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भारतीय संस्कृति से प्रभावित हुए दो रूसी जोड़े, हरिद्वार में हिंदू रीति-रिवाज से की शादी - Russian Couples Get Married

Russian Couples Got Married Following Hindu Rituals In Haridwar भारतीय संस्कृति से प्रभावित होकर रूस के दोनों जोड़ों ने हरिद्वार में हिंदू रीति-रिवाज से शादी के बंधन में बंधे. इस दौरान उनके दोस्त भी भारतीय रीति-रिवाज से काफी प्रभावित दिखे.

Russian Couples Got Married Following Hindu Rituals
हरिद्वार में हिंदू रीति-रिवाज से की शादी (PHOTO- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 15, 2024, 4:00 PM IST

Updated : Sep 15, 2024, 5:06 PM IST

हरिद्वारः हिंदू धर्म को विश्व के सबसे पुराने धर्मों में से एक माना जाता है. सनातन के विचारों और संस्कृति से दुनिया में बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हैं. यही कारण है कि बड़ी संख्या में विदेशी भी भारतीय संस्कृति, परंपरा और रीति-रिवाज को अपनाते हैं. हरिद्वार के अखंड परमधाम आश्रम में भारतीय संस्कृति से ओतप्रोत होकर दो विदेशी जोड़ों ने हिंदू रीति रिवाज से शादी की.

हरिद्वार में दो रूसी जोड़ों ने हिंदू रीति-रिवाज से की शादी (VIDEO-ETV Bharat)

सनातन संस्कृति के प्रति पाश्चात्य संस्कृति का प्रेम धर्मनगरी हरिद्वार के अखंड परमधाम आश्रम में देखा गया. रविवार 15 सितंबर को रूस से दो जोड़ों ने भारतीय संस्कृति और वैदिक विधि-विधान के साथ शादी के बंधन में बंधे. रूस से ही आए उनके दोस्तों ने दोनों जोड़ों के साथ आश्रम के गेट से बारात निकाली और हिंदी गानों पर थिरकते हुए शिव मंदिर पहुंचे. दोनों जोड़ों ने बारातियों के साथ भगवान शिव की पूजा की और फिर विवाह स्थल पर पहुंचे. जहां महामंडलेश्वर परमहंस परमानंद और ज्योतिर्मयानंद महाराज ने संतों के साथ जोड़ों और बारातियों का स्वागत किया.

शादी के बंधन में बंधे दो विदेशी जोड़े: विवाह स्थल पर पूरे विधि-विधान और वैदिक रीति-रिवाज के साथ विवाह कराया गया. रूस की दोनों दुल्हन भारतीय परिधान में जबकि दोनों दूल्हे शेरवानी और साफा पहना हुए थे. वैदिक मंत्रों के साथ दोनों जोड़ों ने एक-दूसरे को वरमाला पहनाई फिर साथ फेरे लिए. साथ ही एक-दूसरे का हमेशा साथ निभाने का वचन दिया. इसके बाद दोनों ने संतों और अपने गुरूओं का आशीर्वाद लिया. शादी करने वाले रूस के जोड़ों का नाम बुलात-अदेला और लिया-इलूर है. दोनों जोड़े अपने ग्रुप के साथ भारत आधात्म ज्ञान लेने आए हैं.

भारतीय संस्कृति से प्रभावित: शादी संपन्न होने के बाद महामंडलेश्वर ज्योतिर्मयानंद का कहना है कि यह धर्म परिवर्तन का विषय नहीं है. अक्सर विदेशी मेहमान भारत के आध्यात्मिक से प्रभावित होकर यहां आधात्म ज्ञान के लिए आते हैं. पूर्व में भी कई विदेशी जोड़ों ने यहां शादी की है. विदेशी जोड़े भारत में हिंदू रीति-रिवाज से इसलिए भी शादी करते हैं क्योंकि भारतीय संस्कृति में शादी करने से उनका वैवाहिक जीवन काफी लंबा चलता है. जबकि पाश्चात्य देशों में उनके रीति-रिवाज से शादी करने में ऐसा कम ही होता है. ये बातें हमें शादी कर चुके विदेशी जोड़ों ने ही बताई है. इनसे पहले भी कई विदेशी जोड़ों ने यहां शादी की. वह लंबे समय से साथ रह रहे हैं. और उन्ही से प्रभावित होकर अन्य विदेशी जोड़े भी भारत में भारतीय संस्कृति से शादी करने आ रहे हैं

हिंदू रीति-रिवाज से भी की शादी: रूस से आए मेहमानों की ग्रुप लीडर मरिया का कहना है कि यहां हमारा कैंप लगा. आज छठा दिन है. रूस के दो जोड़ों की भारतीय परंपरा से शादी हुई है. दोनों जोड़े पहले रूस में रूस के रीति रिवाजों से शादी कर चुके हैं. एक जोड़े के बच्चे भी हैं. लेकिन दोनों ही जोड़े चाहते थे कि वे हिंदू रीति रिवाज से भी शादी करें. इसलिए आज दोनों जोड़े गुरुओं के आशीर्वाद से हैप्पी मैरिड लाइफ के लिए शादी के बंधन में बंधे हैं.

