीजेपी का वोट बैंक तो आगे बढ़ा है, इस बार जीत का अंतर 7 हजार पर है. ये बात बताती है कि बीजेपी का लगातार ग्राफ बढ़ रहा है. कांग्रेस ने पहले देश खोया अब प्रदेश खोया है.''
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ऐसे बढ़ा मल्होत्रा की जीत का कारवां
6 बार से विजयपुर सीट से कांग्रेस के विधायक रहे रामनिवास रावत 7 हजार से ज्यादा वोट से चुनाव हार गए. कैबिनेट मंत्री को एक सरपंच मुकेश मल्होत्रा ने चुनाव हरा दिया. पहले राउंड में जब कांग्रेस को 178 की बढ़त मिली थी तब किसी को अंदाजा नहीं था कि ये कांग्रेस उम्मीदवार की जीत तक जाएगी. बल्कि नतीजे पलटे भी, 15वें राउंड तक रामनिवास रावत ने बढ़त बना ली थी. लीड भी 7वें राउंड के बाद बढ़ गई थी. लेकिन 16वें राउंड से नतीजे पलट गए. कांग्रेस को 3 हजार से ज्यादा की बढ़त मिली और फिर ये जीत पर जाकर ही खत्म हुई.