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2013 के बाद उत्तराखंड की केदारघाटी में सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन, अब तक 10 हजार से अधिक तीर्थ यात्री सुरक्षित निकाले गए - KEDARNATH RESCUE OPERATION

KEDARNATH RESCUE OPERATION रुद्रप्रयाग के केदारनाथ में चल रहा रेस्क्यू ऑपरेशन पांचवें दिन भी जारी रहा. अभी तक 10 हजार से अधिक फंसे तीर्थयात्रियों का रेस्क्यू कर लिया गया है. अभी भी कुछ लोग रास्तों में फंसे हुए हैं.

KEDARNATH RESCUE OPERATION
2013 के बाद उत्तराखंड में सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन (PHOTO- ETV Bharat Graphics)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 5, 2024, 4:40 PM IST

Updated : Aug 5, 2024, 6:13 PM IST

2013 के बाद उत्तराखंड की केदारघाटी में सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन (VIDEO- SDRF UTTARAKHAND)

देहरादून/रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड के केदारनाथ और केदारघाटी में साल 2013 के बाद एक बार फिर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. 31 जुलाई 2024 की रात केदारनाथ यात्रा पैदल मार्ग पर कई जगह लैंडस्लाइड के कारण मार्ग क्षतिग्रस्त हुआ. इससे हजारों यात्री मार्ग पर फंस गए. आज रेस्क्यू ऑपरेशन को पांच दिन हो चुके हैं और रेस्क्यू अभी भी जारी है. राज्य सरकार के साथ केंद्र सरकार ने भी इस ऑपरेशन में पूरी मदद की है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 5 अगस्त की दोपहर तक 10 हजार से अधिक यात्रियों का रेस्क्यू कर लिया गया है. अच्छी बात यह है कि अभी तक सरकारी आंकड़ों में यात्रियों की मौतों की कोई भी संख्या दर्ज नहीं है.

2013 के बाद सबसे बड़ा रेक्स्यू ऑपरेशन: केदारनाथ धाम में आई आपदा ने एक बार फिर से कई तरह के सवाल खड़े कर दिए हैं. सवाल यह है कि आखिरकार केदारनाथ में ही क्यों बार-बार इस तरह के हालात बन रहे हैं? साल 2013 की आपदा के बाद उत्तराखंड में यह दूसरा मौका है जब इतने बड़े स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. केदारनाथ धाम में फंसे श्रद्धालुओं को एक-एक कर सुरक्षित स्थानों तक लाया जा रहा है.

KEDARNATH RESCUE OPERATION
31 जुलाई की रात भारी बारिश के दौरान कई जगह लैंडस्लाइड हुआ. (PHOTO- SDRF UTTARAKHAND)

इस ऑपरेशन में तीर्थयात्रियों की जान बचाने के साथ ही राज्य सरकार के लिए एक चुनौती ये भी है कि आगामी दिनों में उत्तराखंड आने वाले यात्रियों को एक अच्छा संदेश दिया जाए कि पहाड़ों में हालात भले ही विकट हों, लेकिन किसी भी श्रद्धालु को किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं पहुंचने दिया जाएगा. स्थानीय प्रशासन से लेकर एसडीआरएफ और एनडीआरएफ ने जिस तरह के हालातों में काम किए हैं, वह काबिले-ए-तारीफ है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद इस पूरे ऑपरेशन को लगातार मॉनिटर कर रहे हैं.

KEDARNATH RESCUE OPERATION
लैंडस्लाइड के कारण मार्ग पर कई जगहों पर वॉशआउट हुआ (PHOTO- SDRF UTTARAKHAND)

सेना से भी ली जा रही मदद: केदारनाथ में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर केंद्र सरकार भी सजग दिखाई दे रही है. गृह मंत्रालय के साथ-साथ अन्य मंत्रालय भी मुख्यमंत्री धामी और राज्य आपदा प्रबंधन विभाग से लगातार पल-पल की जानकारी ले रहे हैं. इस ऑपरेशन के शुरुआती समय में सिर्फ हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू किया जा रहा था. लेकिन जैसे-जैसे दिन आगे बढ़ते गए वैसे-वैसे हालात और कठिन होते गए.

