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तिरुपति लड्डू विवाद: VHP की मांग,"मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त किया जाए" - Tirupati controversy

Tirupati Controversy: लैब टेस्ट रिपोर्ट से पता चला है कि तिरुपति के प्रसिद्ध श्री वेंकटेश्वर मंदिर में प्रसाद के रूप में वितरित किए जाने वाले लड्डू बनाने के लिए जानवरों की चर्बी, मछली का तेल और ताड़ के तेल का इस्तेमाल किया जा रहा था. इस मुद्दे पर तमाम धार्मिक संगठन और विश्व हिंदू परिषद कड़ विरोध जता रहे हैं. इस मामले पर ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना की रिपोर्ट...

Tirupati controversy
तिरुपति लड्डू विवाद पर बोले वीएचपी नेता बजरंग बागड़ा (ETV Bharat And ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 20, 2024, 5:58 PM IST

नई दिल्ली: तिरुपति प्रसादम विवाद अब और अधिक गहराता जा रहा है. इस मुद्दे पर सियासत केंद्र तक पहुंच गईं है. प्रयोगशाला परीक्षण रिपोर्ट से पता चला है कि तिरुपति के प्रसिद्ध श्री वेंकटेश्वर मंदिर में प्रसाद के रूप में वितरित किए जाने वाले लड्डू बनाने के लिए पशु चर्बी, मछली का तेल और ताड़ के तेल का इस्तेमाल किया जा रहा था. इस मुद्दे पर तमाम धार्मिक संगठन और विश्व हिंदू परिषद कड़ विरोध जता रहे हैं.

परीक्षण रिपोर्ट के आधार पर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने ये आरोप लगाया कि पिछली वाईएसआरसीपी सरकार के दौरान प्रसिद्ध तिरुपति लड्डू, एक पवित्र मिठाई, बनाने में घटिया सामग्री और पशु वसा का इस्तेमाल किया गया था. हालांकि, वाईएसआरसीपी ने इस दावे को खारिज करते हुए कोर्ट का सहारा लेने की बात कही. लेकिन कहीं ना कहीं इस मुद्दे पर ysrcp के साथ साथ एनडीए पूरे इंडिया गठबंधन से जवाब मांग रही है और हिंदुओं की भावनाओं से खिलवाड़ करने पर बाकी पार्टियों खासतौर पर कांग्रेस और अन्य दलों से भी इस मुद्दे पर अपना स्टैंड क्लियर करने की मांग की है.

जाहिर सी बात है, एक तरफ राज्यों के चुनाव और दूसरी तरफ हिन्दुओं के धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला ये मुद्दा जिसमे अब तमाम धार्मिक संगठन और विश्व हिंदू परिषद भी इस पर कड़ा विरोध जता रहा है.ऐसे में केंद्र की तरफ से मांगा गया जवाब अब वाईएसआरसीपी के लिए और मुसीबतें खड़ी कर सकता है.

बजरंग बागड़ा अंतराष्ट्रीय महामंत्री, वीएचपी (ETV Bharat)

तिरुमला तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद लड्डू में मिलावट का खुलासा होते हीं ये विवाद गहराता जा रहा है.इस विवाद ने और भी नया मोड़ ले लिया जब शुक्रवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इस मामले में रिपोर्ट मंगवाई. तिरुमला प्रसादम विवाद के वकील विनीत जिंदल ने केंद्रीय गृह मंत्रालय और आंध्र प्रदेश पुलिस प्रमुख के पास राज्य के पूर्व सीएम जगन मोहन रेड्डी, तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) के अधिकारियों और पशुओं की चर्बी वाले मिलावटी घी की आपूर्ति करने वाले ठेकेदार के खिलाफ शिकायत दर्ज करने की अर्जी भेजी.

उधर वाईएसआरसीपी भी इस मामले में अदालत पहुंच चुकी है लेकिन बाकी हिंदू संगठनों सहित वीएचपी की तरफ से इस पर कड़ा विरोध और आलोचना के बाद अब ये मामला और तूल पकड़ता जा रहा है.

विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के अंतराष्ट्रीय महामंत्री बजरंग बागड़ा का कहना है कि, हिंदुओं के सबसे अधिक पवित्रतम तीर्थ स्थल और सबसे अधिक तीर्थयात्रियों के पहुंचने वाले तिरुपति बालाजी मंदिर परिसर में बनने वाले लड्डू प्रसाद में जिस तरह से अपवित्र वस्तु की मिलावट सामने आई हैं इससे पूरा हिंदू समाज आहत हैं और दुख में है. उन्होंने कहा कि, जिस तरह से यह मामला सामने आया है वीएचपी ये मांग करती है कि इस पर एक निष्पक्ष जांच होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि, इस मामले में जिस किसी का भी हाथ हो, उसे कड़ी सजा मिलनी चाहिए.

