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मुंबई में न्याय यात्रा समापन से पहले राहुल गांधी की नासिक किसान रैली में दिखेगी I.N.D.I.A. ब्लॉक की एकजुटता - Bharat Jodo Nyay Yatra

Bharat Jodo Nyay Yatra, राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा 17 मार्च को समाप्त होने वाली है और इसे लेकर मुंबई में I.N.D.I.A. ब्लॉक की एक रैली होने वाली है. इस रैली में महा विकास अघाड़ी के नेता शरद पवार और संजय राउत के साथ कई अन्य नेता भी शामिल होंगे.

Rahul Gandhi
राहुल गांधी
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Mar 14, 2024, 8:53 PM IST

नई दिल्ली: राहुल गांधी की भारत न्याय यात्रा के समापन को चिह्नित करने के लिए 17 मार्च को I.N.D.I.A. ब्लॉक की मुंबई रैली से पहले, महा विकास अघाड़ी नेता शरद पवार और संजय राउत नासिक में पूर्व कांग्रेस प्रमुख के साथ एकजुटता का प्रदर्शन करने के लिए शामिल हुए. नासिक रैली उस दिन हुई, जब विभिन्न किसान समूहों ने दिल्ली के प्रतिष्ठित रामलीला मैदान में विरोध प्रदर्शन किया.

राहुल, जो लंबे समय से किसानों की चिंताओं को उठा रहे हैं, उन्होंने इस अवसर का उपयोग खाद्य उत्पादकों के लिए अपनी पांच गारंटी जारी करने के लिए किया, जिसमें कानूनी एमएसपी, कृषि ऋण माफी पर गौर करने के लिए एक आयोग का गठन, पीएम फसल बीमा योजना को फिर से डिजाइन करना, विभिन्न फसलों के लिए निर्यात-आयात नीति तैयार करना और कृषि उपकरणों पर जीएसटी हटाना शामिल है.

ये घोषणाएं उन वादों की श्रृंखला का हिस्सा थीं, जो पूर्व कांग्रेस प्रमुख युवाओं और महिलाओं सहित समाज के विभिन्न वर्गों के लिए कर रहे हैं. कई वर्षों से राहुल के साथ मिलकर काम कर चुके शिव सेना के दिग्गज नेता संजय राउत ने कहा कि पूर्व कांग्रेस प्रमुख पीएम के रेडियो मोनोलॉग 'मन की बात' के विपरीत लोगों की समस्याएं सुनने के लिए देश भर में यात्रा कर रहे थे.

राऊत ने घोषणा की कि 'हम आपके साथ हैं राहुलजी.' राकांपा शरदचंद्र पवार के राज्य प्रमुख जयंत पाटिल ने भी राहुल का समर्थन किया, जबकि पार्टी के वरिष्ठ नेता शरद पवार ने किसानों की अनदेखी के लिए केंद्र की आलोचना की. पवार ने कहा कि 'किसान विरोध कर रहे हैं, आत्महत्या कर रहे हैं और आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन सरकार को कोई परवाह नहीं है.'

राहुल के कार्यक्रम में शामिल होने वाले दोनों सहयोगियों ने उन सभी को एक कड़ा संदेश भेजा है, जो पिछले कुछ समय से गठबंधन सहयोगियों के सीट बंटवारे पर संदेह जता रहे हैं. एआईसीसी के महाराष्ट्र प्रभारी सचिव आशीष दुआ ने बताया कि 'गठबंधन पर बातचीत चल रही है और जल्द ही इसे अंतिम रूप दे दिया जाएगा. नासिक रैली बहुत सफल रही. I.N.D.I.A. गठबंधन की एकता प्रदर्शित हो रही थी. यह सभी के लिए एक संदेश होना चाहिए.'

पूर्व सांसद और केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन के मुताबिक राहुल गांधी दशकों से किसानों की दुर्दशा को लेकर चिंतित थे. जैन ने बताया कि 'पिछली यूपीए सरकार के दौरान, उन्होंने भूमि अधिग्रहण कानून पारित करने में भूमिका निभाई, जिसने किसानों की जमीन को सस्ती दरों पर लेने से रोक दिया.' उन्होंने कहा कि 'यूपीए सरकार ने किसानों को राहत देने के लिए 70,000 करोड़ रुपये की कृषि ऋण माफी भी लागू की थी.'

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, राहुल पिछले वर्षों से किसानों के साथ बातचीत कर रहे थे और हाल ही में अपनी राष्ट्रव्यापी यात्रा भाग 2 शुरू करने से पहले उन्होंने हरियाणा के सोनीपत में खेतों का दौरा किया. किसान कांग्रेस प्रमुख सुखपाल खैरा ने कहा कि 'यह हमारे नेता की गरीब-समर्थक, सैनिक-समर्थक और किसान-समर्थक राजनीति के साथ बिल्कुल फिट बैठता है. उन्होंने वर्षों पहले भविष्यवाणी की थी कि केंद्र को तीन विवादास्पद कृषि कानून वापस लेने होंगे और वही हुआ.'