लिहाजा, ऐसे में राज्य सरकार ने इस रेस्क्यू ऑपरेशन को पूरा करने के लिए पांच हेलीकॉप्टर और केंद्र की तरफ से मिले एक MI-17 और चिनूक (एयरफोर्स के विमान) की भी मदद ली है. साथ ही सेना की मदद से अब इस ऑपरेशन को अंजाम तक पहुंचाने की कोशिश की जा रही है. इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 5 अगस्त को शुरू हुए ऑपरेशन में चिनूक हेलीकॉप्टर ने मात्र दो चक्कर में ही 65 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया है.

KEDARNATH RESCUE OPERATION
रेस्क्यू में सेना भी कर रही है मदद (PHOTO- SDRF UTTARAKHAND)

अभी कहां-कहां फंसे हैं यात्रीः आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक, रेस्क्यू ऑपरेशन में 5 दिनों के भीतर हेलीकॉप्टर और अन्य माध्यमों से केदारनाथ धाम से 138 यात्रियों का रेस्क्यू कर लिया गया है. जबकि लिंचोली से 2409 यात्रियों को एयरलिफ्ट कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. भीमबाली और लिंचोली के साथ-साथ कालीमठ से 567 यात्री, गौरीकुंड और सोनप्रयाग से 7,185 श्रद्धालुओं को निकाल लिया गया है. चिरबासा से एयरलिफ्ट करके अब तक 75 श्रद्धालुओं को बचा लिया गया है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अभी तक हेलीकॉप्टर और अन्य माध्यमों से 10,374 लोगों को निकाल लिया गया है.

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एयरफोर्स के चिनूक हेलीकॉप्टर से किया जा रहा है यात्रियों का रेस्क्यू (PHOTO- SDRF UTTARAKHAND)

अभी आसपास से भी कई श्रद्धालुओं को निरंतर निकालने का काम जारी है. अगर बात अभी फंसे यात्रियों की करें तो 90 यात्री अभी भी केदारनाथ धाम में फंसे हुए हैं. उम्मीद है कि आज 5 अगस्त की शाम तक इनको भी निकाल लिया जाएगा. जबकि लिंचोली में अभी 30 यात्रियों का फंसा होना बताया जा रहा है. आसपास के इलाकों में फंसे यात्रियों की संख्या भी लगभग 150 के करीब है.

रेस्क्यू ऑपरेशन से बेहद खुश तीर्थयात्री: सरकार के इस रेस्क्यू ऑपरेशन से तीर्थयात्री और तीर्थ पुरोहित समाज फिलहाल काफी खुश दिखाई दे रहे हैं. कांग्रेस की 'केदारनाथ प्रतिष्ठा रक्षा पद यात्रा' भी इस क्षेत्र के आसपास रुकी हुई है. बताया जा रहा है कि रेस्क्यू ऑपरेशन से सरकार के विरोध में बोलने वाले भी काफी खुश दिखाई दे रहे हैं.

KEDARNATH RESCUE OPERATION
रेस्क्यू के बाद यात्रियों का एनडीआरएफ डॉक्टर्स कर रहे हैं चेकअप (PHOTO- SDRF UTTARAKHAND)

लोगों का कहना है कि राज्य सरकार ने जिस तरह से ऑपरेशन केदारनाथ में भूमिका निभाई है, वह काबिले-ए-तारीफ है. सेना के साथ-साथ एसडीआरएफ, एनडीआरएफ के जवान अपनी जान जोखिम में डालकर लगातार लोगों को बचाने का काम कर रहे हैं. बिना रास्तों के जिस तरह से लोगों को निकाला जा रहा है, वह यह बताता है कि हमारे जवान ऐसे हालातों से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार रहते हैं.

