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लॉरेंस के गुर्गों के फर्जी पासपोर्ट मामले में नगर निगम और पुलिस प्रशासन ने एक-दूसरे को घेरा, जांच में हुआ यह खुलासा - fake passport case - FAKE PASSPORT CASE

गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के गुर्गों के फर्जी दस्तावेजों पर पासपोर्ट (Gangster Lawrence Bishnoi) बनवाए जाने के मामले में नगर निगम के अधिकारियों ने पल्ला झाड़ लिया है. वहीं, जांच में सामने आया है कि सिपाही ने दरोगा को बिना कागजात दिए ही खुद रिपोर्ट लगा दी थी.

गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई
गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई (फोटो क्रेडिट : Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 24, 2024, 2:10 PM IST

मेरठ : गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के गुर्गों के फर्जी दस्तावेजों पर पासपोर्ट बनवाए जाने के मामले में नगर निगम के अधिकारियों ने पल्ला झाड़ लिया है. एसपी देहात को बताया कि उनके यहां से जन्म प्रमाण पत्र नहीं बनवाया गया. उन्होंने खुद ही फर्जी प्रमाण पत्र बनवाए होंगे.

जांच में ये भी सामने आया है कि सिपाही ने दरोगा को बिना कागजात दिए ही खुद रिपोर्ट लगा दी थी. शुक्रवार (आज) को जांच रिपोर्ट एसएसपी को सौंपी जाएगी. राजस्थान के श्रीडूंगरगढ़ मोमासर बास निवासी व्यापारी जुगल तावणिया से चार अप्रैल को मोबाइल पर पांच करोड़ की रंगदारी मांगी गई. रंगदारी गैंगस्टर लारेंस बिश्नोई गैंग के बदमाश रोहित गोदारा ने मांगी थी. रंगदारी वसूलने के लिए रोहित ने राहुल कुमार पुत्र चेतन लाल और महेंद्र कुमार पुत्र, खजोहर लाल निवासी फतेहपुर बीकानेर को कहा था. पुलिस ने दोनों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी तो सामने आया कि वे मेरठ से फर्जी दस्तावेजों पर पासपोर्ट बनवाकर दुबई भाग गए हैं.

राजस्थान पुलिस ने जांच की तो सामने आया कि दोनों बदमाशों के पासपोर्ट कंकरखेड़ा के सुभाषपुरी निवासी राजू वैद्य ने बनवाए थे. उसने कंकरखेड़ा के श्रद्धापुरी में फर्जी पते पर पासपोर्ट तैयार कराए. मेरठ नगर निगम का जन्म प्रमाणपत्र बनवाया गया. जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर दोनों के फर्जी आधार कार्ड तैयार कराए गए. आधार कार्ड से फर्जी नामों से बैंक में भी खाते खुलवा लिए. इसके बाद राजू वैद्य ने गाजियाबाद पासपोर्ट ऑफिस से तत्काल में दोनों के पासपोर्ट का आवेदन किया.

जांच में सामने आया कि कंकरखेड़ा थाने के सिपाही ने बिना जांच करे ही दरोगा से हस्ताक्षर कराकर उनकी आईडी से ही कागजात भेज दिए. लखनऊ से रिपोर्ट पहुंचने पर पासपोर्ट कार्यालय से तत्काल में दोनों के पासपोर्ट जारी कर दिए गए. दोनों बदमाश राहुल और महेंद्र पासपोर्ट मिलते ही दुबई फरार हो गए. इस मामले में बीकानेर के फतेहपुर थाने में राजू वैद्य को नामजद करते हुए कंकरखेड़ा पुलिस और नगर निगम को भी आरोपी बनाया था.

यह भी पढ़ें : यूपी में खंगाला जा रहा लॉरेन्स बिश्नोई का नेटवर्क; बीकानेर पुलिस ने फर्जी पासपोर्ट मामले में मेरठ से राजू वेद को दबोचा - Lawrence Bishnoi Gang

यह भी पढ़ें : लॉरेंस बिश्नोई गैंग का कुख्यात शूटर गिरफ्तार, राजस्थान फिरौती मामले में है मोस्टवांटेड - Lawrence Bishnoi


इस मामले में एसपी देहात कमलेश बहादुर को रिपोर्ट सौंपी थी. एसपी देहात ने बताया कि उनकी जांच में सामने आया कि कंकरखेड़ा थाने के एक सिपाही ने दरोगा को पासपोर्ट की जांच के लिए कागजात दिए बिना ही रिपोर्ट लगा दी. जांच में उसकी लापरवाही मिली है.

