रुडकी (उत्तराखंड): हरिद्वार जिले के रुड़की में धर्म बदलने वाली एक 66 वर्षीय महिला के निधन के बाद उसके अंतिम संस्कार में हंगामा हो गया. जिस धर्म को इस महिला ने छोड़ दिया था उसके कुछ लगों ने अपने रीति-रिवाज से उसका अंतिम संस्कार करने से रोक दिया. सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने उन्हें बमुश्किल समझा बुझाकर कर शांत किया. तब जाकर शव का अंतिम संस्कार किया गया.
जानकारी के मुताबिक रुड़की सिविल लाइन कोतवाली क्षेत्र निवासी एक परिवार के कई सदस्यों ने कुछ दिन पहले अपना हिंदू धर्म छोड़कर ईसाई धर्म अपना लिया था. उनके परिवार की 66 वर्षीय रेखा नामक महिला पत्नी पूरन निवासी भंगेड़ी महावतपुर का निधन हो गया. रेखा के निधन के बाद उसके परिवार के लोग उसके अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट पहुंचे. इसी दौरान हिंदू समाज के लोगों को जैसे ही इसकी जानकारी लगी तो वह मौके पर पहुंच गए. उन्होंने अंतिम संस्कार करने से रोक दिया. इस दौरान दोनों पक्षों में जमकर हंगामा होने लगा.
दरअसल हिंदू समाज के लोगों ने उन्हें ईसाई धर्म के अनुसार शव को दफनाने को कहा. लेकिन मृतका रेखा का बेटा शशिकांत और उनके रिश्तेदार अंतिम संस्कार की बात पर अड़े रहे. इस दौरान दोनों पक्षों में काफी देर तक हंगामा चलता रहा. वहीं किसी ने हंगामे की जानकारी पुलिस को दे दी. सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने किसी तरह से दोनों पक्षों को समझा बुझाकर शांत किया. इसके बाद दोनों पक्षों की सहमति बनने पर शव का अंतिम संस्कार हिंदू रीति-रिवाज से किया गया.
सिविल लाइन कोतवाली प्रभारी निरीक्षक आरके सकलानी ने बताया कि पुलिस ने मौके पर पहुंच कर दोनों पक्षों से वार्ता की और दोनों पक्षों में सहमति बनने पर शव का अंतिम संस्कार किया गया है. इसके बाद दोनों पक्ष वहां से चले गए. उन्होंने बताया कि रेखा के परिवार में एक बेटे ने धर्म नहीं बदला था. जबकि परिवार के अन्य लोगों ने ईसाई धर्म अपना लिया है.
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