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस को उम्मीद है कि इन गारंटियों के साथ देश भर के किसानों को एकजुट किया जा सकेगा, क्योंकि बढ़ी हुई इनपुट लागत, जलवायु परिवर्तन और घटते पारिश्रमिक ने कृषि को एक कठिन प्रस्ताव बना दिया है. राहुल ने नासिक रैली में कहा कि 'सरकार ने पिछले 10 वर्षों में किसानों के लिए कुछ नहीं किया है, लेकिन उन्होंने कुछ बड़े कॉरपोरेट्स के लाखों करोड़ रुपये के ऋण माफ कर दिए हैं.'

नई दिल्ली: राहुल गांधी की भारत न्याय यात्रा के समापन को चिह्नित करने के लिए 17 मार्च को I.N.D.I.A. ब्लॉक की मुंबई रैली से पहले, महा विकास अघाड़ी नेता शरद पवार और संजय राउत नासिक में पूर्व कांग्रेस प्रमुख के साथ एकजुटता का प्रदर्शन करने के लिए शामिल हुए. नासिक रैली उस दिन हुई, जब विभिन्न किसान समूहों ने दिल्ली के प्रतिष्ठित रामलीला मैदान में विरोध प्रदर्शन किया.

राहुल, जो लंबे समय से किसानों की चिंताओं को उठा रहे हैं, उन्होंने इस अवसर का उपयोग खाद्य उत्पादकों के लिए अपनी पांच गारंटी जारी करने के लिए किया, जिसमें कानूनी एमएसपी, कृषि ऋण माफी पर गौर करने के लिए एक आयोग का गठन, पीएम फसल बीमा योजना को फिर से डिजाइन करना, विभिन्न फसलों के लिए निर्यात-आयात नीति तैयार करना और कृषि उपकरणों पर जीएसटी हटाना शामिल है.

ये घोषणाएं उन वादों की श्रृंखला का हिस्सा थीं, जो पूर्व कांग्रेस प्रमुख युवाओं और महिलाओं सहित समाज के विभिन्न वर्गों के लिए कर रहे हैं. कई वर्षों से राहुल के साथ मिलकर काम कर चुके शिव सेना के दिग्गज नेता संजय राउत ने कहा कि पूर्व कांग्रेस प्रमुख पीएम के रेडियो मोनोलॉग 'मन की बात' के विपरीत लोगों की समस्याएं सुनने के लिए देश भर में यात्रा कर रहे थे.

राऊत ने घोषणा की कि 'हम आपके साथ हैं राहुलजी.' राकांपा शरदचंद्र पवार के राज्य प्रमुख जयंत पाटिल ने भी राहुल का समर्थन किया, जबकि पार्टी के वरिष्ठ नेता शरद पवार ने किसानों की अनदेखी के लिए केंद्र की आलोचना की. पवार ने कहा कि 'किसान विरोध कर रहे हैं, आत्महत्या कर रहे हैं और आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन सरकार को कोई परवाह नहीं है.'

राहुल के कार्यक्रम में शामिल होने वाले दोनों सहयोगियों ने उन सभी को एक कड़ा संदेश भेजा है, जो पिछले कुछ समय से गठबंधन सहयोगियों के सीट बंटवारे पर संदेह जता रहे हैं. एआईसीसी के महाराष्ट्र प्रभारी सचिव आशीष दुआ ने बताया कि 'गठबंधन पर बातचीत चल रही है और जल्द ही इसे अंतिम रूप दे दिया जाएगा. नासिक रैली बहुत सफल रही. I.N.D.I.A. गठबंधन की एकता प्रदर्शित हो रही थी. यह सभी के लिए एक संदेश होना चाहिए.'

पूर्व सांसद और केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन के मुताबिक राहुल गांधी दशकों से किसानों की दुर्दशा को लेकर चिंतित थे. जैन ने बताया कि 'पिछली यूपीए सरकार के दौरान, उन्होंने भूमि अधिग्रहण कानून पारित करने में भूमिका निभाई, जिसने किसानों की जमीन को सस्ती दरों पर लेने से रोक दिया.' उन्होंने कहा कि 'यूपीए सरकार ने किसानों को राहत देने के लिए 70,000 करोड़ रुपये की कृषि ऋण माफी भी लागू की थी.'

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, राहुल पिछले वर्षों से किसानों के साथ बातचीत कर रहे थे और हाल ही में अपनी राष्ट्रव्यापी यात्रा भाग 2 शुरू करने से पहले उन्होंने हरियाणा के सोनीपत में खेतों का दौरा किया. किसान कांग्रेस प्रमुख सुखपाल खैरा ने कहा कि 'यह हमारे नेता की गरीब-समर्थक, सैनिक-समर्थक और किसान-समर्थक राजनीति के साथ बिल्कुल फिट बैठता है. उन्होंने वर्षों पहले भविष्यवाणी की थी कि केंद्र को तीन विवादास्पद कृषि कानून वापस लेने होंगे और वही हुआ.'

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस को उम्मीद है कि इन गारंटियों के साथ देश भर के किसानों को एकजुट किया जा सकेगा, क्योंकि बढ़ी हुई इनपुट लागत, जलवायु परिवर्तन और घटते पारिश्रमिक ने कृषि को एक कठिन प्रस्ताव बना दिया है. राहुल ने नासिक रैली में कहा कि 'सरकार ने पिछले 10 वर्षों में किसानों के लिए कुछ नहीं किया है, लेकिन उन्होंने कुछ बड़े कॉरपोरेट्स के लाखों करोड़ रुपये के ऋण माफ कर दिए हैं.'

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