यह भी पढ़ें : लॉरेंस बिश्नोई गैंग के सदस्य को एसटीएफ ने किया गिरफ्तार, गिरोह को करता था हथियारों की सप्लाई - Action On Lawrence Bishnoi Gang

यह भी पढ़ें : सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड: लॉरेंस बिश्नोई समेत 27 पर आरोप तय, पिता बोले- मन को मिली राहत - Sidhu Moosewala Murder Case

मेरठ : गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के गुर्गों के फर्जी दस्तावेजों पर पासपोर्ट बनवाए जाने के मामले में नगर निगम के अधिकारियों ने पल्ला झाड़ लिया है. एसपी देहात को बताया कि उनके यहां से जन्म प्रमाण पत्र नहीं बनवाया गया. उन्होंने खुद ही फर्जी प्रमाण पत्र बनवाए होंगे.

जांच में ये भी सामने आया है कि सिपाही ने दरोगा को बिना कागजात दिए ही खुद रिपोर्ट लगा दी थी. शुक्रवार (आज) को जांच रिपोर्ट एसएसपी को सौंपी जाएगी. राजस्थान के श्रीडूंगरगढ़ मोमासर बास निवासी व्यापारी जुगल तावणिया से चार अप्रैल को मोबाइल पर पांच करोड़ की रंगदारी मांगी गई. रंगदारी गैंगस्टर लारेंस बिश्नोई गैंग के बदमाश रोहित गोदारा ने मांगी थी. रंगदारी वसूलने के लिए रोहित ने राहुल कुमार पुत्र चेतन लाल और महेंद्र कुमार पुत्र, खजोहर लाल निवासी फतेहपुर बीकानेर को कहा था. पुलिस ने दोनों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी तो सामने आया कि वे मेरठ से फर्जी दस्तावेजों पर पासपोर्ट बनवाकर दुबई भाग गए हैं.

राजस्थान पुलिस ने जांच की तो सामने आया कि दोनों बदमाशों के पासपोर्ट कंकरखेड़ा के सुभाषपुरी निवासी राजू वैद्य ने बनवाए थे. उसने कंकरखेड़ा के श्रद्धापुरी में फर्जी पते पर पासपोर्ट तैयार कराए. मेरठ नगर निगम का जन्म प्रमाणपत्र बनवाया गया. जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर दोनों के फर्जी आधार कार्ड तैयार कराए गए. आधार कार्ड से फर्जी नामों से बैंक में भी खाते खुलवा लिए. इसके बाद राजू वैद्य ने गाजियाबाद पासपोर्ट ऑफिस से तत्काल में दोनों के पासपोर्ट का आवेदन किया.

जांच में सामने आया कि कंकरखेड़ा थाने के सिपाही ने बिना जांच करे ही दरोगा से हस्ताक्षर कराकर उनकी आईडी से ही कागजात भेज दिए. लखनऊ से रिपोर्ट पहुंचने पर पासपोर्ट कार्यालय से तत्काल में दोनों के पासपोर्ट जारी कर दिए गए. दोनों बदमाश राहुल और महेंद्र पासपोर्ट मिलते ही दुबई फरार हो गए. इस मामले में बीकानेर के फतेहपुर थाने में राजू वैद्य को नामजद करते हुए कंकरखेड़ा पुलिस और नगर निगम को भी आरोपी बनाया था.

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इस मामले में एसपी देहात कमलेश बहादुर को रिपोर्ट सौंपी थी. एसपी देहात ने बताया कि उनकी जांच में सामने आया कि कंकरखेड़ा थाने के एक सिपाही ने दरोगा को पासपोर्ट की जांच के लिए कागजात दिए बिना ही रिपोर्ट लगा दी. जांच में उसकी लापरवाही मिली है.

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