जयपुर. 'लोग कहते थे मंदिर बनाओगे, तारीख नहीं बताओगे. पांच सदी की पीड़ा, पांच सदी का दर्द, सब कानून और संस्कृत के हिसाब से हुआ. दूसरे माध्यम से भी किया जा सकता था पर भारतीय संस्कृति के मूल सिद्धांत की अनुपालन के साथ हुआ. 22 जनवरी कोई भूल नहीं पाएगा.' ये कहना है देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का. रविवार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 56वीं पुण्यतिथि पर धानक्या में आयोजित कार्यक्रम के दौरान उन्होंने ये बात कही. साथ ही कहा कि समाज में कुछ मुट्ठीभर लोग किरकिरी पैदा करते हैं. उनको नजर नहीं आता कि हमारा प्रजातंत्र कितना क्रियाशील है. वो उसे कलंकित करते हुए बदनामी का प्रयास करते हैं, लेकिन हमें इस समय चुप नहीं रहना चाहिए.
स्वदेशी का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करें : इस दौरान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि एक समय था, जब भारत की अर्थव्यवस्था 5 फ्रेजाइल देशों में थी. हम दुनिया पर बोझ बने हुए थे. पिछले एक दशक में जो काम हुआ, उसकी वजह से हम आज विश्व की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गए हैं. आज हमारा फॉरेन एक्स्पोर्ट 600 बिलियन से भी ज्यादा है. आज हमारे देश में दीए, कैंडल, फर्नीचर, बाहर से आ रहे हैं. इसके दो दुष्परिणाम हैं. हमारा फॉरेन एक्सचेंज बड़ी मात्रा में बाहर जा रहा है. यहां के उद्यमियों के हाथ हम खुद काट रहे हैं. इसे करना सरकार के बस की बात नहीं है. सरकार विश्व के बंधन में है. वहां कई प्रकार की नीतियां चलती हैं, लेकिन नागरिकों पर कोई बंधन नहीं है. नागरिकों को स्वदेशी का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करना चाहिए.
कर्तव्य पथ नारी शक्ति देख दुनिया अचंभित : इससे पहले धनखड़ ने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय एक ऐसे व्यक्ति थे जो भारत में बदलाव का बहुत बड़ा केंद्र बने. उनकी सोच, विचार, दर्शन आज जमीनी हकीकत है, ये पहले कल्पना थी. ये बड़ा बदलाव इसीलिए आया है कि उनकी सोच को प्रधानमंत्री ने अपनाया. महिला सशक्तिकरण दीनदयाल की सोच थी. सामाजिक क्रांति, समरसता, अंत्योदय तब तक नहीं आएगा, जब तक माता-बहनों पर ध्यान नहीं दिया जाएगा. इसकी शुरुआत बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ से हुई. हरियाणा जैसे प्रदेश में भारी बदलाव आया. घरों और विद्यालय में शौचालय होने से फर्क पड़ा. आज गणतंत्र दिवस पर कर्तव्य पथ को देख दुनिया अचंभित हो गई, जहां नारी शक्ति प्रदर्शन दिखा.
सिफारिश से किसी को नहीं मिला सम्मान : उन्होंने कहा कि लोकसभा और राज्यसभा में नारी शक्ति वंदन अधिनियम पारित हुआ. ये जमीनी हकीकत बनी. आने वाला समय नजदीक है जब भारत की लोकसभा में, हर विधानसभा में नारी शक्ति का प्रतिनिधित्व एक तिहाई से ज्यादा होगा. उन्होंने चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिए जाने की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने कृषि में बड़ा योगदान किया. महान साइंटिस्ट एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न दिया जा रहा है. नरसिम्हा राव, कर्पूरी ठाकुर, लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न दिया जा रहा है. पिछले 10 वर्ष में भारत का नागरिक सम्मान पद्मश्री, पद्म भूषण, पद्म विभूषण उन लोगों को मिला, जो इसके हकदार थे. सिफारिश से किसी को भी नहीं मिला.
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संविधान में उकेरे गए चित्रों का जिक्र: इस दौरान जगदीप धनखड़ ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि सबसे बड़ा बदलाव तब आएगा जब किसान दूरदर्शी सोच रखेगा. देश दुनिया में कृषि उत्पादन का व्यापार सबसे बड़ा है. मंच से उन्होंने संविधान में उकेरे गए चित्रों का जिक्र करते हुए कहा कि हमारे संविधान निर्माता ने जब भारत के संविधान का निर्माण किया, तो उन्होंने 22 चित्र रखे. इनमें सबसे बड़ा चित्र संविधान के भाग 3 में मौलिक अधिकार से संबंधित है. इसमें राम सीता और लक्ष्मण अयोध्या आ रहे हैं. ये संविधान निर्माता की अच्छी सोच थी कि उन्होंने हमारी सांस्कृतिक विरासत को हमारे सामने रखा. इसी तरह समान नागरिकता संहिता में कुरुक्षेत्र में भगवान श्री कृष्ण की ओर से अर्जुन को उपदेश देने वाले चित्र को उकेरा गया है, जबकि चुनाव के अध्याय में छत्रपति शिवाजी का चित्र है.
इससे पहले कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में मौजूद रहे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राजस्थान क्षेत्र प्रचारक निंबाराम ने कहा कि पंडित दीनदयाल के जीवन पढ़ेंगे तो हमें समझ आएगा कि परिवर्तन केवल सत्ता के बल पर नहीं बल्कि समाज के बल पर होता है. राजा वही होगा जो हमारे बीच से जाएगा. जयपुर में पंडित दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय स्मारक पर आयोजित कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अलावा मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा, कैबिनेट मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र प्रचारक निंबाराम सहित कई जनप्रतिनिधि, बीजेपी पदाधिकारी और संघ के वरिष्ठ कार्यकर्ता मौजूद रहे.