ETV Bharat / bharat

एक ही परिवार के तीन लोगों ने पास किया NEET का एग्जाम - Tamil Nadu - TAMIL NADU

Three Medical Student: तमिलनाडु के धर्मपुरी में एक ही परिवार के तीन छात्रों ने एनईईटी परीक्षा उत्तीर्ण की है और अब वे वरीयता के आधार पर निर्धारित 7.5 सीटों के तहत मेडिकल की पढ़ाई करेंगे.

एक ही परिवार के तीन लोगों ने पास किया NEET का एग्जाम
एक ही परिवार के तीन लोगों ने पास किया NEET का एग्जाम (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 1, 2024, 7:47 PM IST

चेन्नई: धर्मपुरी जिले के नल्लमपल्ली के पास धंडुकरमपट्टी गांव के कुझांथाई-मधम्मल दंपति के एक बेटी और दो बेटे हैं. तीनों बच्चों ने पहली क्लास से लेकर आठवीं कक्षा तक धंडुकरमपट्टी गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ाई की. इसके बाद वे येलागिरी सरकारी माध्यमिक विद्यालय चले गए और यहां से12वीं कक्षा तक की पढ़ाई की.

अब संध्या और हरि प्रसाद ने NEET की परीक्षा पास कर ली है और 7.5 फीसदी आरक्षण के तहत मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं. उन्होंने सभी को पीछे मुड़कर देखने पर मजबूर कर दिया है. किसान परिवार की सबसे बड़ी बेटी संध्या ने 2019 में 12वीं की परीक्षा पास की और एमबीबीएस कोर्स में दाखिला लेने की कोशिश की, लेकिन सफलता न मिलने के कारण उसने धर्मपुरी के गवर्नमेंट आर्ट्स कॉलेज में केमिस्ट्री कोर्स में दाखिला ले लिया.

संध्या के छोटे भाई हरि प्रसाद, जिन्होंने 2021-2022 के 12वीं कक्षा में 600 में से 500 अंक प्राप्त किए. उन्होंने साल 2022 में 434 अंकों के साथ एक वर्षीय NEET परीक्षा प्रशिक्षण प्राप्त किया, जिसमें सलेम मेडिकल कॉलेज में MBBS का 7.5 फीसदी आरक्षण था. किसान के तीसरे बेटे ने वर्ष 2022-2023 की 12वीं कक्षा में 600 में से 520 अंक प्राप्त किए हैं, उसके NEET में 540 अंक हैं.

शिक्षकों ने की मदद
इस संबंध में परिवार के अंतिम एमबीबीएस छात्र सूर्या प्रकाश ने ईटीवी भारत से कहा, "मैंने 2024 में नीट पास कर लिया और करूर सरकारी मेडिकल कॉलेज में मेडिकल सीट मिल गई. मेरी बड़ी बहन करूर मेडिकल कॉलेज में पढ़ रही है और हमारा बड़ा भाई सलेम मेडिकल कॉलेज में पढ़ रहा है. सभी ने हमें नीट की पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित किया और प्रेरित किया. साथ ही मेरे स्कूल के शिक्षकों ने भी मदद की."

वहीं, उनके पिता ने कहा, "मेरी बेटी ने 7.5 प्रतिशत आरक्षण की मदद से नीट में 310 अंक लाकर अपने सपने को साकार किया है. एक समय था जब एमबीबीएस के लिए 12वीं पास होना अनिवार्य था, तब छात्रों के पास केवल एक ही विकल्प था, लेकिन नीट में छात्र बार-बार परीक्षा देते हैं और अपने सपने को साकार कर पाते हैं."

तीन बच्चों को मेडिकल की सीटें मिलीं
उनकी मां ने बताया, "हमारी बेटी ने चेन्नई में कोचिंग की और 12वीं में 1200 में से 1024 अंक प्राप्त किए. फिर, उसने एक परीक्षा दी, लेकिन पास नहीं हो पाई. उसके बाद उसने फिर से परीक्षा दी और करूर मेडिकल कॉलेज से सीट हासिल की. हमारे तीन बच्चों को मेडिकल की सीटें मिलीं, और वे सभी सरकारी अस्पताल में पढ़ते हैं."

7.5 प्रतिशत आरक्षण क्या है?
2021 में विधानसभा चुनाव से पहले तत्काली सीएम एडप्पादी पलानीस्वामी के नेतृत्व वाली तमिलनाडु सरकार ने विश्वविद्यालयों, कॉलेजों में इंजीनियरिंग, कृषि, पशु चिकित्सा, मत्स्य पालन, कानून और अन्य व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश पाने के लिए सरकारी स्कूलों में छात्रों के लिए 7.5 प्रतिशत सीटें आवंटित करने के लिए राज्य विधानसभा में एक विधेयक पारित किया था.