वीएचपी का यह भी कहना है कि, वे लंबे समय से मंदिरों को सरकार के नियंत्रण से बाहर रखने की मांग करते आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि, वीएचपी की लंबे समय से मांग है कि, मंदिरों पर समाज का नियंत्रण होना चाहिए.

वीएचपी ने अपनी मांग दोहराते हुए कहा है कि, यदि हिंदुओं के मंदिर और देवालयों में सरकार का नियंत्रण होगा तो उसमे गैर हिन्दू भी अधिकारी के रूप में आएंगे जिससे ऐसी घटनाओं की पुनरावृति हो सकती है. इसलिए वो सरकार से मांग करते हैं कि, सभी मंदिरों को सरकार के नियंत्रण से मुक्त किया जाए, तभी मंदिर और देवालय और उसके आस पास का वातारण साफ रहेगा.

इसी तरह टीडीपी के नेता और केन्द्रीय मंत्री राम मोहन नायडू ने ईटीवी भारत से कहा कि, यह एक घृणित घटना है और इस पर विस्तृत करवाई होनी चाहिए और जिम्मेदारी तय करते हुए कड़ी सजा दी जानी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि, तिरुपति बालाजी मंदिर भक्तों के दिल में बसते हैं और पूर्व की वाईएसआरसीपी सरकार का जनभावना से खिलवाड़ करने का कोई हक नही है. उन्होंने कहा कि, जनता इसका जवाब जरूर देगी.

वहीं इस मुद्दे पर भाजपा भी हमलावर है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने मंदिर प्रशासन से रिपोर्ट भी मंगवाई है. उनका कहना है कि घटना की विस्तृत जांच होगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी करवाई की जाएगी. भाजपा भी इस मुद्दे पर काफी आक्रामक है. वहीं हिंदू संगठन देशभर में वाईएसआरसीपी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, जिससे ये मामला और भी गहराता जा रहा है. वीएचपी की मांग पर कई राजनीतिक पार्टियां भी अब देश के मंदिरों को राज्य सरकार के नियंत्रण से मुक्त करने का मुद्दे को तूल दे रही है.

ये भी पढ़ें: स्वास्थ्य मंत्रालय ने तिरुपति लड्डू मुद्दे पर रिपोर्ट मांगी, नड्डा ने कहा, 'उचित कार्रवाई की जाएगी'

नई दिल्ली: तिरुपति प्रसादम विवाद अब और अधिक गहराता जा रहा है. इस मुद्दे पर सियासत केंद्र तक पहुंच गईं है. प्रयोगशाला परीक्षण रिपोर्ट से पता चला है कि तिरुपति के प्रसिद्ध श्री वेंकटेश्वर मंदिर में प्रसाद के रूप में वितरित किए जाने वाले लड्डू बनाने के लिए पशु चर्बी, मछली का तेल और ताड़ के तेल का इस्तेमाल किया जा रहा था. इस मुद्दे पर तमाम धार्मिक संगठन और विश्व हिंदू परिषद कड़ विरोध जता रहे हैं.

परीक्षण रिपोर्ट के आधार पर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने ये आरोप लगाया कि पिछली वाईएसआरसीपी सरकार के दौरान प्रसिद्ध तिरुपति लड्डू, एक पवित्र मिठाई, बनाने में घटिया सामग्री और पशु वसा का इस्तेमाल किया गया था. हालांकि, वाईएसआरसीपी ने इस दावे को खारिज करते हुए कोर्ट का सहारा लेने की बात कही. लेकिन कहीं ना कहीं इस मुद्दे पर ysrcp के साथ साथ एनडीए पूरे इंडिया गठबंधन से जवाब मांग रही है और हिंदुओं की भावनाओं से खिलवाड़ करने पर बाकी पार्टियों खासतौर पर कांग्रेस और अन्य दलों से भी इस मुद्दे पर अपना स्टैंड क्लियर करने की मांग की है.

जाहिर सी बात है, एक तरफ राज्यों के चुनाव और दूसरी तरफ हिन्दुओं के धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला ये मुद्दा जिसमे अब तमाम धार्मिक संगठन और विश्व हिंदू परिषद भी इस पर कड़ा विरोध जता रहा है.ऐसे में केंद्र की तरफ से मांगा गया जवाब अब वाईएसआरसीपी के लिए और मुसीबतें खड़ी कर सकता है.

