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सिर्फ बुजुर्गों को ही नहीं, हरियाणा सरकार पेड़ों को भी दे रही पेंशन, जानें पूरी स्कीम - Trees Pension in Haryana

Trees Pension in Haryana: आज तक आपने बुजुर्गों की पेंशन के बारे में सुना होगा, रिटायर्ड कर्मचारियों की पेंशन के बारे में सुना होगा, लेकिन क्या कभी आपने सुना है कि कहीं पेड़ों को पेंशन दी जा रही है? दरअसल हरियाणा सरकार बुजुर्ग पेड़ों को पेंशन दे रही है.

Trees Pension in Haryana
Trees Pension in Haryana (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Jul 13, 2024, 1:02 PM IST

चंडीगढ़: पर्यावरण संरक्षण के लिए हरियाणा सरकार प्राण वायु देवता पेंशन स्कीम के तहत 75 वर्ष या उससे ज्यादा उम्र के पेड़ों को पेंशन दे रही है. हरियाणा में 3810 ऐसे पेड़ हैं, जिन्हें इस स्कीम के तहत पेंशन दी जा रही है. ऑनलाइन माध्यम से इन पेड़ों के मालिकों को पेंशन जारी की जाती है. ये योजना हरियाणा में साल 2023 से लागू है.

कितनी मिलती है राशि? 75 वर्ष से अधिक आयु के पेड़ अपने फैलाव के कारण अधिक ऑक्सीजन देते हैं. इसलिए सरकार ने इन बड़े पेड़ों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए स्कीम बनाई है. इन पेड़ों के रखरखाव के लिए हर साल 2500 हजार रुपये दिए जाते हैं. फिलहाल ये स्कीम 5 साल के लिए बनाई गई है.

किस पेड़ को पेंशन, किसे भुगतान?

स्थानलाभार्थी
घर में पेड़घर का मालिक
शहर में पेड़स्थानीय प्रशासन
गांवग्राम पंचायत
खेतकिसान
वन्य क्षेत्रवन विभाग

किन पेड़ों को मिलती है पेंशन? स्कीम में एक ही बीज से उत्पन्न पेड़ों को स्कीम में शामिल किया गया है. फिकस बेंघालेंसिस (भारतीय बरगद) की तरह एक बीज से उत्पन्न होने वाले पेड़ों के उपवन को भी एक ही पेड़ माना जाएगा. इस स्कीम में गिरे हुए पेड़, खोखले, मृत, सूखे और रोगग्रस्त पेड़ शामिल नहीं किए जाते हैं. वन भूमि पर खड़े पेड़ इस योजना के तहत कवर नहीं किए जाते.

कैसे होता है पेड़ों का चयन? प्राण वायु देवता पेंशन स्कीम में 75 वर्ष से अधिक आयु के किन-किन पेड़ों को शामिल किया जाएगा, ये फैसला एक कमेटी करती है. ये कमेटी डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर की अध्यक्षता में बनाई गई है. पेड़ के रख-रखाव के लिए राज्य सरकार 2500 रुपये की वार्षिक पेंशन देती है. ये राशि पेड़ के मालिक के बैंक खाते में ऑनलाइन तरीके से भेजी जाती है. ताकि उन पेड़ों की देखरेख की जा सके.

कैसे करें आवेदन? अगर किसी के घर या गांव में 75 साल या उससे ऊपर की उम्र का पेड़ है और वो इस पर पेंशन लेने का इच्छुक है, तो वो अपने जिले के वन विभाग कार्यालय में जाकर आवेदन कर सकता है. इसके बाद वन विभाग की कमेटी उस आवेदन का आकलन करेगी. मौके पर जाकर पेड़ के बारे में जानकारी ली जाएगी. सत्यापन होने के बाद पेड़ की पेंशन दी जाएगी.

ये भी पढ़ें- हरियाणा के सरपंचों को सीएम की सौगात, मानदेय और पेंशन में बढ़ोतरी का किया ऐलान - Sarpanch Salary in Haryana

ये भी पढ़ें- हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला, स्वतंत्रता सेनानियों, उनके आश्रितों और आपातकाल सेनानियों की पेंशन बढ़ाई - Freedom Fighters Pension

चंडीगढ़: पर्यावरण संरक्षण के लिए हरियाणा सरकार प्राण वायु देवता पेंशन स्कीम के तहत 75 वर्ष या उससे ज्यादा उम्र के पेड़ों को पेंशन दे रही है. हरियाणा में 3810 ऐसे पेड़ हैं, जिन्हें इस स्कीम के तहत पेंशन दी जा रही है. ऑनलाइन माध्यम से इन पेड़ों के मालिकों को पेंशन जारी की जाती है. ये योजना हरियाणा में साल 2023 से लागू है.

कितनी मिलती है राशि? 75 वर्ष से अधिक आयु के पेड़ अपने फैलाव के कारण अधिक ऑक्सीजन देते हैं. इसलिए सरकार ने इन बड़े पेड़ों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए स्कीम बनाई है. इन पेड़ों के रखरखाव के लिए हर साल 2500 हजार रुपये दिए जाते हैं. फिलहाल ये स्कीम 5 साल के लिए बनाई गई है.

किस पेड़ को पेंशन, किसे भुगतान?

स्थानलाभार्थी
घर में पेड़घर का मालिक
शहर में पेड़स्थानीय प्रशासन
गांवग्राम पंचायत
खेतकिसान
वन्य क्षेत्रवन विभाग

किन पेड़ों को मिलती है पेंशन? स्कीम में एक ही बीज से उत्पन्न पेड़ों को स्कीम में शामिल किया गया है. फिकस बेंघालेंसिस (भारतीय बरगद) की तरह एक बीज से उत्पन्न होने वाले पेड़ों के उपवन को भी एक ही पेड़ माना जाएगा. इस स्कीम में गिरे हुए पेड़, खोखले, मृत, सूखे और रोगग्रस्त पेड़ शामिल नहीं किए जाते हैं. वन भूमि पर खड़े पेड़ इस योजना के तहत कवर नहीं किए जाते.

कैसे होता है पेड़ों का चयन? प्राण वायु देवता पेंशन स्कीम में 75 वर्ष से अधिक आयु के किन-किन पेड़ों को शामिल किया जाएगा, ये फैसला एक कमेटी करती है. ये कमेटी डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर की अध्यक्षता में बनाई गई है. पेड़ के रख-रखाव के लिए राज्य सरकार 2500 रुपये की वार्षिक पेंशन देती है. ये राशि पेड़ के मालिक के बैंक खाते में ऑनलाइन तरीके से भेजी जाती है. ताकि उन पेड़ों की देखरेख की जा सके.

कैसे करें आवेदन? अगर किसी के घर या गांव में 75 साल या उससे ऊपर की उम्र का पेड़ है और वो इस पर पेंशन लेने का इच्छुक है, तो वो अपने जिले के वन विभाग कार्यालय में जाकर आवेदन कर सकता है. इसके बाद वन विभाग की कमेटी उस आवेदन का आकलन करेगी. मौके पर जाकर पेड़ के बारे में जानकारी ली जाएगी. सत्यापन होने के बाद पेड़ की पेंशन दी जाएगी.

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