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रेलवे का हेल्थ यूनिक आईडी कार्ड, आश्रितों को भी मिलेगा फायदा, मुफ्त में होगा इलाज - UMID For Railway Employees - UMID FOR RAILWAY EMPLOYEES

रेलवे ने अपने कर्मचारियों, पेंशनधारियों और उनके आश्रितों के लिए हेल्थ यूनिक आईडी कार्ड जारी किया है. इस एक कार्ड से वे रेलवे पैनल में शामिल किसी भी अस्पताल में मुफ्त में इलाज करा सकते हैं. यह कार्ड एम्स में भी वैलिड होगा. पढ़ें पूरी खबर.

File Photo
फाइल फोटो (Indian Railway)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 4, 2024, 1:49 PM IST

नई दिल्ली : इंडियन रेलवे ने अपने कर्मचारियों, पेंशनधारियों और उन पर आश्रित रहने वालों को मुफ्त हेल्थ सेवाएं देने का फैसला किया है. इसके लिए उन्हें यूएमआईडी (यूनिक मेडिकल आईडेंटिफिकेशन) कार्ड प्रदान किया जाएगा. इस कार्ड की मदद से वे पूरे देश में रेलवे पैनल में शामिल किसी भी अस्पतालों और किसी भी एम्स में मुफ्त इलाज करा सकेंगे. यह कार्ड 100 रुपये में बन जाएगा.

अनुमान है कि रेलवे के 12.5 लाख कर्मियों के साथ-साथ 15 लाख पेंशनधारियों और लगभग 10 लाख आश्रितों को फायदा होगा. सरकार ने यह निर्णय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की शिकायतों के बाद लिया है. उनका आरोप रहा है कि आम तौर पर डॉक्टर अपने पसंदीदा अस्पतालों के लिए रेफर कर देते हैं. लेकिन नई नीति में रेफर करने का कोई झंझट नहीं रहेगा. वे रेलवे पैनल के किसी भी अस्पताल में इस कार्ड के जरिए इलाज करवा सकते हैं और उनका इलाज मुफ्त होगा, साथ ही उन्हें दवाएं भी मुफ्त में मिलेंगी.

रेलवे बोर्ड के कार्यकारी निदेशकप्रणव कुमार मलिक का एक बयान मीडिया में आया है. इसमें बताया गया है कि विशिष्ट चिकित्सा पहचान (यूएमआईडी) कार्ड के तत्काल रोलआउट के लिए एक निर्देश जारी किया गया है. उनके अनुसार इसे स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली (एचएमआईएस) के साथ एकीकृत करके, यूएमआईडी कार्ड को सरकार द्वारा समर्थित डिजिटल स्टोरेज प्लेटफॉर्म डिजीलॉकर में सुरक्षित रूप से संग्रहीत किया जाएगा जो महत्वपूर्ण दस्तावेजों की सुरक्षा और पहुंच सुनिश्चित करता है.

यूएमआईडी डिजीलॉकर में संरक्षित रखा जा सकेगा. डिजीलॉकर में उपलब्ध होने के अलावा, यूएमआईडी कार्ड रेलवे प्रणाली के भीतर कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की व्यक्तिगत प्रोफाइल से भी सीधे जुड़ा होगा. ऐसा इसलिए किया गया है कि ताकि इलाज से पहले जो भी कागजी कार्रवाई की जाती है, वह सरलता से संभव हो सके.

इस कार्ड के जरिए कर्मचारी, पेंशनभोगी या आश्रित रेलवे के पैनल में शामिल किसी भी अस्पताल या डायग्नोस्टिक सेंटर में इलाज करा सकेंगे. रेलवे के अधिकारी ने बताया कि किसी के पास यूएमआईडी कार्ड नहीं है तो उसका यूएमआईडी नंबर भी इलाज के लिए मान्य होगा. उनका ये भी कहना है कि विशेष परिस्थितियों में कुछ अस्पतालों के लिए रेफरल जारी किए जा सकते हैं.

ये भी पढे़ं : रेलवे के तोड़ेंगे नियम तो सजा पक्की, जानें किस कानून के तहत किस अपराध के लिए कितनी है सजा

नई दिल्ली : इंडियन रेलवे ने अपने कर्मचारियों, पेंशनधारियों और उन पर आश्रित रहने वालों को मुफ्त हेल्थ सेवाएं देने का फैसला किया है. इसके लिए उन्हें यूएमआईडी (यूनिक मेडिकल आईडेंटिफिकेशन) कार्ड प्रदान किया जाएगा. इस कार्ड की मदद से वे पूरे देश में रेलवे पैनल में शामिल किसी भी अस्पतालों और किसी भी एम्स में मुफ्त इलाज करा सकेंगे. यह कार्ड 100 रुपये में बन जाएगा.

अनुमान है कि रेलवे के 12.5 लाख कर्मियों के साथ-साथ 15 लाख पेंशनधारियों और लगभग 10 लाख आश्रितों को फायदा होगा. सरकार ने यह निर्णय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की शिकायतों के बाद लिया है. उनका आरोप रहा है कि आम तौर पर डॉक्टर अपने पसंदीदा अस्पतालों के लिए रेफर कर देते हैं. लेकिन नई नीति में रेफर करने का कोई झंझट नहीं रहेगा. वे रेलवे पैनल के किसी भी अस्पताल में इस कार्ड के जरिए इलाज करवा सकते हैं और उनका इलाज मुफ्त होगा, साथ ही उन्हें दवाएं भी मुफ्त में मिलेंगी.

रेलवे बोर्ड के कार्यकारी निदेशकप्रणव कुमार मलिक का एक बयान मीडिया में आया है. इसमें बताया गया है कि विशिष्ट चिकित्सा पहचान (यूएमआईडी) कार्ड के तत्काल रोलआउट के लिए एक निर्देश जारी किया गया है. उनके अनुसार इसे स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली (एचएमआईएस) के साथ एकीकृत करके, यूएमआईडी कार्ड को सरकार द्वारा समर्थित डिजिटल स्टोरेज प्लेटफॉर्म डिजीलॉकर में सुरक्षित रूप से संग्रहीत किया जाएगा जो महत्वपूर्ण दस्तावेजों की सुरक्षा और पहुंच सुनिश्चित करता है.

यूएमआईडी डिजीलॉकर में संरक्षित रखा जा सकेगा. डिजीलॉकर में उपलब्ध होने के अलावा, यूएमआईडी कार्ड रेलवे प्रणाली के भीतर कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की व्यक्तिगत प्रोफाइल से भी सीधे जुड़ा होगा. ऐसा इसलिए किया गया है कि ताकि इलाज से पहले जो भी कागजी कार्रवाई की जाती है, वह सरलता से संभव हो सके.

इस कार्ड के जरिए कर्मचारी, पेंशनभोगी या आश्रित रेलवे के पैनल में शामिल किसी भी अस्पताल या डायग्नोस्टिक सेंटर में इलाज करा सकेंगे. रेलवे के अधिकारी ने बताया कि किसी के पास यूएमआईडी कार्ड नहीं है तो उसका यूएमआईडी नंबर भी इलाज के लिए मान्य होगा. उनका ये भी कहना है कि विशेष परिस्थितियों में कुछ अस्पतालों के लिए रेफरल जारी किए जा सकते हैं.

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