देहरादून (उत्तराखंड): राजनीति में आने के बाद नेताओं का दायरा दिनों दिन बढ़ता जाता है. मंत्री, विधायक, पार्टी पदाधिकारी होने पर नेताओं के दायरे के साथ ही सुरक्षा भी एक बड़ा मुद्दा बन जाता है. भीड़भाड़ वाले इलाकों में जनसंपर्क के दौरान नेताओं की सुरक्षा एक गंभीर मामला है. ऐसे में राज्य के साथ ही केंद्र सरकार समय-समय पर एजेंसियों से फीडबैक लेकर नेताओं की सुरक्षा को लेकर फैसला लेती है. उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री व वर्तमान हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत इन दिनों अपनी सुरक्षा बढ़ाने को लेकर चर्चाओं में हैं.
हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बीते दिनों लोकसभा चुनाव के दौरान ही राज्य सरकार से सुरक्षा बढ़ाए जाने का अनुरोध किया. इसके लिए उन्होंने उत्तराखंड सीएम पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखा, जिसका उन्हें कोई जवाब नहीं मिला. इसके बाद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गृहमंत्री अमित शाह को भी संबध में पत्र लिखा है जिसके बाद ये मामला सुर्खियों में है.
गौरवमय क्षण! संसद में हरिद्वार लोकसभा के सांसद के रूप में शपथ ली। @BJP4India@narendramodi#haridwarloksabha pic.twitter.com/pi7ZOfOr2a
— Trivendra Singh Rawat (@tsrawatbjp) June 25, 2024
त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 11 मई 2024 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को एक पत्र लिखा. जिसमें त्रिवेंद्र सिंह रावत ने लिखा- 'पार्टी के द्वारा जो दायित्व मुझे सौंपा गए हैं, उसकी वजह से मुझे राज्य से बाहर कई दुरुस्त क्षेत्र में जाना पड़ता है. ऐसा कई बार होता है की सुरक्षा व्यवस्था अत्यंत आवश्यक हो जाती है. समय-समय पर कार्यकर्ता भी सुरक्षा बढ़ाये जाने का सुझाव दे रहे हैं, ऐसे में मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए उन्हें वाई प्लस की सुरक्षा उपलब्ध करवाई जाए'. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को लिखे गए इस पत्र की कॉपी त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गृह सचिव उत्तराखंड शासन और पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड को भी भेजी है.
केंद्रीय गृहमंत्री को भी भेजा पत्र: सीएम धामी की ओर से पत्र का जवाब नहीं मिलने पर त्रिवेंद्र सिंह रावत ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को 24 मई 2024 को एक पत्र लिखा. अमित शाह को लिखे गए पत्र में त्रिवेंद्र सिंह रावत ने लिखा, 'मुझे राज्य सरकार की तरफ से वाई श्रेणी की सुरक्षा दी गई है, जबकि मुझे पार्टी के कार्यक्रमों और अन्य कार्यक्रमों में कई ऐसी जगह पर जाना पड़ता है जो अति संवेदनशील होते हैं, ऐसे में मैंने उत्तराखंड सरकार को भी पत्र लिखा है, साथ ही साथ आपसे भी अनुरोध कर रहा हूं कि तमाम परिस्थितियों को संज्ञान में लेते हुए आवश्यक कार्रवाई करने हेतु अपने स्तर से संबंधित को निर्देशित करने का कष्ट करें'.
सुरक्षा पर उत्तराखंड पुलिस ने साफ की स्थिति: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री व हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत की सुरक्षा हटाई गई है या वो अतिरिक्त सुरक्षा मांग रहे हैं इसको लेकर उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय ने स्टेटमेंट जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि उत्तराखंड पुलिस को यह सूचना मिली थी कि कुछ लोग यह भ्रमित खबर फैला रहे हैं कि त्रिवेंद्र सिंह रावत की सुरक्षा हटाई गई है, जबकि, पुलिस ने यह साफ कर दिया है कि उत्तराखंड पुलिस की तरफ से ऐसा कोई भी फैसला नहीं लिया गया है. उत्तराखंड पुलिस ने कहा सुरक्षा हटाने और सुरक्षा देने का काम सीधे तौर पर नहीं किया जाता है. राज्य में हर 6 महीने बाद तमाम नेताओं की सुरक्षा को लेकर समीक्षा होती है, जिसमें इस तरह के तमाम निर्णय लिये जाते हैं. फिलहाल राज्य सुरक्षा समिति की कोई बैठक नहीं हुई है, न ही ऐसा कोई भी निर्णय लिया गया है.
