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हरिद्वार में पहली बार खेली गई मसाने की होली, किन्नरों ने श्मशान घाट पर चिता की भस्म लगा ढोल नगाड़ों के साथ मनाया उत्सव - Eunuchs played Masan Holi - EUNUCHS PLAYED MASAN HOLI

हरिद्वार में पहली मसाने की होली खेली गई. किन्नरों ने श्मशान घाट पर होली की त्यौहार मनाया. श्मशान घाट में किन्नरों को होली खेलता देख हर कोई हैराना था. किन्नरों का कहना कि अब से वो हर साल हरिद्वार में मसाने की होली खेलेंगे.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Mar 23, 2024, 12:26 PM IST

Updated : Apr 1, 2024, 12:31 PM IST

हरिद्वार में पहली बार खेली गई मसाने की होली,

हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार में पहली बार किन्नर अखाड़े ने खड़खड़ी श्मशान घाट पर मसाने की होली खेली. किन्नर समाज के लोगों ने श्मशान में चिताओं की राख और रंग से होली खेली. शमशान में चिताओं के सामने किन्नरों को होली खेलता देख लोग आश्चर्य चकित रह गए.

शनिवार 23 अप्रैल को किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर भवानी के नेतृत्व में किन्नरों का दल खड़खड़ी श्मशान घाट पहुंचा. उन्होंने सबसे पहले पूजा की. फिर श्मशान में जल रही चिताओं की राख एक-दूसरे को लगाकर होली मनाई. हरिद्वार में पहली बार इस तरह से किन्नरों को होली मनाते देख लोग अचंभित हो गए. हालांकि बनारस और प्रयागराज के घाट पर मसाने की होली का आयोजन किया जाता रहा है, लेकिन हरिद्वार में पहली बार ऐसा हुआ.

मसाने की होली खेलने के पीछे भगवान शिव के विवाह की कथा भी बताई जाती है. किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर मोनिका का कहना है कि आज किन्नर धाम हरिद्वार से मसाने की होली खेली गई. उन्होंने बताया कि आगे से वो हर साल हरिद्वार में इसी तरह मसाने की होली खेलेंगे. क्योंकि सनातम धर्म के बच्चे उनका साथ दे रहे हैं. महामंडलेश्वर भवानी ने सभी लोगों को होली की शुभकामनाएं भी दी हैं.

उन्होंने बताया कि आम लोग घरों में होली खेलते हैं, लेकिन किन्नर समाज जो मसान पूजते हैं, वो शमशान घाट पर ही चिता के आगे होली खेलते हैं. क्योंकि शमशान आदमी का असली घर होता है और यहां सबको एक दिन आना ही होता है. आज उनके लिए काफी अच्छा दिन है क्योंकि उन्होंने अपने समाज के साथ मसाने की होली खेली.

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साल 1970 से होली के दौरान क्यों बढ़ जाता है तापमान? जानिए क्या कहते हैं विशेषज्ञ - High Temperature Around Holi

हरिद्वार में पहली बार खेली गई मसाने की होली,

हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार में पहली बार किन्नर अखाड़े ने खड़खड़ी श्मशान घाट पर मसाने की होली खेली. किन्नर समाज के लोगों ने श्मशान में चिताओं की राख और रंग से होली खेली. शमशान में चिताओं के सामने किन्नरों को होली खेलता देख लोग आश्चर्य चकित रह गए.

शनिवार 23 अप्रैल को किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर भवानी के नेतृत्व में किन्नरों का दल खड़खड़ी श्मशान घाट पहुंचा. उन्होंने सबसे पहले पूजा की. फिर श्मशान में जल रही चिताओं की राख एक-दूसरे को लगाकर होली मनाई. हरिद्वार में पहली बार इस तरह से किन्नरों को होली मनाते देख लोग अचंभित हो गए. हालांकि बनारस और प्रयागराज के घाट पर मसाने की होली का आयोजन किया जाता रहा है, लेकिन हरिद्वार में पहली बार ऐसा हुआ.

मसाने की होली खेलने के पीछे भगवान शिव के विवाह की कथा भी बताई जाती है. किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर मोनिका का कहना है कि आज किन्नर धाम हरिद्वार से मसाने की होली खेली गई. उन्होंने बताया कि आगे से वो हर साल हरिद्वार में इसी तरह मसाने की होली खेलेंगे. क्योंकि सनातम धर्म के बच्चे उनका साथ दे रहे हैं. महामंडलेश्वर भवानी ने सभी लोगों को होली की शुभकामनाएं भी दी हैं.

उन्होंने बताया कि आम लोग घरों में होली खेलते हैं, लेकिन किन्नर समाज जो मसान पूजते हैं, वो शमशान घाट पर ही चिता के आगे होली खेलते हैं. क्योंकि शमशान आदमी का असली घर होता है और यहां सबको एक दिन आना ही होता है. आज उनके लिए काफी अच्छा दिन है क्योंकि उन्होंने अपने समाज के साथ मसाने की होली खेली.

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Last Updated : Apr 1, 2024, 12:31 PM IST
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