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दिल्ली कोचिंग सेंटर हादसाः कोर्ट ने एसयूवी चालक और बेसमेंट के सह-मालिकों की जमानत याचिका खारिज की - Delhi coaching centre deaths

दिल्ली के राजेंद्र नगर में स्थित कोचिंग सेंटर हादसे के मामले में गिरफ्तार 5 आरोपियों की जमानत याचिका तीस हजारी कोर्ट ने खारिज कर दी. कोर्ट ने 30 जुलाई को फैसला सुरक्षित रख लिया था.

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दिल्ली के कोचिंग सेंटर हादसा (File Photo)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jul 31, 2024, 6:05 PM IST

Updated : Jul 31, 2024, 6:18 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके में RAUs IAS स्टडी सर्कल में हुई तीन छात्रों की मौत के मामले में गिरफ्तार चार सह-मालिकों और एक कार चालक की जमानत याचिका खारिज कर दी. जुडिशियल मजिस्ट्रेट विनोद कुमार ने पांचों आरोपियों की जमानत याचिका खारिज करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने कार चालक मनुज कथुरिया और कोचिंग के सह-मालिकों तेजिंदर सिंह, परविंदर सिंह, हरविंदर सिंह और सरबजीत सिंह की जमानत याचिका खारिज कर दी है. कोर्ट ने 30 जुलाई को फैसला सुरक्षित रख लिया था.

सुनवाई के दौरान कार चालक की ओर से पेश वकील राकेश मल्होत्रा ने कहा था कि उसने जानबूझकर गेट नहीं तोड़ा. घटना के समय कार की स्पीड 15 किलोमीटर प्रतिघंटा की थी. उन्होंने कहा कि जलजमाव वाले क्षेत्र में गाड़ी चलाना कठिन काम होता है. जलजमाव को रोकने के लिए नगर निगम है. उन्होंने कहा था कि जलजमाव रोकने के लिए न तो नगर निगम ने कोई काम किया और न ही दिल्ली जल बोर्ड ने. उसने कहा था कि इस मामले में ट्रैफिक इंस्पेक्टर, नगर निगम और पीडब्ल्यूडी के जिम्मेदार लोगों को गिरफ्तार नहीं किया गया है. रोड पर भी कोई रोक नहीं थी. पानी ढाई फीट ऊपर से आ रहा था.

कोचिंग के चार सह-मालिकों की ओर से पेश वकील अमित चड्डा ने कहा था कि कोचिंग में लाइब्रेरी चलाना कोर्ट की लाइब्रेरी से अलग होता है. जहां किताबें नियत जगह पर रखी होती हैं. कोचिंग के लाइब्रेरी का इस्तेमाल क्लासों के बीच में होता है. इसका दूसरे काम के लिए दुरुपयोग नहीं होता है. उन्होंने कहा था कि भारतीय न्याय संहिता की धारा 102 के तहत सूचना और मंशा दो मुख्य हिस्से हैं. दूसरी धारा 106 में लापरवाही से मौत का है. धारा 102 और 106 विरोधाभासी हैं. ऐसे में दोनों धाराएं कोचिंग के मालिकों पर नहीं लगाई जा सकती हैं.

ये भी पढ़ें: कोचिंग हादसाः दिल्ली हाई कोर्ट ने लगाई फटकार, पूछा- क्या कोई एमसीडी अधिकारी पकड़ा गया? पुलिस से मांगी रिपोर्ट

दिल्ली पुलिस ने 29 जुलाई को RAUs IAS स्टडी सर्कल के चार सह मालिकों और कार चालक को गिरफ्तार किया था. इस मामले में अब तक सात आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इस मामले में 28 जुलाई की देर रात कोचिंग के मालिक अभिषेक गुप्ता और को-ऑर्डिनेटर देशपाल सिंह को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा था. पुलिस ने इन आरोपियों के अलावा बिल्डिंग मैनेजमेंट सिस्टम की देखरेख करनेवाले निगमकर्मियों और दूसरे आरोपियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या की विभिन्न धाराओं में केस दर्ज कर लिया है.

