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बांग्लादेश में सियासी उठापटक के बीच झारखंड में मिला एक गिद्ध, जिस पर लगा है ट्रैकिंग डिवाइस! - Vulture with tracker device

Vulture with tracker device found. हजारीबाग में गिद्ध पाया गया है. हैरानी की बात ये है कि गिद्ध पर एक प्रकार का डिवाइस लगा हुआ है. इसके साथ उसके पैरों में लगे एक रिंग में बांग्लादेश की राजधानी ढाका लिखी है. ये गिद्ध शहर में अब चर्चा का विषय बना हुआ है.

tracker device found on vulture in Hazaribag
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 12, 2024, 4:43 PM IST

हजारीबागः सोमवार को जिला में उस वक्त सनसनी फैल गयी, जब अत्याधुनिक ट्रैकिंग डिवाइस लगा हुआ एक गिद्ध पाया गया. विष्णुगढ़ के कोनार डैम में ट्रैकर डिवाइस लगा हुआ गिद्ध बरामद हुआ है. इसके बाद इसको लेकर शहर में तरह तरह की बातें होने लगीं. यह बात आग की तरह पूरे क्षेत्र में फैल गई कि एक जासूस गिद्ध हजारीबाग में मिला है.

हजारीबाग में गिद्ध मिला, जिसपर ट्रैकर लगा है (ETV Bharat)
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गिद्ध पर लगे डिवाइस पर अंकित हैं नंबर्स और लिखा है कि ये मिलने पर किसे संपर्क करें (ETV Bharat)

एक और बात जो लोगों के दिमाग में कौंध गयी कि बांग्लादेश में सियासी तनाव, हिंसा के बीच एक गिद्ध का भारत में कैसे मिला. इतना ही नहीं बात यहां तक बात चली गई कि बांग्लादेश से बना हुआ डिवाइस गिद्ध में लगा हुआ है. जो जासूसी के क्रम में यहां पर पहुंचा. इन बातों और बल तब मिला जब जब गिद्ध के पैरों को देखने पर पता चला कि एक रिंग उसके पैर में लगी और जिसमें बांग्लादेश की राजधानी ढाका लिखा है और उसमें कई नंबर्स भी अंकित हैं. काफी ऊहापोह की स्थिति के बीच इस गिद्ध का बारीकी से निरीक्षण किया गया. इसके साथ गिद्ध की पीठ पर लगे डिवाइस को किसी जानकार व्यक्ति को दिखाया गया. इस ट्रैकिंग डिवाइस की बारीकी से जांच करने पर उन तमाम अटकल पर विराम लग गया, जो कुछ देर के लिए शहर के लोगों के बीच खूब चर्चा में थी.

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गिद्ध के पैर की रिंग में लिखा है ढाका (ETV Bharat)

पक्षी पर काम करने वाले शोधकर्ता मुरारी सिंह ने इन तमाम अफवाहों पर विराम लगा दिया. इसके साथ ही गिद्ध पर लगाए गये इस ट्रैकर के बारे में विस्तृत जानकारी दी. मुरारी सिंह का कहना है कि ये गिद्ध काफी सफर तय करके आया है जो काफी थका हुआ भी लग रहा है. यह एक प्रकार ट्रैकिंग डिवाइस है जो सीधे सैटेलाइट से जुड़ा रहता है. दरअसल आरएसबीपी (Royal Society for the Protection of Birds) जो भारत में बीएनएस (Bombay Natural History Society) के साथ मिलकर काम कर रही है. यह पक्षी पर शोध करती है.

शोधकर्ता मुरारी सिंह ने कहा कि इस गिद्ध पर यह ट्रैकर बांग्लादेश के खुलना में लगाया गया था. यह देखा जा रहा था कि गिद्ध प्रवास के लिए किन-किन स्थानों पर जाती है. भोजन की तलाश में इनका क्षेत्र कहां तक फैला हुआ है. इसी अनुसंधान को लेकर यह ट्रैकर लगाया गया था. मुरारी सिंह ने इस बाबत संस्था से वार्ता भी की है. जिन्होंने यह बताया कि ये गिद्ध बांग्लादेश से पश्चिम बंगाल के खड़कपुर, धनबाद होते हुए हजारीबाग पहुंचा है. संस्था का यह भी कहना है कि अगर यह पक्षी कहीं मिल जाए तो संपर्क करें. गिद्ध के पैर में लगे रिंग में ढाका लिखा है और कुछ नंबर भी अंकित है.

मुरारी सिंह का यह भी कहना है कि यह अफवाह फैल रहा है कि यह ट्रैकर जासूसी के लिए उपयोग में लाया जा रहा था जो सरासर गलत है. उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में भारत में भी पंछियों पर अन्वेषण और उनकी गिनती करने के लिए भी पैरों में एक चिन्ह लगाया गया था. उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि इस प्रकार के अफवाहों पर ध्यान न दिया जाए और इस प्रकार के पक्षियों को किसी प्रकार का नुकसान न पहुंचाया जाए.