बजरंग बागड़ा अंतराष्ट्रीय महामंत्री, वीएचपी (ETV Bharat)

तिरुमला तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद लड्डू में मिलावट का खुलासा होते हीं ये विवाद गहराता जा रहा है.इस विवाद ने और भी नया मोड़ ले लिया जब शुक्रवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इस मामले में रिपोर्ट मंगवाई. तिरुमला प्रसादम विवाद के वकील विनीत जिंदल ने केंद्रीय गृह मंत्रालय और आंध्र प्रदेश पुलिस प्रमुख के पास राज्य के पूर्व सीएम जगन मोहन रेड्डी, तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) के अधिकारियों और पशुओं की चर्बी वाले मिलावटी घी की आपूर्ति करने वाले ठेकेदार के खिलाफ शिकायत दर्ज करने की अर्जी भेजी.

उधर वाईएसआरसीपी भी इस मामले में अदालत पहुंच चुकी है लेकिन बाकी हिंदू संगठनों सहित वीएचपी की तरफ से इस पर कड़ा विरोध और आलोचना के बाद अब ये मामला और तूल पकड़ता जा रहा है.

विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के अंतराष्ट्रीय महामंत्री बजरंग बागड़ा का कहना है कि, हिंदुओं के सबसे अधिक पवित्रतम तीर्थ स्थल और सबसे अधिक तीर्थयात्रियों के पहुंचने वाले तिरुपति बालाजी मंदिर परिसर में बनने वाले लड्डू प्रसाद में जिस तरह से अपवित्र वस्तु की मिलावट सामने आई हैं इससे पूरा हिंदू समाज आहत हैं और दुख में है. उन्होंने कहा कि, जिस तरह से यह मामला सामने आया है वीएचपी ये मांग करती है कि इस पर एक निष्पक्ष जांच होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि, इस मामले में जिस किसी का भी हाथ हो, उसे कड़ी सजा मिलनी चाहिए.

वीएचपी का यह भी कहना है कि, वे लंबे समय से मंदिरों को सरकार के नियंत्रण से बाहर रखने की मांग करते आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि, वीएचपी की लंबे समय से मांग है कि, मंदिरों पर समाज का नियंत्रण होना चाहिए.

वीएचपी ने अपनी मांग दोहराते हुए कहा है कि, यदि हिंदुओं के मंदिर और देवालयों में सरकार का नियंत्रण होगा तो उसमे गैर हिन्दू भी अधिकारी के रूप में आएंगे जिससे ऐसी घटनाओं की पुनरावृति हो सकती है. इसलिए वो सरकार से मांग करते हैं कि, सभी मंदिरों को सरकार के नियंत्रण से मुक्त किया जाए, तभी मंदिर और देवालय और उसके आस पास का वातारण साफ रहेगा.

इसी तरह टीडीपी के नेता और केन्द्रीय मंत्री राम मोहन नायडू ने ईटीवी भारत से कहा कि, यह एक घृणित घटना है और इस पर विस्तृत करवाई होनी चाहिए और जिम्मेदारी तय करते हुए कड़ी सजा दी जानी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि, तिरुपति बालाजी मंदिर भक्तों के दिल में बसते हैं और पूर्व की वाईएसआरसीपी सरकार का जनभावना से खिलवाड़ करने का कोई हक नही है. उन्होंने कहा कि, जनता इसका जवाब जरूर देगी.

वहीं इस मुद्दे पर भाजपा भी हमलावर है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने मंदिर प्रशासन से रिपोर्ट भी मंगवाई है. उनका कहना है कि घटना की विस्तृत जांच होगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी करवाई की जाएगी. भाजपा भी इस मुद्दे पर काफी आक्रामक है. वहीं हिंदू संगठन देशभर में वाईएसआरसीपी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, जिससे ये मामला और भी गहराता जा रहा है. वीएचपी की मांग पर कई राजनीतिक पार्टियां भी अब देश के मंदिरों को राज्य सरकार के नियंत्रण से मुक्त करने का मुद्दे को तूल दे रही है.

ये भी पढ़ें: स्वास्थ्य मंत्रालय ने तिरुपति लड्डू मुद्दे पर रिपोर्ट मांगी, नड्डा ने कहा, 'उचित कार्रवाई की जाएगी'

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