अयोध्या: राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली बार श्री रामलला का तिलकोत्सव चढ़ाए जाने के बाद विवाह पंचमी महोत्सव का आगाज हो गया है. सोमवार को जनकपुर से सोने चांदी के आभूषण और विभिन्न प्रकार के नेग लेकर अयोध्या पहुंचे तिलकहरुओं ने विधि विधान पूर्वक मन्त्रोच्चारण से तिलक चढ़ाया. इस दौरान वर पक्ष से श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चम्पतराय ने महाराजा दशरथ की भूमिका निभाई. वहीं राजा जनक की भूमि में मधेश प्रदेश के मुख्यमंत्री सुरेश सिंह ने सभी रस्मों को पूरा किया. लग्न पत्रिका को देकर बारात का आमंत्रण दिया. जहां जनकपुरी की सहेलियों ने मंगलगीत संगीत से महफ़िल सजाई और शाम होते ही जमकर आतिशबाजी हुई. इस दौरान विश्व हिन्दू परिषद के केंद्रीय मंत्री राजेन्द्र सिंह पंकज ने इस आयोजन का संचालन किया.
तिलक उत्सव में दशरथ की भूमिका निभा रहे श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि त्रेता युग में अयोध्या से भगवान राम की बारात जनकपुर गई थी. जिस दिन विवाह हुआ, उस दिन मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की पंचमी थी. प्रति वर्ष विवाह पंचमी पर जनकपुर में और यहां के मंदिरों में भी बड़े आयोजन होते है. विश्व हिंदू परिषद 2004 से अयोध्या से जनकपुर एक बारात जाती रही है. यह प्रत्येक 5 वर्ष के बाद जाती है. जिसमें इसके पहले 2004, 2009, 2014, 2019 और अब 2024 में जाएगी. बारात के पहले कन्या पक्ष की तरफ से निमंत्रण आता है. यह आयोजन आज यहां पर संपन्न हुआ है. जिसमें जनकपुर राज्य के मुख्यमंत्री, मंत्रिमंडल और वहां के दो मेयर के साथ लगभग 400 की संख्या में लोग तिलक लेकर आए हैं. अब अयोध्या से श्री राम बारात 26 नवंबर को जनकपुर के लिए निकलेगी और 3 दिसंबर को बारात जनकपुर पहुंचेगी.
बताया कि चार दिन पांच और 6 दिसंबर को विवाह का कार्यक्रम संपन्न होगा. 7 दिसंबर को उसके पश्चात के सभी आयोजन करके 8 दिसंबर को बारात वापस अयोध्या निकलेगी और 9 दिसंबर की रात्रि सभी बाराती वापस अयोध्या पहुंचेंगे.
अयोध्या के महापौर गिरीश पति त्रिपाठी ने तिलकोत्सव में शामिल होने के बाद कहा कि रामलला का तिलक उत्सव संपन्न हुआ है. जनकपुर के मुख्यमंत्री वहां के मेयर समेत अन्य लोग तिलक लेकर आए थे. त्रेता युग से जो हमारे सांस्कृतिक संबंध नेपाल और भारत के बीच हैं, आज से पुनर्जीवित हुए.