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11 पर्वतारोहियों के नाम पर होंगी हिमालय की अनारोहित चोटियां, IMF ने दी स्वीकृति

Draupadi Ka Danda Avalanche गढ़वाल हिमालय की अनारोहित चोटियों का नाम उत्तराखंड के 11 दिवंगत पर्वतारोहियों के नाम पर रखा जाएगा. इन पर्वतारोहियों ने द्रौपदी का डांडा-2 हिमस्खलन में जान गंवाई थी.

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फोटो- ईटीवी भारत
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Mar 7, 2024, 6:24 PM IST

उत्तरकाशी: द्रौपदी का डांडा-2 हिमस्खलन हादसे में मृतक, राज्य के 11 पर्वतारोहियों के नाम पर गढ़वाल हिमालय की अब तक की अनारोहित चोटियों का नामकरण होगा. नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) ने मृतक पर्वतारोहियों को अनूठी श्रद्धाजंलि देने के उद्देश्य से 11 अनारोहित चोटियों के आरोहण की योजना बनाई है. जिसे इसी साल मई से जुलाई तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.

वर्ष 2022 में निम के एडवांस माउंटेनियरिंग कोर्स के दौरान द्रौपदी का डांडा-2 चोटी आरोहण के दौरान हिमस्खलन हादसा हुआ था. हादसे में 28 पर्वतारोहियों की मौत हो गई थी. जबकि एक अब भी लापता है. इन पर्वतारोहियों में राज्य की एवरेस्ट विजेता सविता कंसवाल समेत 11 पर्वतारोही शामिल थे. दिवंगत पर्वतारोही सविता कंसवाल को मरणोपरांत तेनजिंग नोर्गे नेशनल एडवेंचर अवार्ड से नवाजा गया है. निम प्रबंधन ने इन पर्वतारोहियों को श्रद्धांजलि देने के लिए उनके नाम पर गढ़वाल हिमालय की अब तक की अनारोहित चोटियों का नामकरण करने की योजना तैयार की है.

निम प्रबंधन ने गढ़वाल हिमालय की अनारोहित 11 चोटियां चिन्हित कर भारतीय पर्वतारोहण फाउंडेशन(आईएमएफ) को उनकी सूची भेजी थी. जिसे आईएमएफ ने स्वीकृति दी है. अब मार्च से अप्रैल तक अनारोहित चोटियों की रैकी की जाएगी. जिसके बाद मई से लेकर जुलाई तक इन चोटियों का आरोहण करने की योजना है. जिनका नामकरण राज्य के मृतक पर्वतारोहियों के नाम पर होगा.

निम के कर्नल करेंगे दल का नेतृत्व: अनारोहित चोटियों को मृतक पर्वतारोहियों का नाम देने के इस पर्वतारोहण अभियान का नेतृत्व निम के प्रधानाचार्य कर्नल अंशुमान भदौरिया करेंगे. दल में निम के ही प्रशिक्षक शामिल होंगे. जिनकी संख्या लगभग 8 से 10 रहेगी. हालांकि, अभी दल के लिए प्रशिक्षकों का चयन नहीं हुआ है.

हादसे में इन्होंने गंवाई थी जान: 4 अक्तूबर 2022 को निम के एडवांस कोर्स का दल द्रौपदी का डांडा-2 चोटी का आरोहण करने जा रहा था. जिसमें प्रशिक्षु, प्रशिक्षक सहित 58 सदस्य शामिल थे. यह दल चोटी पर आरोहण के दौरान हिमस्खलन की चपेट में आया. जिसमें 29 लोग लापता हो गए थे. बाद में 27 के शव बरामद किए. लापता दो में से एक का शव पिछले साल बरामद हुआ. वहीं एक अब भी लापता है. हादसे में राज्य की एवरेस्ट विजेता सविता कंसवाल, नौमी रावत, अजय बिष्ट, सतीश रावत, कपिल पंवार, विनय पंवार, संतोष कुकरेती, राहुल पंवार, शुभम सारंगी, नरेंद्र सिंह और सिद्धार्थ खंडूड़ी ने जान गंवाई थी.

निम के प्रधानाचार्य कर्नल अंशुमान भदौरिया ने बताया कि हिमस्खलन हादसे में मृतक राज्य के 11 पर्वतारोहियों को श्रद्धांजलि देने के लिए अब तक अनारोहित 11 चोटियों पर आरोहण कर उनका नाम मृतक पर्वतारोहियों के नाम पर रखा जाएगा. रैकी कर यह अभियान मई से जुलाई तक पूरा करने की योजना है.

