देहरादून: उत्तराखंड में आज यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर विशेष दिन है. आज धामी सरकार ने यूसीसी लागू करने की प्रक्रिया तेज कर दी है. दरअसल, आज उत्तराखंड सरकार यूनिफॉर्म सिविल कोड की रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी गई है. यूसीसी नियम एवं क्रियान्वयन समिति के अध्यक्ष शत्रुघ्न सिंह ने विशेषज्ञ समिति समान नागरिक संहिता उत्तराखंड की रिपोर्ट जारी की. इस दौरान उन्होंने बताया कि http://ucc.uk.gov.in वेबसाइट पर जाकर यूनिफॉर्म सिविल कोड उत्तराखंड 2024 की एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट 4 खंडों में उपलब्ध है.
#WATCH | Dehradun, Uttarakhand: Shatrughan Singh, Chairman of the Rules and Implementation Committee released the report of the Expert Committee Uniform Civil Code Uttarakhand.
— ANI (@ANI) July 12, 2024
He says, " you can visit the website https://t.co/NDyxNuH93D to read the report of Expert Committee of… pic.twitter.com/o9Ija68643
संभावना है कि दो महीने बाद अक्टूबर में यूनिफॉर्म सिविल कोड को उत्तराखंड में लागू किया जा सकता है. फिलहाल यूसीसी नियमावली तैयार करने के लिए गठित कमेटी ने उत्तराखंड यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर अपना काम लगभग पूरा कर लिया है. यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी यूसीसी की नियमावली तैयार होने के बाद उत्तराखंड सरकार इसे राज्य में लागू करने की दिशा में कदम बढ़ाएगी. आज उसी की पहल के रूप में धामी सरकार यूसीसी यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड की रिपोर्ट सार्वजनिक की गई है.
#WATCH | On Uniform Civil Code (UCC) committee report to be issued today, Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami says, " the people of the state had elected us for this work (ucc), i congratulate the people of uttarakhand that after the implementation of ucc here, many complexities in… pic.twitter.com/M1MwJ0eV6u
— ANI (@ANI) July 12, 2024
यूसीसी यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड की नियमावली तैयार करने के लिए पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने आज शुक्रवार 12 जुलाई को यूसीसी की रिपोर्ट सार्वजनिक की. यूसीसी की वेबसाइट पर यूनिफॉर्म सिविल कोड की रिपोर्ट अपलोड करके सार्वजनिक करने की जानकारी दी गई. यूसीसी की वेबसाइट http://ucc.uk.gov.in पर यूसीसी रिपोर्ट हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में अपलोड की गई है, जिससे आम लोग सरलता से यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी यूसीसी को समझ सकें.
यूसीसी नियमावली तैयार करने के लिए गठित समिति के सदस्य एवं समाजसेवी मनु गौड़ ने कहा कि यूसीसी रिपोर्ट को लेकर बहुत सारे लोगों की क्वेरी आ रही हैं. यूसीसी रिपोर्ट के लिए अनेक लोग आरटीआई भी लगा रहे हैं. इसी के चलते यूसीसी लागू करने से पहले उसकी रिपोर्ट को सार्वजनिक करने का फैसला लिया गया है.
यूसीसी में मुख्य प्रावधान-
- समान नागरिक संहिता लागू होने से समाज में बाल विवाह, बहु विवाह, तलाक जैसी सामाजिक कुरीतियों और कुप्रथाओं पर लगाम लगेगी.
- किसी भी धर्म की संस्कृति, मान्यता और रीति-रिवाज इस कानून प्रभावित नहीं होंगे.
- बाल और महिला अधिकारों की सुरक्षा करेगा यूसीसी
- विवाह का पंजीकरण होगा अनिवार्य. पंजीकरण नहीं होने पर सरकारी सुविधाओं का नहीं मिलेगा लाभ.
- पति-पत्नी के जीवित रहते दूसरा विवाह करना होगा प्रतिबंधित.
- सभी धर्मों में विवाह की न्यूनतम उम्र लड़कों के लिए 21 साल और लड़कियों के लिए 18 साल निर्धारित.
- वैवाहिक दंपति में यदि कोई एक व्यक्ति बिना दूसरे व्यक्ति की सहमति के अपना धर्म परिवर्तन करता है, तो दूसरे व्यक्ति को उस व्यक्ति से तलाक लेने और गुजारा भत्ता लेने का होगा अधिकार.
- पति पत्नी के तलाक या घरेलू झगड़े के समय 5 वर्ष तक के बच्चे की कस्टडी, बच्चे के माता के पास ही रहेगी.
- सभी धर्मों में पति-पत्नी को तलाक लेने का समान अधिकार होगा.
- सभी धर्म-समुदायों में सभी वर्गों के लिए बेटा-बेटी को संपत्ति में समान अधिकार.
- मुस्लिम समुदाय में प्रचलित हलाला और इद्दत की प्रथा पर रोक लगेगी.
- संपत्ति में अधिकार के लिए जायज और नाजायज बच्चों में कोई भेद नहीं होगा.
- नाजायज बच्चों को भी उस दंपति की जैविक संतान माना जाएगा.
- किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसकी संपत्ति में उसकी पत्नी और बच्चों को समान अधिकार मिलेगा.
- किसी महिला के गर्भ में पल रहे बच्चे के संपत्ति में अधिकार को संरक्षित किया जाएगा.
- लिव-इन रिलेशनशिप के लिए पंजीकरण अनिवार्य होगा.
- लिव-इन के दौरान पैदा हुए बच्चों को उस युगल का जायज बच्चा ही माना जाएगा. उस बच्चे को जैविक संतान की तरह सभी अधिकार प्राप्त होंगे.