सुकमा: 30 जनवरी को सुकमा और बीजापुर बॉर्डर एरिया में नक्सलियों के साथ जवानों की मुठभेड़ हुई थी. मुठभेड़ में तीन जवान शहीद हो गए थे. शनिवार को नक्सली संगठन ने पर्चा जारी कर कहा कि टेकलगुडेम मुठभेड़ में उनके भी दो साथी मारे गए हैं. नक्सलियों ने अपने मारे गए साथी की तस्वीरें भी पर्चे के जरिए जारी की. जवानों की गोली से जो नक्सली मारे गए वो दोनों पीएलजीए बटालियन की महिला नक्सली थी. नक्सलियों के बस्तर दक्षिण सब जोनल प्रवक्ता समता ने पर्चा जारी कर हमले की जिम्मेदारी भी ली है.
मुठभेड़ में नक्सलियों को भी हुआ था नुकसान: टेकलगुडेम मुठभेड़ में नक्सलियों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ा था. जवानों की गोलीबारी में दो महिला नक्सली भी ढेर हुए थे. नक्सलियों की ओर से पर्चा जारी कर इस बात की पुष्टि की गई है. नक्सलियों ने एक तस्वीर के जरिए ये भी दावा किया है कि जवानों के कारतूस और उनके पिट्ठू बैग भी वो हमले के बाद अपने साथ ले गए. नक्सलियों ने जो तस्वीर जवानों से लूटे गए कारतूस और बैग की जारी की है उसकी पुष्टि अभी प्रशासन की ओर से नहीं हुई है.
मुठभेड़ के बाद अक्सर नक्सली ऐसे झूठे दावे पेश करते हैं. मुठभेड़ में नक्सलियों के मारे जाने की संख्या ज्यादा होती है तो वो उसे छुपा लेते हैं. इस बार भी नक्सलियों ने कुछ ऐसा ही किया. जवानों की गोली से पांच से छह नक्सली मारे गए थे. पूरे बस्तर में जवान तेजी से सर्च अभियान चला रहे हैं. नक्सलियों का जो कभी सेफ जोन होता था वहां तक हम पहुंच गए हैं. टेकलगुडेम के जिस इलाके में मुठभेड़ हुई वहां से चंद किलोमीटर की दूरी पर पुवर्ती गांव है. नक्सली कमांडर हिड़मा और टेकलगुडेम हमले का मास्टरमाइंड देवा दोनों इसी पुवर्ती गांव के रहने वाले हैं. जवानों को अपनी मांद में आता देख अब नक्सली बौखला गए हैं. नक्सली इसी बौखलाहट में जवानों को निशाना बना रहे हैं - सुंदरराज पी, बस्तर आईजी
जवानों ने बनाए बीजापुर और सुकमा में 12 नए बेस कैंप: बीजापुर और सुकमा बार्डर एरिया में जवानों का बेस कैंप लगातार बढ़ता जा रहा है. बस्तर आईजी के मुताबिक कुल 12 कैंप जवानों के बनाए गए हैं. 6 कैंप बीजापुर एरिया में बने हैं जबकी 6 कैंप सुकमा में बनाए गए हैं. जवानों के लगातार बढ़ते दबाव और सर्चिंग से नक्सली घबरा गए हैं. नक्सलियों के जितने करीब जवान पहुंचते जा रहे हैं उतने ज्यादा बस्तर में नक्सली बौखलाहट में आकर सुरक्षा बलों पर हमला बोल रहे हैं.