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दुखद: यमुनोत्री पैदल मार्ग पर यूपी और एमपी के 2 श्रद्धालुओं की मौत, ऑक्सीजन की कमी हो सकती है कारण - Chardham Yatra 2024 - CHARDHAM YATRA 2024

Chardham Yatra 2024 यमुनोत्री पैदल मार्ग पर तबीयत बिगड़ने से दो श्रद्धालुओं की मौत हो गई. पुलिस ने दोनों यात्रियों के शवों को जानकीचट्टी अस्पताल में रखा है. पोस्टमॉर्टम की कार्रवाई जारी है.

Devotee dies on Yamunotri walking route
यमुनोत्री पैदल मार्ग पर श्रद्धालु की मौत (PHOTO- ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 11, 2024, 2:09 PM IST

उत्तरकाशी: उत्तराखंड चारधाम यात्रा का आगाज हो चुका है. केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री धाम के कपाट 10 मई को खुल चुके हैं. जबकि बदरीनाथ धाम के कपाट 12 मई को खोले जाएंगे. यात्रा के आगाज के साथ ही यमुनोत्री में श्रद्धालुओं के तबीयत बिगड़ने संबंधी सिलसिला भी शुरू हो चुका है.

चारधाम यात्रा के पहले ही दिन यमुनोत्री धाम में दर्शन कर लौटते समय दो तीर्थ यात्रियों की मृत्यु हो गई. जिसमें एक यात्री की मृत्यु बेहोश होकर पैदल मार्ग पर गिरने और दूसरे की हाई अटैक से हुई. पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर जानकीचट्टी अस्पताल में रखा है. जहां पंचनामा की कार्रवाई की जा रही है. 2023 में यमुनोत्री पैदल मार्ग पर 31 तीर्थ यात्रियों की हृदय गति रुकने से मौत हो गई थी.

पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार देर शाम को विमला पत्नी प्रमेश चंद निवासी प्रतागढ़ जिला उन्नाव उत्तर प्रदेश जानकीचट्टी के निकट पैदल मार्ग पर बेहोश होकर गिर पड़ीं. साथ चल रहे अन्य तीर्थयात्रियों ने 69 वर्षीय विमला को जानकीचट्टी अस्पताल पहुंचाया. जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. वहीं रामगोपाल उम्र 71 वर्ष पुत्र विश्वनाथ निवासी सागर, मध्य प्रदेश की धाम से जानकीचट्टी लौटते समय हृदय गति रुकने से मृत्यु हुई है. पुलिस ने दोनों शवों को कब्जे में लेकर पंचनाम की कार्रवाई शुरू कर दी है.

चारधामों में से दो प्रमुख धाम गंगोत्री और यमुनोत्री उत्तरकाशी जिले में स्थित हैं. जिनके दर्शन और पूजन के लिए देश-विदेश से बड़ी संख्या में तीर्थयात्री पहुंचते हैं. यमुनोत्री धाम पांच किमी पैदल मार्ग पर संकरा होने के कारण यहां तीर्थयात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है. पैदल यात्रा मार्ग के कई जगहों पर ऑक्सीजन की कमी भी महसूस की जाती है. जिस कारण मेडिकल डिजिज से गुजर रहे श्रद्धालुओं को अक्सर मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. बता दें कि साल 2023 में भी यमुनोत्री धाम के पैदल मार्ग पर 31 तीर्थ यात्रियों की हृदय गति रुकने से मौत हो गई थी.

ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड में चारधाम यात्रा का आगाज, पहले दिन तीन धाम में पहुंचे 36 हजार से ज्यादा श्रद्धालु

ये भी पढ़ेंः सोनप्रयाग और गौरीकुंड से 10 हजार तीर्थयात्री हुए केदारनाथ रवाना, सिरोबगड़ में बारिश लैंडस्लाइन ने 4 घंटे रोका रास्ता

उत्तरकाशी: उत्तराखंड चारधाम यात्रा का आगाज हो चुका है. केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री धाम के कपाट 10 मई को खुल चुके हैं. जबकि बदरीनाथ धाम के कपाट 12 मई को खोले जाएंगे. यात्रा के आगाज के साथ ही यमुनोत्री में श्रद्धालुओं के तबीयत बिगड़ने संबंधी सिलसिला भी शुरू हो चुका है.

चारधाम यात्रा के पहले ही दिन यमुनोत्री धाम में दर्शन कर लौटते समय दो तीर्थ यात्रियों की मृत्यु हो गई. जिसमें एक यात्री की मृत्यु बेहोश होकर पैदल मार्ग पर गिरने और दूसरे की हाई अटैक से हुई. पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर जानकीचट्टी अस्पताल में रखा है. जहां पंचनामा की कार्रवाई की जा रही है. 2023 में यमुनोत्री पैदल मार्ग पर 31 तीर्थ यात्रियों की हृदय गति रुकने से मौत हो गई थी.

पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार देर शाम को विमला पत्नी प्रमेश चंद निवासी प्रतागढ़ जिला उन्नाव उत्तर प्रदेश जानकीचट्टी के निकट पैदल मार्ग पर बेहोश होकर गिर पड़ीं. साथ चल रहे अन्य तीर्थयात्रियों ने 69 वर्षीय विमला को जानकीचट्टी अस्पताल पहुंचाया. जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. वहीं रामगोपाल उम्र 71 वर्ष पुत्र विश्वनाथ निवासी सागर, मध्य प्रदेश की धाम से जानकीचट्टी लौटते समय हृदय गति रुकने से मृत्यु हुई है. पुलिस ने दोनों शवों को कब्जे में लेकर पंचनाम की कार्रवाई शुरू कर दी है.

चारधामों में से दो प्रमुख धाम गंगोत्री और यमुनोत्री उत्तरकाशी जिले में स्थित हैं. जिनके दर्शन और पूजन के लिए देश-विदेश से बड़ी संख्या में तीर्थयात्री पहुंचते हैं. यमुनोत्री धाम पांच किमी पैदल मार्ग पर संकरा होने के कारण यहां तीर्थयात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है. पैदल यात्रा मार्ग के कई जगहों पर ऑक्सीजन की कमी भी महसूस की जाती है. जिस कारण मेडिकल डिजिज से गुजर रहे श्रद्धालुओं को अक्सर मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. बता दें कि साल 2023 में भी यमुनोत्री धाम के पैदल मार्ग पर 31 तीर्थ यात्रियों की हृदय गति रुकने से मौत हो गई थी.

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