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चारधाम यात्रा मार्ग पर बने क्रोनिक लैंडस्लाइड जोन का नहीं हो पाया ट्रीटमेंट, मॉनसून सीजन में बन सकते है आफत - chronic landslide zone - CHRONIC LANDSLIDE ZONE

उत्तराखंड में क्रोनिक लैंडस्लाइड जोन नासूर बनते जा रहे है. सबसे ज्यादा दिक्कतें चारधाम यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों को झेलनी पड़ती है. कई बार तो लैंडस्लाइड के कारण कई-कई घंटे रास्ता नहीं खुलता है. इसी बार भी चारधाम यात्रा के तीर्थयात्रियों को इस तरह की परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. क्योंकि अभीतक चिन्हित क्रोनिक लैंडस्लाइड जोन का ट्रीटमेंट नहीं हो पाया है, जो मॉनसून सीजन में बड़ी आफत बन सकते है.

chronic landslide zone
उत्तराखंड में क्रोनिक लैंडस्लाइड जोन (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 7, 2024, 10:09 PM IST

Updated : May 7, 2024, 10:59 PM IST

चारधाम यात्रा मार्ग पर बने क्रोनिक लैंडस्लाइड जोन का नहीं हो पाया ट्रीटमेंट (ETV Bharat)

देहरादून: गंगोत्री-यमुनोत्री और केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही दो दिन बाद यानी दस मई से उत्तराखंड चारधाम यात्रा 2024 की विधिवत शुरुआत होने जा रही है. इस बार भी बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों के चारधाम में पहुंचने की उम्मीद हैं. चारधाम यात्रा को लेकर वैसे तो सरकार ने अपनी पूरी तैयारी कर रही है, लेकिन क्रोनिक लैंडस्लाइड चारधाम यात्रा में तीर्थयात्रियों के लिए परेशानी खड़ी कर सकता है. क्रोनिक लैंडस्लाइड की सबसे ज्यादा समस्या मॉनसून के दौरान देखने को मिलती है.

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उत्तराखंड में क्रोनिक लैंडस्लाइड जोन (ETV Bharat)

उत्तराखंड चारधाम यात्रा का पहला चरण 20 जून तक संचालित होता है. इसके बाद मानसून सीजन शुरू हो जाता है और चारधाम यात्रा की रफ्तार सुस्त पड़ जाती है. क्योंकि इस दौरान चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या कम हो जाती है. इस बार क्रोनिक लैंडस्लाइड जोन चारधाम यात्रा में आने वाले यात्रियों को परेशान कर सकता है. क्योंकि इस बार चिन्हित क्रोनिक लैंडस्लाइड जोन का ट्रीटमेंट नही हो पाया है.

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क्रोनिक लैंडस्लाइड जोन का अभीतक नहीं हो पाया ट्रीटमेंट. (ETV Bharat)

उत्तराखंड में हर साल लैंडस्लाइड संभावित जोन की संख्या बढ़ती जा रही है. उत्तराखंड आपदा प्रबंधन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश में करीब 6536 लैंडस्लाइड संभावित जोन चिन्हित किए गए है, जहां लैंडस्लाइड की संभावना सबसे ज्यादा रहती है. मानसून सीजन में तो ये लैंडस्लाइड जोन काफी खतरनाक बन जाते है. इस दौरान पर्वतीय मार्गों परसफर करना खतरे से कम नहीं होता है.

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क्रोनिक लैंडस्लाइड हर साल मॉनसून में बड़ी आफत बनते है. (ETV Bharat)

इसके अलावा चारधाम यात्रा मार्गों पर भी करीब 24 क्रोनिक लैंडस्लाइड जोन चिन्हिंत किए गए है, जिनका अभीतक ट्रीटमेंट नहीं हो पाया है. ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि श्रद्धालुओं को लैंडस्लाइड जोन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.

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चारधाम यात्रा मार्ग क्रोनिक लैंडस्लाइड जोन. (ETV Bharat)

वहीं लोक निर्माण विभाग का कहना है कि अधिकांश लैंडलाइन जोन पर ट्रीटमेंट का काम जारी है. पीडब्ल्यूडी सचिव पंकज कुमार पांडेय की माने तो चारधाम समेत अन्य पर्वतीय मार्गों पर मानसून सीजन के दौरान लैंडस्लाइड की घटना होती रहती है, जिसको ध्यान में रखते हुए क्रोनिक लैंडस्लाइड जोन में मालवा हटाने के लिए मशीनों को तैनात किया जाता है. फिलहाल 75 मशीनें इन क्रोनिक लैंडस्लाइड जोन में तैनात की गई है.

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चारधाम यात्रा मार्गों पर भी करीब 24 क्रोनिक लैंडस्लाइड जोन चिन्हिंत किए गए है, (ETV Bharat)

इसके अलावा उन्होंने बताया कि तमाम चिन्हित क्रोनिक लैंडस्लाइड जोन के ट्रीटमेंट के लिए केंद्र और राज्य सरकार से अप्रूवल लेकर धनराशि आवंटित की जा चुकी है. प्रदेश के करीब 140 क्रोनिक लैंडस्लाइड जोन के ट्रीटमेंट को मंजूरी मिल चुकी है, जिसमें से 100 से अधिक जगहों पर काम चल रहा है. विभाग की कोशिश है कि चारधाम यात्रा के दौरान यात्रा मार्गों पर जितने भी क्रोनिक लैंडस्लाइड जोन है, उसका ट्रीटमेंट समय से कर दिया जाए.

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लैंडस्लाइड जोन सबसे ज्यादा मॉनसून सीजन में सक्रिय होते है. (ETV Bharat)

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चारधाम यात्रा मार्ग पर बने क्रोनिक लैंडस्लाइड जोन का नहीं हो पाया ट्रीटमेंट (ETV Bharat)

देहरादून: गंगोत्री-यमुनोत्री और केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही दो दिन बाद यानी दस मई से उत्तराखंड चारधाम यात्रा 2024 की विधिवत शुरुआत होने जा रही है. इस बार भी बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों के चारधाम में पहुंचने की उम्मीद हैं. चारधाम यात्रा को लेकर वैसे तो सरकार ने अपनी पूरी तैयारी कर रही है, लेकिन क्रोनिक लैंडस्लाइड चारधाम यात्रा में तीर्थयात्रियों के लिए परेशानी खड़ी कर सकता है. क्रोनिक लैंडस्लाइड की सबसे ज्यादा समस्या मॉनसून के दौरान देखने को मिलती है.

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उत्तराखंड में क्रोनिक लैंडस्लाइड जोन (ETV Bharat)

उत्तराखंड चारधाम यात्रा का पहला चरण 20 जून तक संचालित होता है. इसके बाद मानसून सीजन शुरू हो जाता है और चारधाम यात्रा की रफ्तार सुस्त पड़ जाती है. क्योंकि इस दौरान चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या कम हो जाती है. इस बार क्रोनिक लैंडस्लाइड जोन चारधाम यात्रा में आने वाले यात्रियों को परेशान कर सकता है. क्योंकि इस बार चिन्हित क्रोनिक लैंडस्लाइड जोन का ट्रीटमेंट नही हो पाया है.

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क्रोनिक लैंडस्लाइड जोन का अभीतक नहीं हो पाया ट्रीटमेंट. (ETV Bharat)

उत्तराखंड में हर साल लैंडस्लाइड संभावित जोन की संख्या बढ़ती जा रही है. उत्तराखंड आपदा प्रबंधन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश में करीब 6536 लैंडस्लाइड संभावित जोन चिन्हित किए गए है, जहां लैंडस्लाइड की संभावना सबसे ज्यादा रहती है. मानसून सीजन में तो ये लैंडस्लाइड जोन काफी खतरनाक बन जाते है. इस दौरान पर्वतीय मार्गों परसफर करना खतरे से कम नहीं होता है.

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क्रोनिक लैंडस्लाइड हर साल मॉनसून में बड़ी आफत बनते है. (ETV Bharat)

इसके अलावा चारधाम यात्रा मार्गों पर भी करीब 24 क्रोनिक लैंडस्लाइड जोन चिन्हिंत किए गए है, जिनका अभीतक ट्रीटमेंट नहीं हो पाया है. ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि श्रद्धालुओं को लैंडस्लाइड जोन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.

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चारधाम यात्रा मार्ग क्रोनिक लैंडस्लाइड जोन. (ETV Bharat)

वहीं लोक निर्माण विभाग का कहना है कि अधिकांश लैंडलाइन जोन पर ट्रीटमेंट का काम जारी है. पीडब्ल्यूडी सचिव पंकज कुमार पांडेय की माने तो चारधाम समेत अन्य पर्वतीय मार्गों पर मानसून सीजन के दौरान लैंडस्लाइड की घटना होती रहती है, जिसको ध्यान में रखते हुए क्रोनिक लैंडस्लाइड जोन में मालवा हटाने के लिए मशीनों को तैनात किया जाता है. फिलहाल 75 मशीनें इन क्रोनिक लैंडस्लाइड जोन में तैनात की गई है.

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चारधाम यात्रा मार्गों पर भी करीब 24 क्रोनिक लैंडस्लाइड जोन चिन्हिंत किए गए है, (ETV Bharat)

इसके अलावा उन्होंने बताया कि तमाम चिन्हित क्रोनिक लैंडस्लाइड जोन के ट्रीटमेंट के लिए केंद्र और राज्य सरकार से अप्रूवल लेकर धनराशि आवंटित की जा चुकी है. प्रदेश के करीब 140 क्रोनिक लैंडस्लाइड जोन के ट्रीटमेंट को मंजूरी मिल चुकी है, जिसमें से 100 से अधिक जगहों पर काम चल रहा है. विभाग की कोशिश है कि चारधाम यात्रा के दौरान यात्रा मार्गों पर जितने भी क्रोनिक लैंडस्लाइड जोन है, उसका ट्रीटमेंट समय से कर दिया जाए.

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लैंडस्लाइड जोन सबसे ज्यादा मॉनसून सीजन में सक्रिय होते है. (ETV Bharat)

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Last Updated : May 7, 2024, 10:59 PM IST
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