दिल्ली पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 105, 106(1), 115(2), 3(5) के तहत केस दर्ज किया है. बता दें, RAU’S IAS स्टडी सर्कल के बेसमेंट में लाइब्रेरी स्थित है. इस लाइब्रेरी में यूपीएससी की तैयारी कर रहे छात्र पढ़ाई कर रहे थे. इस बेसमेंट में अचानक आए पानी में पढ़ाई कर रहे तीन छात्र फंस गए और इनकी मौत हो गई. इस दर्दनाक हादसे का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें: दिल्ली सरकार का बड़ा ऐलान, कानून के दायरे में आएंगे कोचिंग इंस्टीट्यूट्स, लाया जाएगा रेगुलेशन एक्ट

नई दिल्ली: दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके में RAUs IAS स्टडी सर्कल में हुई तीन छात्रों की मौत के मामले में गिरफ्तार चार सह-मालिकों और एक कार चालक की जमानत याचिका खारिज कर दी. जुडिशियल मजिस्ट्रेट विनोद कुमार ने पांचों आरोपियों की जमानत याचिका खारिज करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने कार चालक मनुज कथुरिया और कोचिंग के सह-मालिकों तेजिंदर सिंह, परविंदर सिंह, हरविंदर सिंह और सरबजीत सिंह की जमानत याचिका खारिज कर दी है. कोर्ट ने 30 जुलाई को फैसला सुरक्षित रख लिया था.

सुनवाई के दौरान कार चालक की ओर से पेश वकील राकेश मल्होत्रा ने कहा था कि उसने जानबूझकर गेट नहीं तोड़ा. घटना के समय कार की स्पीड 15 किलोमीटर प्रतिघंटा की थी. उन्होंने कहा कि जलजमाव वाले क्षेत्र में गाड़ी चलाना कठिन काम होता है. जलजमाव को रोकने के लिए नगर निगम है. उन्होंने कहा था कि जलजमाव रोकने के लिए न तो नगर निगम ने कोई काम किया और न ही दिल्ली जल बोर्ड ने. उसने कहा था कि इस मामले में ट्रैफिक इंस्पेक्टर, नगर निगम और पीडब्ल्यूडी के जिम्मेदार लोगों को गिरफ्तार नहीं किया गया है. रोड पर भी कोई रोक नहीं थी. पानी ढाई फीट ऊपर से आ रहा था.

कोचिंग के चार सह-मालिकों की ओर से पेश वकील अमित चड्डा ने कहा था कि कोचिंग में लाइब्रेरी चलाना कोर्ट की लाइब्रेरी से अलग होता है. जहां किताबें नियत जगह पर रखी होती हैं. कोचिंग के लाइब्रेरी का इस्तेमाल क्लासों के बीच में होता है. इसका दूसरे काम के लिए दुरुपयोग नहीं होता है. उन्होंने कहा था कि भारतीय न्याय संहिता की धारा 102 के तहत सूचना और मंशा दो मुख्य हिस्से हैं. दूसरी धारा 106 में लापरवाही से मौत का है. धारा 102 और 106 विरोधाभासी हैं. ऐसे में दोनों धाराएं कोचिंग के मालिकों पर नहीं लगाई जा सकती हैं.

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दिल्ली पुलिस ने 29 जुलाई को RAUs IAS स्टडी सर्कल के चार सह मालिकों और कार चालक को गिरफ्तार किया था. इस मामले में अब तक सात आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इस मामले में 28 जुलाई की देर रात कोचिंग के मालिक अभिषेक गुप्ता और को-ऑर्डिनेटर देशपाल सिंह को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा था. पुलिस ने इन आरोपियों के अलावा बिल्डिंग मैनेजमेंट सिस्टम की देखरेख करनेवाले निगमकर्मियों और दूसरे आरोपियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या की विभिन्न धाराओं में केस दर्ज कर लिया है.

दिल्ली पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 105, 106(1), 115(2), 3(5) के तहत केस दर्ज किया है. बता दें, RAU’S IAS स्टडी सर्कल के बेसमेंट में लाइब्रेरी स्थित है. इस लाइब्रेरी में यूपीएससी की तैयारी कर रहे छात्र पढ़ाई कर रहे थे. इस बेसमेंट में अचानक आए पानी में पढ़ाई कर रहे तीन छात्र फंस गए और इनकी मौत हो गई. इस दर्दनाक हादसे का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है.

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Last Updated : Jul 31, 2024, 6:18 PM IST
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