रायपुर: छत्तीसगढ़ में सत्ता के सियासी जंग का सबसे बड़ा मुकाबला 7 मई को है. 7 मई को राज्य में 7 सीटों पर सत्ता का मैदान जीतने के लिए मतदान होगा. राज्य के लोकसभा सीटों को जीतने के लिए जो चुनावी मंच सजाए गए उसमें बीजेपी और कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने पूरा दम लगा दिया. किस नेता ने कहां पर चुनावी सभा किया और उसमें जो वादे दावे किए गए, वह लोकसभा चुनाव के इतिहास में 2024 के सियासी जंग के दंगल में दर्ज हो गया.
मोदी मैजिक से BJP ने किया चुनावी सफर का आगाज: 2024 की रणनीति में सबसे पहले बीजेपी ने अपनी मजबूत धमक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली के साथ शुरू की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बस्तर के आमबाल से छत्तीसगढ़ के लोकसभा चुनाव की हुंकार भरी. 8 अप्रैल को नरेंद्र मोदी की बस्तर में हुई आम सभा से भाजपा ने अपने मजबूत चुनावी कैंप को हवा दी.छत्तीसगढ़ में दूसरे चरण में तीन सीटों पर मतदान होना था हालांकि पहले चरण में एक सीट पर मतदान था और वह सिर्फ बस्तर सीट थी जबकि दूसरे चरण के लिए तीन सीटों पर मतदान के लिए नरेंद्र मोदी ने दो चुनावी सभा की थी. नरेंद्र मोदी रात में छत्तीसगढ़ में रुके भी थे . हालांकि दूसरे चरण के बाद नरेंद्र मोदी का चुनावी दौरा छत्तीसगढ़ में नहीं हुआ, लेकिन नरेंद्र मोदी अंतिम चरण के लिए पार्टी की मजबूत नीव तीन चुनावी प्रचार में रख दी. 23 अप्रैल को धमतरी में नरेंद्र मोदी की रैली हुई थी जबकि 23 अप्रैल को ही सक्ती में नरेंद्र मोदी की चुनावी सभा हुई थी. 23 अप्रैल को नरेंद्र मोदी ने राज भवन में रात्रि विश्राम किया था. वहीं 24 अप्रैल को अंबिकापुर में चुनावी रैली को संबोधित किया था.
अमित शाह: भाजपा के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह ने 14 अप्रैल को पहली बार छत्तीसगढ़ में चुनावी कैंपेन को संभाला और यहां पर अपनी पहली रैली की. 14 अप्रैल को अमित शाह की पहली रैली खैरागढ़ में हुई थी ,जबकि 22 अप्रैल को दूसरी रैली कांकेर में हुई थी. 26 अप्रैल को अमित शाह की तीसरी रैली बेमेतरा में हुई थी जबकि 1 मई को कटघोरा में अमित शाह ने चुनावी रैली की.
जेपी नड्डा:भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने 22 अप्रैल को लोरमी, भिलाई और रायपुर में चुनावी रैली को संबोधित किया. जेपी नड्डा के अलावा भारतीय जनता पार्टी के कई दिग्गज नेताओं ने चुनाव प्रचार को दिशा दी. बीजेपी के फायर ब्रांड नेता और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी चुनावी प्रचार में आए. इसके अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी छत्तीसगढ़ में भाजपा की जीत के लिए चुनावी रैली की.
कांग्रेस का कुनबा: साल 2024 की चुनावी राजनीति में बस्तर से शुरू हुआ सियासी जंग पूरे लोकसभा चुनाव के लिए रणनीति बनाने वाला रहा. 8 अप्रैल को बस्तर से ही नरेंद्र मोदी ने अपने चुनावी प्रचार की शुरुआत छत्तीसगढ़ के लिए की थी, जबकि 13 अप्रैल को बस्तर से राहुल गांधी ने कांग्रेस के किलेबंदी के लिए छत्तीसगढ़ के चुनाव प्रचार को शुरू किया. हालांकि राहुल गांधी की दूसरी रैली 29 अप्रैल को बिलासपुर के सकरी में हुई.
