अगरतला: त्रिपुरा में भारी बाढ़ के कारण हुई जनहानि और संपत्ति के भारी नुकसान के बाद राज्य सरकार ने पूरे प्रदेश को प्राकृतिक आपदा प्रभावित क्षेत्र घोषित कर दिया है. यह जानकारी गुरुवार को एक अधिकारी ने दी.
बता दें कि त्रिपुरा में भारी बाढ़ से जनहानि हुई है और सार्वजनिक एवं निजी दोनों तरह के बुनियादी ढांचे के अलावा संपत्तियों को भारी नुकसान पहुंचा है. इस बार में राहत, पुनर्वास एवं आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव बिरजेश पांडे द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि अभी तक 31 लोगों की मौत हो चुकी है, दो लोग घायल है और एक लापता है. प्रारंभिक अनुमानों के मुताबिक हाल में आई बाढ़ की वजह से 15 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है. बयान मंगलवार को जारी किया गया.
बयान में कहा गया है कि जनहानि के अलावा सार्वजनिक और निजी संपत्तियों के नुकसान को काफी नुकसान हुआ है. हालात को देखते हुए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में त्रिपुरा आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (TDMA) की राज्य कार्यकारी समिति (SEC) ने 24 अगस्त को अपनी बैठक में पूरे राज्य को प्राकृतिक आपदा प्रभावित क्षेत्र घोषित करने का निर्णय लिया है. इसी क्रम में हाल ही में आई अभूतपूर्व बाढ़ के कारण पूरे त्रिपुरा राज्य को प्राकृतिक आपदा प्रभावित क्षेत्र के रूप में अधिसूचित किया गया है.
इस संबंध में राजस्व विभाग के एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि राज्य सरकार के अनुरोध के बाद केंद्र ने बाढ़ से हुए नुकसान का मौके पर जाकर आकलन करने के लिए पांच सदस्यीय टीम भेजी है. उन्होंने बताया कि बाढ़ की वजह से घर ढहने या बह जाने से इस समय 53 हजार 356 लोग 369 राहत शिविरों में रह रहे हैं. उन्होंने बताया कि प्रशासन ने उनके घरों के पुनर्निर्माण के लिए राहत सहायता जारी करना शुरू कर दिया है.
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