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अमेरिकी सांसदों के धर्मशाला दौरे से भड़का चीन, सख्त कदम उठाने की दी चेतावनी - China on US Dalai Lama

China warns US Lawmakers Meeting with Dalai Lama: चीन ने हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा से अमेरिकी सांसदों की मुलाकात पर सख्त प्रतिक्रिया दी है. चीन ने चेतावनी दी है कि अगर अमेरिका तिब्बत को लेकर अपनी प्रतिबद्धता का सम्मान नहीं करेगा तो बीजिंग सख्त कदम उठाएगा. पढ़ें पूरी खबर.

China warns US Lawmakers Meeting with Dalai Lama
धर्मशाला में तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा से मिले अमेरिकी सांसद (@DalaiLama)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jun 19, 2024, 8:52 PM IST

नई दिल्ली: अमेरिकी सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा से मुलाकात की. प्रतिनिधिमंडल में अमेरिकी हाउस की पूर्व स्पीकर नैन्सी पेलोसी भी शामिल हैं. अमेरिकी सांसदों के समूह का नेतृत्व हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव (संसन के निचले सदन) की विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष माइकल मैककॉल कर रहे हैं. अन्य सांसदों में मैरिएनेट मिलर, ग्रेगरी मीक्स, निकोल मैलियोटाकिस, जिम मैकगवर्न और एमी बेरा शामिल हैं.

चीन ने अमेरिकी सांसदों के धर्मशाला दौरे पर नाराजगी जताई है और चेतावनी दी है कि अगर अमेरिका तिब्बत को लेकर अपनी प्रतिबद्धता का सम्मान नहीं करेगा तो बीजिंग सख्त कदम उठाएगा. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन चियान ने कहा कि दलाई लामा सिर्फ धार्मिक व्यक्ति नहीं हैं, बल्कि वह धर्म की आड़ में अलगाववादी गतिविधियों में शामिल हैं, जो चीन विरोध है. लिन ने कहा कि बीचिंग अपनी सुरक्षा, संप्रभुता और विकास के हितों की रक्षा करने के लिए कठोर कदम उठाएगा.

नई दिल्ली स्थित चीनी दूतावास ने अमेरिकी सांसदों के धर्मशाला दौरे को लेकर बयान जारी किया है. जिसमें अमेरिका से अपील की गई है कि वह दलाई लामा की चीन विरोधी अलगाववादी गतिविधियों को समझे और तिब्बत को लेकर बीजिंग से की गई प्रतिबद्धताओं का सम्मान करे. साथ ही तिब्बत को लेकर भ्रम फैलाना बंद करे.

वहीं, धर्मशाला में दलाई लामा से मुलाकात के दौरान सांसदों ने चीन-तिब्बत विवाद को लेकर अमेरिकी संसद में पारित बिल भी पर चर्चा की. अमेरिकी सांसदों ने कहा कि वे चीन को दलाई लामा के उत्तराधिकारी के चयन को प्रभावित करने की इजाजत नहीं देंगे. वहीं, नैंसी पेलोसी ने निर्वासित तिब्बती नेता की सराहना की. उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा कि दलाई लामा अपने ज्ञान, परंपरा, करुणा, पवित्रता और प्रेम के संदेश के साथ लंबे समय तक जीवित रहेंगे और उनकी विरासत हमेशा जीवित रहेगी.

'तिब्बत-चीन विवाद के समाधान के लिए अमेरिकी संसद द्वारा पारित किए गए बिल के बारे में पेलोसी ने कहा कि यह चीन को संदेश है कि वॉशिंगटन तिब्बत के मुद्दे पर अपनी सोच में स्पष्ट है. उन्होंने कहा कि यह बिल चीनी सरकार से कहता है कि अब चीजें बदल गई हैं, इसके लिए तैयार हो जाओ.

