जगदलपुर : बस्तर लोकसभा सीट के लिए 19 अप्रैल को मतदान होंगे. मतदान से पहले राज्य निर्वाचन आयोग शांतिपूर्ण तरीके से मतदान संपन्न कराने की तैयारियों में जुटा है. निर्वाचन आयोग के अधिकारी ईवीएम की चेकिंग में जुटे हैं.सुरक्षा के लिहाज से नक्सल प्रभावित अतिसंवेदनशील इलाकों में पुलिस और मतदान दल को हेलीकॉप्टर से भेजने की तैयारी की जा रही है.
मतदान दल को सुरक्षित पहुंचाना और लाना लक्ष्य : आपको बता दें कि बस्तर संभाग के कई ऐसे मतदान केंद्र हैं, जहां नदी नालों को पार करके मतदान कर्मियों को पहुंचाया जाता है. ऐसी स्थिति में सुरक्षाबल के जवानों और निर्वाचन शाखा ने मिलकर मतदान कर्मियों को सुरक्षित पोलिंग बूथ तक पहुंचाने का बीड़ा उठाया है. इसके लिए दुर्गम जगहों में हेलीकॉप्टर का सहारा लिया जाएगा ताकि किसी प्रकार की कोई अनहोनी मतदान कर्मियों के साथ ना हो.
क्यों हेलीकॉप्टर से पहुंचाए जाएंगे मतदान कर्मी : नक्सली हमेशा से ही चुनाव का बहिष्कार करते आए हैं.मतदान के बाद नक्सली ईवीएम,वीवीपैट समेत दूसरे सामानों को नुकसान पहुंचाते हैं. इसलिए इस बार एक लाख से ज्यादा सुरक्षा जवानों को बस्तर में तैनात किया गया है.अति संवेदनशील जगहों के मतदान केंद्रों की सुरक्षा थ्री लेयर में बनाई गई है. यही वजह है कि मतदान कर्मियों को हेलीकॉप्टर के माध्यम से मतदान केंद्रों तक पहुंचाया जाएगा. इसके बाद वापस हेलीकॉप्टर के माध्यम से मुख्यालय लाया जाएगा.
''पहले भी लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में भी मतदान कर्मियों को संवेदनशील इलाकों में एयरलिफ्ट किया गया था. इसी प्रकार लोकसभा चुनाव में भी सुरक्षा के लिहाज से मतदानकर्मियों को बेस कैम्प तक हेलीकॉप्टर की मदद से पहुंचाया जाएगा. इसकी तैयारी पूरे संसदीय क्षेत्र में की जा रही है.''- सुंदरराज पी, आईजी बस्तर रेंज
मतदान केंद्रों में थ्री लेयर सुरक्षा : मतदान केंद्रों को संगवारी मतदान केंद्र, संवेदनशील मतदान केंद्र और अति संवेदनशील मतदान केंद्र के रूप में चिन्हित किया गया है. जहां-जहां आवश्यकता होगी, उन मतदान केंद्रों की सुरक्षा 3 लेयर्स में की जाएगी. सुरक्षा के लिए बस्तर में पहले से स्पेशल पर्याप्त सुरक्षाबल के जवान तैनात हैं. इसके अलावा सामान्य मतदान केंद्रों में भी जवानों की तैनाती होगी ताकि सुरक्षित तरीके से मतदान की प्रकिया को सम्पन्न कराया जा सके.
ड्रोन कैमरे से हो रही निगरानी: बस्तर संभाग के अतिसंवेदनशील इलाकों में किसी भी तरह की नक्सली वारदात को रोकने लिए थ्री लेयर सुरक्षा प्लान बना है. अतिसंवेदनशील इलाकों में ड्रोन के जरिए निगरानी रखी जा रही है.अंदरुनी इलाकों में फोर्स की तैनाती के साथ नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र और पुलिस थानों को अलर्ट मोड पर रखा गया है. मतदान से पहले पुलिस और सुरक्षा जवानों ने गश्ती बढ़ाई है. जिले में लगभग 8000 से ज्यादा पुलिस अधिकारी और कर्मचारियों की ड्यूटी लगी है.
दंतेवाड़ा में बढ़ाई गई सुरक्षा व्यवस्था: दंतेवाड़ा में भी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की जा रही है. जिले के सरहदी इलाकों में चुनाव संबंधी तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा चुका है. 25 सीआरपीएफ की कंपनियां बस्तर में तैनात की गई है. इसके अलावा जिले में पहले से तैनात सीआरपीएफ की 20 कंपनियों को चुनाव कार्य के लिए दंतेवाड़ा पुलिस को सौंपा गया है. सीएएफ की 23 कंपनियों को भी जिले के मतदान केन्द्रों और आरओपी ड्यूटी के लिए तैनात किया जा रहा है.इसके अलावा बस्तर फाइटर्स और डीआरजी के भी जवान सुरक्षा में लगे रहेंगे.
आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ का बस्तर संभाग नक्सल प्रभावित अति संवेदनशील क्षेत्र है. यहां नक्सली अक्सर सुरक्षा बलों को निशाना बनाते हैं. बस्तर संभाग में लोकसभा की 2 सीटें आती है. जिसमें बस्तर लोकसभा सीट के लिए पर पहले चरण के मतदान 19 अप्रैल को होगा. वहीं दूसरे चरण के तहत 26 अप्रैल को कांकेर लोकसभा क्षेत्र में मतदान संपन्न होंगे. लिहाजा नक्सली हमेशा की तरह चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश कर सकते हैं. इसे ध्यान में रखते हुए ही केंद्रीय चुनाव आयोग ने अतिरिक्त पुलिस फोर्स को बस्तर में तैनात किया है.
कितने प्रत्याशियों के बीच है मुकाबला : बस्तर लोकसभा सीट से 11 प्रत्याशी चुनाव मैदान में है. इसमें कांग्रेस से कवासी लखमा, बीजेपी से महेश राम कश्यप, हमर राज पार्टी से नरेंद्र बुरका, राष्ट्रीय जनसभा पार्टी से कवलसिंह बघेल, बहुजन समाज पार्टी से आयतुराम मंडावी चुनावी ताल ठोकेंगे. वहीं भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से फूलसिंह कचलाम, सर्व आदि दल से शिवराम नाग के अलावा गोंडवाना गणतंत्र पार्टी से टीकम नागवंशी, आजाद जनता पार्टी से जगदीश प्रसाद नाग और स्वतंत्र दल से प्रकाश कुमार गोटा, निर्दलीय प्रत्याशी सुंदर बघेल ने बस्तर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं.