हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार में पहली बार किन्नर अखाड़े ने खड़खड़ी श्मशान घाट पर मसाने की होली खेली. किन्नर समाज के लोगों ने श्मशान में चिताओं की राख और रंग से होली खेली. शमशान में चिताओं के सामने किन्नरों को होली खेलता देख लोग आश्चर्य चकित रह गए.
शनिवार 23 अप्रैल को किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर भवानी के नेतृत्व में किन्नरों का दल खड़खड़ी श्मशान घाट पहुंचा. उन्होंने सबसे पहले पूजा की. फिर श्मशान में जल रही चिताओं की राख एक-दूसरे को लगाकर होली मनाई. हरिद्वार में पहली बार इस तरह से किन्नरों को होली मनाते देख लोग अचंभित हो गए. हालांकि बनारस और प्रयागराज के घाट पर मसाने की होली का आयोजन किया जाता रहा है, लेकिन हरिद्वार में पहली बार ऐसा हुआ.
मसाने की होली खेलने के पीछे भगवान शिव के विवाह की कथा भी बताई जाती है. किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर मोनिका का कहना है कि आज किन्नर धाम हरिद्वार से मसाने की होली खेली गई. उन्होंने बताया कि आगे से वो हर साल हरिद्वार में इसी तरह मसाने की होली खेलेंगे. क्योंकि सनातम धर्म के बच्चे उनका साथ दे रहे हैं. महामंडलेश्वर भवानी ने सभी लोगों को होली की शुभकामनाएं भी दी हैं.
उन्होंने बताया कि आम लोग घरों में होली खेलते हैं, लेकिन किन्नर समाज जो मसान पूजते हैं, वो शमशान घाट पर ही चिता के आगे होली खेलते हैं. क्योंकि शमशान आदमी का असली घर होता है और यहां सबको एक दिन आना ही होता है. आज उनके लिए काफी अच्छा दिन है क्योंकि उन्होंने अपने समाज के साथ मसाने की होली खेली.
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