ये भी पढ़ेंः सविता कंसवाल ने दुनिया में किया नाम रोशन, बेटी का अवार्ड लेने पहुंचे पिता तो लोगों की भर आई आंखें

ये भी पढ़ेंः द्रौपदी का डांडा एवलॉन्च की बरसी, पहाड़ ने खोई दो जाबांज माउंटेनियर बेटियां, बर्फ में दफन हुए थे 29 पर्वतारोही

उत्तरकाशी: द्रौपदी का डांडा-2 हिमस्खलन हादसे में मृतक, राज्य के 11 पर्वतारोहियों के नाम पर गढ़वाल हिमालय की अब तक की अनारोहित चोटियों का नामकरण होगा. नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) ने मृतक पर्वतारोहियों को अनूठी श्रद्धाजंलि देने के उद्देश्य से 11 अनारोहित चोटियों के आरोहण की योजना बनाई है. जिसे इसी साल मई से जुलाई तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.

वर्ष 2022 में निम के एडवांस माउंटेनियरिंग कोर्स के दौरान द्रौपदी का डांडा-2 चोटी आरोहण के दौरान हिमस्खलन हादसा हुआ था. हादसे में 28 पर्वतारोहियों की मौत हो गई थी. जबकि एक अब भी लापता है. इन पर्वतारोहियों में राज्य की एवरेस्ट विजेता सविता कंसवाल समेत 11 पर्वतारोही शामिल थे. दिवंगत पर्वतारोही सविता कंसवाल को मरणोपरांत तेनजिंग नोर्गे नेशनल एडवेंचर अवार्ड से नवाजा गया है. निम प्रबंधन ने इन पर्वतारोहियों को श्रद्धांजलि देने के लिए उनके नाम पर गढ़वाल हिमालय की अब तक की अनारोहित चोटियों का नामकरण करने की योजना तैयार की है.

निम प्रबंधन ने गढ़वाल हिमालय की अनारोहित 11 चोटियां चिन्हित कर भारतीय पर्वतारोहण फाउंडेशन(आईएमएफ) को उनकी सूची भेजी थी. जिसे आईएमएफ ने स्वीकृति दी है. अब मार्च से अप्रैल तक अनारोहित चोटियों की रैकी की जाएगी. जिसके बाद मई से लेकर जुलाई तक इन चोटियों का आरोहण करने की योजना है. जिनका नामकरण राज्य के मृतक पर्वतारोहियों के नाम पर होगा.

निम के कर्नल करेंगे दल का नेतृत्व: अनारोहित चोटियों को मृतक पर्वतारोहियों का नाम देने के इस पर्वतारोहण अभियान का नेतृत्व निम के प्रधानाचार्य कर्नल अंशुमान भदौरिया करेंगे. दल में निम के ही प्रशिक्षक शामिल होंगे. जिनकी संख्या लगभग 8 से 10 रहेगी. हालांकि, अभी दल के लिए प्रशिक्षकों का चयन नहीं हुआ है.

हादसे में इन्होंने गंवाई थी जान: 4 अक्तूबर 2022 को निम के एडवांस कोर्स का दल द्रौपदी का डांडा-2 चोटी का आरोहण करने जा रहा था. जिसमें प्रशिक्षु, प्रशिक्षक सहित 58 सदस्य शामिल थे. यह दल चोटी पर आरोहण के दौरान हिमस्खलन की चपेट में आया. जिसमें 29 लोग लापता हो गए थे. बाद में 27 के शव बरामद किए. लापता दो में से एक का शव पिछले साल बरामद हुआ. वहीं एक अब भी लापता है. हादसे में राज्य की एवरेस्ट विजेता सविता कंसवाल, नौमी रावत, अजय बिष्ट, सतीश रावत, कपिल पंवार, विनय पंवार, संतोष कुकरेती, राहुल पंवार, शुभम सारंगी, नरेंद्र सिंह और सिद्धार्थ खंडूड़ी ने जान गंवाई थी.

निम के प्रधानाचार्य कर्नल अंशुमान भदौरिया ने बताया कि हिमस्खलन हादसे में मृतक राज्य के 11 पर्वतारोहियों को श्रद्धांजलि देने के लिए अब तक अनारोहित 11 चोटियों पर आरोहण कर उनका नाम मृतक पर्वतारोहियों के नाम पर रखा जाएगा. रैकी कर यह अभियान मई से जुलाई तक पूरा करने की योजना है.

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