जोधपुर. शहर की एक अदालत परिसर में एक शख्स ने उसकी पत्नी को तीन बाहर तलाक कह कर तलाक दे दिया. घटना बीते साल अक्टूबर माह की है. वहीं, पीड़िता ने बिना समय गंवाए थाने में इसकी शिकायत की, लेकिन मामला दर्ज नहीं हुआ. अब कोर्ट के आदेश पर पति के खिलाफ उदय मंदिर थाने में मामला दर्ज किया गया है. साथ ही इस पूरे प्रकरण की जांच एएसआई गोरधन राम को सौंपी गई है.
जानें पूरा मामला : जांच अधिकारी ने बताया कि राजीव गांधी कॉलानी निवासी शहबाज पुत्र मोहम्मद अयूब के खिलाफ उसकी पत्नी के न्यायालय में दायर इस्तगासे से मामला दर्ज किया गया है. पीड़िता ने आरोप लगाया है कि साल 2019 में उसका निकाह शहबाज से हुआ था और उनका एक बेटा भी है. निकाह के कुछ समय बाद उसकी सास के निधन ने बाद उसकी जेठानियों व पति ने दहेज के लिए उससे मारपीट शुरू कर दी. इसको लेकर गत वर्ष दहेज उत्पीड़न का मामला दर्ज करवाया था, जिसमें पति के खिलाफ 10 अक्टूबर को चालान हुआ था और उसे कोर्ट से जमानत भी मिल गई थी.
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कोर्ट के बाहर बोला तीन बार तलाक : जमानत मिलने के बाद कोर्ट रूम से बाहर आते ही आरोपी शाहबाज ने पीड़िता को भला बुरा कहा. साथ ही उसने धमकी दी और कहा कि तूने मेरे खिलाफ मुकदमा करके चालान पेश करवाया है. ऐसे में अब मैं तूझे देख लूंगा. जा अब मैं तुझे तलाक देता हूं. इसी के साथ आरोपी ने पीड़िता को तीन बार तलाक, तलाक, तलाक कह दिया और आगे कहा कि वो अब दूसरी शादी करेगा. इतना ही नहीं उसने आगे कहा कि अब पीड़िता उसके घर की दहलीज पर पांव नहीं रख सकती है. हालांकि, जब वो ये बातें कह रहा था तब पीड़िता का परिवार भी वहीं था.
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देश में गैर कानूनी है तीन तलाक : मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) अधिनियम 2019 की धारा 3 व 4 के अनुसार तीन बार तलाक कह कर तलाक देना कानूनी रूप से गलत है. अधिनियम 2019 की धारा 3 में लिखा है कि किसी मुस्लिम पति ने अगर उसकी पत्नी के लिए, शब्दों द्वारा, चाहे वो बोले गए हों या फिर लिखित हों या इलेक्ट्रोनिक रूप में हों या अन्य किसी रूप से, तलाक की कोई उद्घोषणा शून्य और अवैध होगी.