क्या है त्रिवेंद्र सिंह रावत का पक्ष: सुरक्षा संबंधी खबरों के चर्चाओं में आने के बाद ईटीवी भारत ने त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यालय से इस बात की जानकारी ली. उनके ऑफिस से बताया गया कि सुरक्षा बढ़ाने को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और गृह मंत्री को पत्र लिखे गये हैं. चुनाव के समय, त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यक्रमों को देखते हुए सुरक्षा बढ़ाने की जरूरत महसूस की जा रही थी, जिसके कारण ये पत्र लिखे गये हैं.
अभी त्रिवेंद्र के पास वाई श्रेणी की सुरक्षा: त्रिवेंद्र सिंह रावत उत्तराखंड के दिग्गज नेताओं में से एक हैं. त्रिवेंद्र सिंह रावत उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. इससे पहले त्रिवेंद्र विधायक, कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं. वर्तमान में त्रिवेंद्र सिंह रावत हरिद्वार से सांसद हैं. अभी त्रिवेंद्र सिंह रावत के पास वाई श्रेणी की सुरक्षा है. वाई श्रेणी की सुरक्षा में 11 सुरक्षाकर्मी होते हैं, इनमें दो पीएसओ जो निजी सुरक्षा गार्ड भी होते हैं. कई जगह पर सुरक्षा में पुलिस पिकेट देने का प्रावधान है. हालांकि, मौजूदा समय में पूर्व सीएम व सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत को पिकेट उत्तराखंड के साथ-साथ अन्य राज्य में नहीं मिलती है.
क्या होती है वाई प्लस सुरक्षा: त्रिवेंद्र सिंह रावत सुरक्षा बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. अभी उनके पास वाई श्रेणी की सुरक्षा है. वो इसे बढ़ाकर वाई प्लस सुरक्षा की मांग कर रहे हैं. वाई प्लस सुरक्षा में सुरक्षाकर्मियों की संख्या 11 होती है. जिसमें 1 या 2 कमांडो और 2 पीएसओ शामिल होते हैं.
उत्तराखंड में पूर्व मुख्यमंत्रियों की सुरक्षा का गणित: उत्तराखंड में पूर्व मुख्यमंत्रियों को दी जाने वाली सुरक्षा के दृष्टिकोण से अगर देखें तो त्रिवेंद्र सिंह रावत को भी पूर्व मुख्यमंत्रियों की तरह ही सांसद बनने से पहले सुरक्षा मिल रही है. मौजूदा समय में पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत, विजय बहुगुणा और हरीश रावत जैसे नेताओं को भी दो PSO और दो पुलिसकर्मी मिले हुए हैं. ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि जब पूर्व मुख्यमंत्रियों को भी सांसद रहते वाई प्लस श्रेणी की सुरक्षा नहीं मिली है तो भला त्रिवेंद्र सिंह रावत को शासन या सरकार किस आधार पर यह सुरक्षा मुहैया करा सकता है. नेताओं की सुरक्षा देखने वाली कमेटी इन सभी बातों का अध्ययन करती है. नेताओं की सुरक्षा को लेकर कमेटी गंभीर विचार विमर्श करती है. इसमें उनकी पॉपुलैरिटी, उनकी पब्लिक प्रेजेंस, धमकियां सभी पर मंथन किया जाता है. जिसके बाद सुरक्षा की श्रेणी पर फैसला लिया जाता है.
सुरक्षा सुविधा पर क्या बोले तीरथ सिंह रावत: वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री की सुरक्षा बढ़ाई जाने को लेकर पूछे गए सवाल पर पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व सांसद तीरथ सिंह रावत ने कहा, 'मैंने आज तक कोई ऐसा काम नहीं किया जो मुझे ऐसा लगे कि मुझे और अधिक सुरक्षा की जरूरत है. हां, इतना जरूर है कि हम नेताओं की सुरक्षा के नाम पर खर्च होने वाला पैसा जनता के काम आना चाहिए.
तीरथ सिंह रावत ने कहा, 'मैं जब मुख्यमंत्री पद पर था तब मैंने एक पत्र लिखकर मिलने वाली तमाम सरकारी सुविधाओं के लिए मना किया था. उत्तराखंड देवभूमि है, अगर हमें यहां डर लगेगा तो हम जनता को क्या संदेश देंगे? मैं मानता हूं यहां पर किसी तरह का कोई भय नहीं है. मैं किसी दूसरे के सवाल पर या सुरक्षा पर कुछ नहीं कहना चाहूंगा, हां इतना जरूर है कि उत्तराखंड बेहद सुरक्षित प्रदेश है.'