ये भी पढ़ेंः पनामा के गोंजालेन और फिलिजाबेथ ने गंगोत्री में लिए सात फेरे, हिंदू रीति रिवाज से किया विवाह

हरिद्वारः हिंदू धर्म को विश्व के सबसे पुराने धर्मों में से एक माना जाता है. सनातन के विचारों और संस्कृति से दुनिया में बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हैं. यही कारण है कि बड़ी संख्या में विदेशी भी भारतीय संस्कृति, परंपरा और रीति-रिवाज को अपनाते हैं. हरिद्वार के अखंड परमधाम आश्रम में भारतीय संस्कृति से ओतप्रोत होकर दो विदेशी जोड़ों ने हिंदू रीति रिवाज से शादी की.

हरिद्वार में दो रूसी जोड़ों ने हिंदू रीति-रिवाज से की शादी (VIDEO-ETV Bharat)

सनातन संस्कृति के प्रति पाश्चात्य संस्कृति का प्रेम धर्मनगरी हरिद्वार के अखंड परमधाम आश्रम में देखा गया. रविवार 15 सितंबर को रूस से दो जोड़ों ने भारतीय संस्कृति और वैदिक विधि-विधान के साथ शादी के बंधन में बंधे. रूस से ही आए उनके दोस्तों ने दोनों जोड़ों के साथ आश्रम के गेट से बारात निकाली और हिंदी गानों पर थिरकते हुए शिव मंदिर पहुंचे. दोनों जोड़ों ने बारातियों के साथ भगवान शिव की पूजा की और फिर विवाह स्थल पर पहुंचे. जहां महामंडलेश्वर परमहंस परमानंद और ज्योतिर्मयानंद महाराज ने संतों के साथ जोड़ों और बारातियों का स्वागत किया.

शादी के बंधन में बंधे दो विदेशी जोड़े: विवाह स्थल पर पूरे विधि-विधान और वैदिक रीति-रिवाज के साथ विवाह कराया गया. रूस की दोनों दुल्हन भारतीय परिधान में जबकि दोनों दूल्हे शेरवानी और साफा पहना हुए थे. वैदिक मंत्रों के साथ दोनों जोड़ों ने एक-दूसरे को वरमाला पहनाई फिर साथ फेरे लिए. साथ ही एक-दूसरे का हमेशा साथ निभाने का वचन दिया. इसके बाद दोनों ने संतों और अपने गुरूओं का आशीर्वाद लिया. शादी करने वाले रूस के जोड़ों का नाम बुलात-अदेला और लिया-इलूर है. दोनों जोड़े अपने ग्रुप के साथ भारत आधात्म ज्ञान लेने आए हैं.

भारतीय संस्कृति से प्रभावित: शादी संपन्न होने के बाद महामंडलेश्वर ज्योतिर्मयानंद का कहना है कि यह धर्म परिवर्तन का विषय नहीं है. अक्सर विदेशी मेहमान भारत के आध्यात्मिक से प्रभावित होकर यहां आधात्म ज्ञान के लिए आते हैं. पूर्व में भी कई विदेशी जोड़ों ने यहां शादी की है. विदेशी जोड़े भारत में हिंदू रीति-रिवाज से इसलिए भी शादी करते हैं क्योंकि भारतीय संस्कृति में शादी करने से उनका वैवाहिक जीवन काफी लंबा चलता है. जबकि पाश्चात्य देशों में उनके रीति-रिवाज से शादी करने में ऐसा कम ही होता है. ये बातें हमें शादी कर चुके विदेशी जोड़ों ने ही बताई है. इनसे पहले भी कई विदेशी जोड़ों ने यहां शादी की. वह लंबे समय से साथ रह रहे हैं. और उन्ही से प्रभावित होकर अन्य विदेशी जोड़े भी भारत में भारतीय संस्कृति से शादी करने आ रहे हैं

हिंदू रीति-रिवाज से भी की शादी: रूस से आए मेहमानों की ग्रुप लीडर मरिया का कहना है कि यहां हमारा कैंप लगा. आज छठा दिन है. रूस के दो जोड़ों की भारतीय परंपरा से शादी हुई है. दोनों जोड़े पहले रूस में रूस के रीति रिवाजों से शादी कर चुके हैं. एक जोड़े के बच्चे भी हैं. लेकिन दोनों ही जोड़े चाहते थे कि वे हिंदू रीति रिवाज से भी शादी करें. इसलिए आज दोनों जोड़े गुरुओं के आशीर्वाद से हैप्पी मैरिड लाइफ के लिए शादी के बंधन में बंधे हैं.

ये भी पढ़ेंः पनामा के गोंजालेन और फिलिजाबेथ ने गंगोत्री में लिए सात फेरे, हिंदू रीति रिवाज से किया विवाह

Last Updated : Sep 15, 2024, 5:06 PM IST
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