नई दिल्ली : संसद में राम मंदिर पर चर्चा के दौरान केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति भावुक हो गईं. साथ ही बड़े बेबाकी से उन्होंने कहा कि ये काम 56 इंच के सीने वाले हमारे प्रधानमंत्री ही कर सकते थे. केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा कि जब पीएम अयोध्या में राम जी के मुकुट लेकर आ रहे थे तो मानो ऐसा लग रहा था कि जैसे खुद भरत जी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा करने आ रहे हैं.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 'इस सत्र में कई काम हुए जिस राम भूमि की चर्चा हो रही कभी सोचा नहीं था कि वो सपना पूरा होगा. इसलिए मैंने कहा कि उसे बनाने की हिम्मत 56 इंच वाले प्रधानमंत्री ही कर सकते थे. हमने कभी सोचा नहीं था कि कभी संसद में राम पर भी चर्चा होगी.'
केंद्रीय मंत्री निरंजन ज्योति ने कहा कि 'ये दुर्भाग्य है कि ओवैसी जी जैसे सांसद बाबर जैसे आक्रांताओं के साथ खड़े हुए जिंदाबाद के नारे लगा रहे हैं. रामलला की मुक्ति के लिए 21 पीढ़ियां बीत गईं.'
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ये सत्र ऐतिहासिक रहा है ना सिर्फ राम मंदिर का निर्माण बल्कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम, मुस्लिम महिलाओं जिन्हे चाय खराब बन गई तो तीन तलाक़ के दंश झेलने पड़ते थे. ओवैसी पर बोलते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 'देश में बाबर को जिंदाबाद कहना दुर्भाग्य की बात है. चुनावी एजेंडा सेट करने के लिए लोग कुछ भी बोल रहे हैं.'
केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने लगातार दो सत्र में कहा कि जब कांग्रेस के लोग बोल रहे थे तो मुझे बहुत दुख हो रहा था वो लोग हमेशा से राम के अस्तित्व को नकारते रहे हैं.
उन्होंने कहा 'मैंने ऐसे ही नहीं पीएम के 56 इंच के सीने का बयान दिया बल्कि उन्होंने गरीबों को गरीबी रेखा से ऊपर उठाया है. उन्हें स्वाभिमान से जीने के लिए छत दी, मुफ्त राशन दिया. राम हमारे लिए आस्था का विषय हैं वो चुनावी एजेंडा नहीं. जनता देख रही है कि हमने क्या किया है. पहले सिर्फ भ्रष्टाचार की बातें हुआ करती थीं, हम आस्था के भरोसे नहीं बल्कि जो काम किया है उसके भरोसे चुनाव में जाएंगे.
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