इसे भी पढ़ें- पीटीआर में बाघ का मूवमेंट, कैमरे में कैद हुई तस्वीर, हाई अलर्ट जारी - Tiger in PTR

इसे भी पढ़ें- क्या है अजोला? जो बाघों के इको सिस्टम को बचाएगी, इस रिपोर्ट में जानिए - Tigers habitat of PTR

हजारीबागः सोमवार को जिला में उस वक्त सनसनी फैल गयी, जब अत्याधुनिक ट्रैकिंग डिवाइस लगा हुआ एक गिद्ध पाया गया. विष्णुगढ़ के कोनार डैम में ट्रैकर डिवाइस लगा हुआ गिद्ध बरामद हुआ है. इसके बाद इसको लेकर शहर में तरह तरह की बातें होने लगीं. यह बात आग की तरह पूरे क्षेत्र में फैल गई कि एक जासूस गिद्ध हजारीबाग में मिला है.

हजारीबाग में गिद्ध मिला, जिसपर ट्रैकर लगा है (ETV Bharat)
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गिद्ध पर लगे डिवाइस पर अंकित हैं नंबर्स और लिखा है कि ये मिलने पर किसे संपर्क करें (ETV Bharat)

एक और बात जो लोगों के दिमाग में कौंध गयी कि बांग्लादेश में सियासी तनाव, हिंसा के बीच एक गिद्ध का भारत में कैसे मिला. इतना ही नहीं बात यहां तक बात चली गई कि बांग्लादेश से बना हुआ डिवाइस गिद्ध में लगा हुआ है. जो जासूसी के क्रम में यहां पर पहुंचा. इन बातों और बल तब मिला जब जब गिद्ध के पैरों को देखने पर पता चला कि एक रिंग उसके पैर में लगी और जिसमें बांग्लादेश की राजधानी ढाका लिखा है और उसमें कई नंबर्स भी अंकित हैं. काफी ऊहापोह की स्थिति के बीच इस गिद्ध का बारीकी से निरीक्षण किया गया. इसके साथ गिद्ध की पीठ पर लगे डिवाइस को किसी जानकार व्यक्ति को दिखाया गया. इस ट्रैकिंग डिवाइस की बारीकी से जांच करने पर उन तमाम अटकल पर विराम लग गया, जो कुछ देर के लिए शहर के लोगों के बीच खूब चर्चा में थी.

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गिद्ध के पैर की रिंग में लिखा है ढाका (ETV Bharat)

पक्षी पर काम करने वाले शोधकर्ता मुरारी सिंह ने इन तमाम अफवाहों पर विराम लगा दिया. इसके साथ ही गिद्ध पर लगाए गये इस ट्रैकर के बारे में विस्तृत जानकारी दी. मुरारी सिंह का कहना है कि ये गिद्ध काफी सफर तय करके आया है जो काफी थका हुआ भी लग रहा है. यह एक प्रकार ट्रैकिंग डिवाइस है जो सीधे सैटेलाइट से जुड़ा रहता है. दरअसल आरएसबीपी (Royal Society for the Protection of Birds) जो भारत में बीएनएस (Bombay Natural History Society) के साथ मिलकर काम कर रही है. यह पक्षी पर शोध करती है.

शोधकर्ता मुरारी सिंह ने कहा कि इस गिद्ध पर यह ट्रैकर बांग्लादेश के खुलना में लगाया गया था. यह देखा जा रहा था कि गिद्ध प्रवास के लिए किन-किन स्थानों पर जाती है. भोजन की तलाश में इनका क्षेत्र कहां तक फैला हुआ है. इसी अनुसंधान को लेकर यह ट्रैकर लगाया गया था. मुरारी सिंह ने इस बाबत संस्था से वार्ता भी की है. जिन्होंने यह बताया कि ये गिद्ध बांग्लादेश से पश्चिम बंगाल के खड़कपुर, धनबाद होते हुए हजारीबाग पहुंचा है. संस्था का यह भी कहना है कि अगर यह पक्षी कहीं मिल जाए तो संपर्क करें. गिद्ध के पैर में लगे रिंग में ढाका लिखा है और कुछ नंबर भी अंकित है.

मुरारी सिंह का यह भी कहना है कि यह अफवाह फैल रहा है कि यह ट्रैकर जासूसी के लिए उपयोग में लाया जा रहा था जो सरासर गलत है. उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में भारत में भी पंछियों पर अन्वेषण और उनकी गिनती करने के लिए भी पैरों में एक चिन्ह लगाया गया था. उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि इस प्रकार के अफवाहों पर ध्यान न दिया जाए और इस प्रकार के पक्षियों को किसी प्रकार का नुकसान न पहुंचाया जाए.

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