हम ऐसा नहीं होने देंगे...
वहीं, माइकल मैककॉल ने कहा कि उन्हें अभी भी उम्मीद है कि एक दिन दलाई लामा और उनके लोग शांति से तिब्बत लौट आएंगे. दलाई लामा के उत्तराधिकारी के चयन में चीन के हस्तक्षेप पर मैककॉल ने कहा कि हम ऐसा नहीं होने देंगे.

यह भी पढ़ें- खालिस्तानी आतंकी निज्जर की याद में कनाडा की संसद में रखा गया मौन, भारत ने भी दिया जवाब

नई दिल्ली: अमेरिकी सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा से मुलाकात की. प्रतिनिधिमंडल में अमेरिकी हाउस की पूर्व स्पीकर नैन्सी पेलोसी भी शामिल हैं. अमेरिकी सांसदों के समूह का नेतृत्व हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव (संसन के निचले सदन) की विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष माइकल मैककॉल कर रहे हैं. अन्य सांसदों में मैरिएनेट मिलर, ग्रेगरी मीक्स, निकोल मैलियोटाकिस, जिम मैकगवर्न और एमी बेरा शामिल हैं.

चीन ने अमेरिकी सांसदों के धर्मशाला दौरे पर नाराजगी जताई है और चेतावनी दी है कि अगर अमेरिका तिब्बत को लेकर अपनी प्रतिबद्धता का सम्मान नहीं करेगा तो बीजिंग सख्त कदम उठाएगा. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन चियान ने कहा कि दलाई लामा सिर्फ धार्मिक व्यक्ति नहीं हैं, बल्कि वह धर्म की आड़ में अलगाववादी गतिविधियों में शामिल हैं, जो चीन विरोध है. लिन ने कहा कि बीचिंग अपनी सुरक्षा, संप्रभुता और विकास के हितों की रक्षा करने के लिए कठोर कदम उठाएगा.

नई दिल्ली स्थित चीनी दूतावास ने अमेरिकी सांसदों के धर्मशाला दौरे को लेकर बयान जारी किया है. जिसमें अमेरिका से अपील की गई है कि वह दलाई लामा की चीन विरोधी अलगाववादी गतिविधियों को समझे और तिब्बत को लेकर बीजिंग से की गई प्रतिबद्धताओं का सम्मान करे. साथ ही तिब्बत को लेकर भ्रम फैलाना बंद करे.

वहीं, धर्मशाला में दलाई लामा से मुलाकात के दौरान सांसदों ने चीन-तिब्बत विवाद को लेकर अमेरिकी संसद में पारित बिल भी पर चर्चा की. अमेरिकी सांसदों ने कहा कि वे चीन को दलाई लामा के उत्तराधिकारी के चयन को प्रभावित करने की इजाजत नहीं देंगे. वहीं, नैंसी पेलोसी ने निर्वासित तिब्बती नेता की सराहना की. उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा कि दलाई लामा अपने ज्ञान, परंपरा, करुणा, पवित्रता और प्रेम के संदेश के साथ लंबे समय तक जीवित रहेंगे और उनकी विरासत हमेशा जीवित रहेगी.

'तिब्बत-चीन विवाद के समाधान के लिए अमेरिकी संसद द्वारा पारित किए गए बिल के बारे में पेलोसी ने कहा कि यह चीन को संदेश है कि वॉशिंगटन तिब्बत के मुद्दे पर अपनी सोच में स्पष्ट है. उन्होंने कहा कि यह बिल चीनी सरकार से कहता है कि अब चीजें बदल गई हैं, इसके लिए तैयार हो जाओ.

हम ऐसा नहीं होने देंगे...
वहीं, माइकल मैककॉल ने कहा कि उन्हें अभी भी उम्मीद है कि एक दिन दलाई लामा और उनके लोग शांति से तिब्बत लौट आएंगे. दलाई लामा के उत्तराधिकारी के चयन में चीन के हस्तक्षेप पर मैककॉल ने कहा कि हम ऐसा नहीं होने देंगे.

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