दिनहाटा: पश्चिम बंगाल के कूच बिहार जिले में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के समर्थकों के बीच मंगलवार शाम को झड़प हो गई. यह घटना उस समय हुई जब केंद्रीय गृह राज्य मंत्री निशिथ प्रामाणिक के संबोधन के बाद एक जनसभा समाप्त हुई. उसी समय राज्य मंत्री उदयन गुहा के नेतृत्व में एक रैली पास ही शुरू होने वाली थी.
यह घटना दिनहाटा बाजार इलाके में रात करीब साढ़े बजे हुई जब स्थानीय भाजपा सांसद प्रमाणिक जनसभा में शामिल होने के बाद वहां से जा रहे थे और घटनास्थल से कुछ मीटर की दूरी पर टीएमसी की भी सभा होने वाली थी. प्रमाणिक ने आरोप लगाया कि जब उनका काफिला इलाके से निकल रहा था, तभी टीएमसी के रैली स्थल से पथराव किया गया. प्रमाणिक ने आरोप लगाया कि उत्तर बंगाल विकास मंत्री गुहा ने भाजपा कार्यकर्ताओं की पिटाई करने का नेतृत्व किया और पुलिस को उन्हें गिरफ्तार करने का निर्देश दिया. गुहा ने आरोपों को निराधार बताते हुए खारिज कर दिया और आरोप लगाया कि भाजपा समर्थकों ने टीएमसी के रैली स्थल पर पथराव किया.
प्रमाणिक ने एक बंगाली न्यूज चैनल में दावा किया कि कार्यक्रम खत्म होने के बाद वह इलाके से निकल रहे थे और अचानक टीएमसी समर्थकों ने हम पर पथराव शुरू कर दिया. इसलिए उन्हें टीएमसी कार्यकर्ताओं के इस अलोकतांत्रिक और हिंसक व्यवहार के खिलाफ विरोध करने के लिए नीचे उतरना पड़ा. गुहा ने आरोप लगाया कि बीजेपी इलाके में टीएमसी को चुनाव प्रचार करने से रोकने की कोशिश कर रही है.
दोनों पक्षों को रोकने के लिए बीच-बचाव करने पर कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हो गए, जिनके बीच मारपीट हुई. राजभवन ने एक बयान में कहा कि राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने प्रमाणिक और गुहा के बीच विवाद और टकराव पर रिपोर्ट की सत्यता पर राज्य पुलिस प्रमुख से रिपोर्ट मांगी है. इसमें कहा गया है, 'राज्यपाल ने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव में बाधा डालने के लिए उचित निवारक कार्रवाई के लिए 'लोगसभा' पोर्टल के माध्यम से प्राप्त आदतन अपराधियों की एक सूची भी भेजी है.'