नई दिल्ली : पहले जर्मनी, फिर अमेरिका और अब संयुक्त राष्ट्र ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर बयान जारी किए हैं. इन्होंने कांग्रेस पार्टी के कुछ बैंक खातों को फ्रीज किये जाने पर भी चिंता जताई है.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस के एक प्रवक्ता ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर चिंता प्रकट की. उन्होंने केजरीवाल के साथ-साथ कांग्रेस पार्टी के बैंक खातों को सील किए जाने को लेकर भी सवाल उठाए हैं. उनकी ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि भारत समेत उन सभी देशों में जहां भी चुनाव हो रहे हैं, आम लोगों के पॉलिटिकल और सिविल राइट्स की रक्षा होनी चाहिए, ताकि वे स्वतंत्र और निष्पक्ष होकर मतदान कर सकें.
यूएन की इस टिप्पणी से पहले अमेरिका और जर्मनी भी इसी तरह की टिप्पणी कर चुके हैं. अमेरिका की ओर से जारी बयान पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की थी. भारत ने उनके वरिष्ठ राजनयिक को तलब भी किया था. हालांकि, इसके बावजूद अमेरिका ने अपना स्टैंड दोहराया है.
अमेरिका ने अपने बयान में कहा था कि वह निष्पक्ष, पारदर्शी और समयबद्ध कानूनी प्रक्रियाओं को हमेशा से ही प्रोत्साहित करता रहा है. अमेरिकी अधिकारी मैथ्यू मिलर ने कहा कि हमने जो भी बयान सार्वजनिक तौर पर दिए हैं, अमेरिका उस पर कायम है.
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने यह भी कहा था कि भारत के टैक्स अधिकारियों ने जिस तरीके से कांग्रेस के कुछ बैंक अकाउंट्स को फ्रीज किए हैं, उससे आगामी चुनाव प्रभावित हो सकते हैं.
भारत ने अमेरिकी अधिकारी की प्रतिक्रिया पर कहा था कि भारत जैसे लोकतांत्रिक व्यवस्था को अनावश्यक बाहरी प्रभाव से बचाने की जरूरत है.
अमेरिका से पहले जर्मनी के विदेश मंत्रालय ने केजरीवाल की गिरफ्तारी पर कहा था कि पूरे मामले में निष्पक्षता से कार्रवाई होनी चाहिए. उनकी ओर से जारी बयान में कहा गया था कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कानूनी विकल्पों के उपयोग की स्वतंत्रता मिलनी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है और हमें उम्मीद है कि वहां पर सभी मानकों को लागू किया जाएगा. भारत ने जर्मनी के राजदूत को बुलाकर अपना विरोध जताया था.
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