यह भी पढ़ें- तेलंगाना में मूसलाधार बारिश, 9 लोगों की मौत, सीएम ने की आपात बैठक, कल स्कूलों में छुट्टी, 80 ट्रेनें रद्द

चेन्नई: धर्मपुरी जिले के नल्लमपल्ली के पास धंडुकरमपट्टी गांव के कुझांथाई-मधम्मल दंपति के एक बेटी और दो बेटे हैं. तीनों बच्चों ने पहली क्लास से लेकर आठवीं कक्षा तक धंडुकरमपट्टी गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ाई की. इसके बाद वे येलागिरी सरकारी माध्यमिक विद्यालय चले गए और यहां से12वीं कक्षा तक की पढ़ाई की.

अब संध्या और हरि प्रसाद ने NEET की परीक्षा पास कर ली है और 7.5 फीसदी आरक्षण के तहत मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं. उन्होंने सभी को पीछे मुड़कर देखने पर मजबूर कर दिया है. किसान परिवार की सबसे बड़ी बेटी संध्या ने 2019 में 12वीं की परीक्षा पास की और एमबीबीएस कोर्स में दाखिला लेने की कोशिश की, लेकिन सफलता न मिलने के कारण उसने धर्मपुरी के गवर्नमेंट आर्ट्स कॉलेज में केमिस्ट्री कोर्स में दाखिला ले लिया.

संध्या के छोटे भाई हरि प्रसाद, जिन्होंने 2021-2022 के 12वीं कक्षा में 600 में से 500 अंक प्राप्त किए. उन्होंने साल 2022 में 434 अंकों के साथ एक वर्षीय NEET परीक्षा प्रशिक्षण प्राप्त किया, जिसमें सलेम मेडिकल कॉलेज में MBBS का 7.5 फीसदी आरक्षण था. किसान के तीसरे बेटे ने वर्ष 2022-2023 की 12वीं कक्षा में 600 में से 520 अंक प्राप्त किए हैं, उसके NEET में 540 अंक हैं.

शिक्षकों ने की मदद
इस संबंध में परिवार के अंतिम एमबीबीएस छात्र सूर्या प्रकाश ने ईटीवी भारत से कहा, "मैंने 2024 में नीट पास कर लिया और करूर सरकारी मेडिकल कॉलेज में मेडिकल सीट मिल गई. मेरी बड़ी बहन करूर मेडिकल कॉलेज में पढ़ रही है और हमारा बड़ा भाई सलेम मेडिकल कॉलेज में पढ़ रहा है. सभी ने हमें नीट की पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित किया और प्रेरित किया. साथ ही मेरे स्कूल के शिक्षकों ने भी मदद की."

वहीं, उनके पिता ने कहा, "मेरी बेटी ने 7.5 प्रतिशत आरक्षण की मदद से नीट में 310 अंक लाकर अपने सपने को साकार किया है. एक समय था जब एमबीबीएस के लिए 12वीं पास होना अनिवार्य था, तब छात्रों के पास केवल एक ही विकल्प था, लेकिन नीट में छात्र बार-बार परीक्षा देते हैं और अपने सपने को साकार कर पाते हैं."

तीन बच्चों को मेडिकल की सीटें मिलीं
उनकी मां ने बताया, "हमारी बेटी ने चेन्नई में कोचिंग की और 12वीं में 1200 में से 1024 अंक प्राप्त किए. फिर, उसने एक परीक्षा दी, लेकिन पास नहीं हो पाई. उसके बाद उसने फिर से परीक्षा दी और करूर मेडिकल कॉलेज से सीट हासिल की. हमारे तीन बच्चों को मेडिकल की सीटें मिलीं, और वे सभी सरकारी अस्पताल में पढ़ते हैं."

7.5 प्रतिशत आरक्षण क्या है?
2021 में विधानसभा चुनाव से पहले तत्काली सीएम एडप्पादी पलानीस्वामी के नेतृत्व वाली तमिलनाडु सरकार ने विश्वविद्यालयों, कॉलेजों में इंजीनियरिंग, कृषि, पशु चिकित्सा, मत्स्य पालन, कानून और अन्य व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश पाने के लिए सरकारी स्कूलों में छात्रों के लिए 7.5 प्रतिशत सीटें आवंटित करने के लिए राज्य विधानसभा में एक विधेयक पारित किया था.

यह भी पढ़ें- तेलंगाना में मूसलाधार बारिश, 9 लोगों की मौत, सीएम ने की आपात बैठक, कल स्कूलों में छुट्टी, 80 ट्रेनें रद्द

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.