प्रियंका गांधी: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की केंद्रीय महासचिव प्रियंका गांधी की चुनावी रैली भी छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव फतेह को लेकर हुई. 21 अप्रैल को प्रियंका गांधी की पहली चुनावी रैली डोंगरगांव में और बालोद के हाथोदा में हुई.
मल्लिकार्जुन खरगे: कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे 30 अप्रैल को चंपा में चुनावी रैली की. कांग्रेस के लिए बड़े दिग्गज नेताओं में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी के अलावा मल्लिकार्जुन खड़गे चुनावी मैदान में थे. जिन्होंने कांग्रेस के लिए छत्तीसगढ़ में चुनाव प्रचार किया. इसके अलावा छत्तीसगढ़ के कांग्रेस प्रभारी और राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने लगातार कांग्रेस की मजबूती के लिए छत्तीसगढ़ में कैंप किया. उन्होंने दो दर्जन से ज्यादा चुनावी सभा और रैलियों को संबोधित किया. 2024 के सियासी फतेह के लिए सभी राजनीतिक दलों ने दावे और वादों की राजनीति को जनता के सामने रख दिया है. अब देखना है की जनता किसकी किस्मत ही इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में कैद करती है
"परिवार को जहां जरूरत होगी वहां करेंगे प्रचार": भाजपा के चुनावी कैंपेन को संभालने के लिए नरेंद्र मोदी और तमाम भाजपा के बड़े नेताओं को दूसरे चरण में ही पार्टी ने राज्य में उतार दिया. इस सवाल को ईटीवी भारत ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष से खास बातचीत में पूछा. जिसके जवाब में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव ने कहा कि भाजपा एक परिवार है और जहां परिवार को जरूरत होती है वहां पर लोगों से चुनाव प्रचार करवाया जाता है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में तीन चरणों में चुनाव होना है, तो ऐसे में जो भी भाजपा के बड़े नेता हैं उन सभी लोगों को छत्तीसगढ़ में चुनाव प्रचार के लिए बुलाया गया था.उन्होंने कहा कि, परिवार में जहां जिसकी जरूरत होती है उसे बुलाया जाता है. छत्तीसगढ़ का चुनाव खत्म होने के बाद मैं भी दूसरे राज्यों में चुनाव के प्रचार के लिए जाऊंगा. ऐसे में भाजपा दिग्गज नेताओं को उतार कर माहौल बनाने में नहीं लगी हुई है. बीजेपी काम के भरोसे जनता के बीच गई है और जनता ही उसे जीताएगी"
"चुनावी रैली से हवा नहीं जनता के मुद्दों से जुड़ी रही कांग्रेस": बीजेपी के प्रचार युद्ध में जितने नेता आए. उस तरह कांग्रेस के नेता चुनावी मैदान में नहीं आए. इस सवाल को लेकर ईटीवी भारत ने पूर्व सीएम भूपेश बघेल से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि" हमारे तमाम बड़े नेता चुनाव प्रचार में आए थे. बात राहुल गांधी की करें, प्रियंका गांधी की करें या फिर मल्लिकार्जुन खड़गे की करें. ये तमाम बड़े नेताओं ने छत्तीसगढ़ में चुनावी प्रचार की धार को तेज करने का काम किया है. जितना आवश्यक रहा है सभी लोगों ने चुनाव प्रचार किया है. हम जनता के बीच हैं जनता हमारे काम को जानती है. ऐसे में जनता को यह पता है कि उसके विकास के लिए काम कौन करेगा. हमने काम किया है और काम की बदौलत ही जनता हमें जानती है. हमारी स्थिति मजबूत है और हम सभी 11 सीटों को जीत रहे हैं"
छत्तीसगढ़ में कुल मिलाकर चुनाव प्रचार में बीजेपी और कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने जमकर रैलियों से जनता को लुभाने का काम किया. अब गेंद जनता के पाले में है. सात मई को सात सीटों के महासमर से छत्तीसगढ़ में चुनाव की समाप्ति हो रही है. उसके बाद चार जून तक सबकी नजरे टिकी रहेंगी. इस दिन नेताओं की किस्मत का फैसला होगा.