वाराणसी : ज्ञानवापी के व्यास जी के तहखाने में 30 साल बाद बुधवार की रात विधि-विधान से फिर से पूजा की शुरुआत करा दी गई. तहखाने में गर्भ गृह बनाया गया है. इसे ताल गृह नाम दिया गया है. इसमें प्राचीन 5 मूर्तियों को स्थान दिया गया है. ये सभी कार्रवाई के दौरान परिसर से बरामद की गईं थीं. इन सभी मूर्तियों की अलग-अलग समय पर आरती उतारी जा रही है. इसके लिए बाकायदा पूजा का शेड्यूल भी बनाया गया है.
श्री काशी विश्वनाथ न्यास के अध्यक्ष डॉ. नागेंद्र पांडेय ने बताया कि उनके पास 150 पुजारियों की लंबी-चौड़ी फौज है. यहां पर 5 पहर की अलग-अलग समय पर आरती हो रही है. सुबह लगभग 3:30 बजे मंगला आरती से इसकी शुरुआत की जाती है. इसके बाद दोपहर 12 बजे भोग आरती की जाती है. इसके बाद दोपहर बाद 4 बजे भी आरती होती है. शाम को 7 बजे सांयकाल आरती की जाती है. इसके बाद रात 10.30 बजे शयन आरती होती है. मूर्तियों की पूजा विधि-विधान से की जा रही है.
वहीं तहखाने में पूजा शुरू होने से तमाम भक्तों में उत्साह है. लोग दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं. वे तहखाने के गर्भ गृह के पास बनाई गई एक छोटी सी खिड़की के जरिए विगृहों के दर्शन कर रहे हैं. बता दें कि एएसआई की सर्वे रिपोर्ट में तहखाने से हनुमान जी की दो, भगवान विष्णु और गणेश की एक-एक, दो शिवलिंग और एक घड़ियाल की मूर्ति प्राप्त हुई थी. इसके अलावा टीम ने करीब 259 अन्य सामग्रियों को भी डीएम को सौंपा था.
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