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केदारनाथ में फंसे यात्रियों की प्रशासन कर रही है पूरी मदद (PHOTO- SDRF UTTARAKHAND)

मॉनसून सीजन में इतने लोगों ने गंवाई जान: राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक, उत्तराखंड में मॉनसून सीजन के दौरान यानी 15 जून से लेकर आज तक 48 लोगों की मौत हुई है. अकेले रुद्रप्रयाग में पांच लोगों की मौत हुई है. जबकि दो दर्जन से अधिक मकानों को नुकसान पहुंचा है. मॉनसून के दौरान सबसे अधिक 9 लोगों की मौत उधमसिंह नगर जिले में हुई है. वहीं रोड एक्सीडेंट में भी पूरे उत्तराखंड में अब तक 41 लोगों की मौत और 150 लोगों से अधिक घायल हुए हैं.

सीएम क्या कहते हैं सीएम धामी: केदारनाथ यात्रा को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि, 'हम जल्द ही इस प्रयास में हैं कि सभी लोगों को निकाल लिया जाए. बारिश के तुरंत बाद हम अपनी केदारनाथ यात्रा को सुचारू रूप से चला दें. हम देश-दुनिया से चारधाम यात्रा में आने वाले तीर्थयात्रियों से वादा करते हैं कि किसी तरह की कोई भी दिक्कत नहीं होने देंगे. आपदा के समय में इस तरह के हालात कई बार बन जाते हैं. लेकिन हम इनसे निपटने के लिए पहले ही तैयार रहते हैं. लगभग 10 दिनों बाद दोबारा से केदारनाथ की यात्रा सुचारू रूप से चल सकेगी, ऐसी हमें उम्मीद है. फिलहाल हमारी पूरी कोशिश यही है कि यात्रियों के साथ-साथ स्थानीय लोग जो अन्य-अन्य स्थानों पर फंसे हुए हैं, उनको निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया जाएगा.

ये भी पढ़ेंः केदारनाथ में पांचवें दिन एमआई-17 और चिनूक हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू जारी, तलाशी में स्निफर डॉग की भी ली जा रही मदद

ये भी पढ़ेंः केदारनाथ से अब तक 9099 यात्रियों का रेस्क्यू, अभी भी फंसे हैं धाम में श्रद्धालु

2013 के बाद उत्तराखंड की केदारघाटी में सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन (VIDEO- SDRF UTTARAKHAND)

देहरादून/रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड के केदारनाथ और केदारघाटी में साल 2013 के बाद एक बार फिर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. 31 जुलाई 2024 की रात केदारनाथ यात्रा पैदल मार्ग पर कई जगह लैंडस्लाइड के कारण मार्ग क्षतिग्रस्त हुआ. इससे हजारों यात्री मार्ग पर फंस गए. आज रेस्क्यू ऑपरेशन को पांच दिन हो चुके हैं और रेस्क्यू अभी भी जारी है. राज्य सरकार के साथ केंद्र सरकार ने भी इस ऑपरेशन में पूरी मदद की है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 5 अगस्त की दोपहर तक 10 हजार से अधिक यात्रियों का रेस्क्यू कर लिया गया है. अच्छी बात यह है कि अभी तक सरकारी आंकड़ों में यात्रियों की मौतों की कोई भी संख्या दर्ज नहीं है.

2013 के बाद सबसे बड़ा रेक्स्यू ऑपरेशन: केदारनाथ धाम में आई आपदा ने एक बार फिर से कई तरह के सवाल खड़े कर दिए हैं. सवाल यह है कि आखिरकार केदारनाथ में ही क्यों बार-बार इस तरह के हालात बन रहे हैं? साल 2013 की आपदा के बाद उत्तराखंड में यह दूसरा मौका है जब इतने बड़े स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. केदारनाथ धाम में फंसे श्रद्धालुओं को एक-एक कर सुरक्षित स्थानों तक लाया जा रहा है.

KEDARNATH RESCUE OPERATION
31 जुलाई की रात भारी बारिश के दौरान कई जगह लैंडस्लाइड हुआ. (PHOTO- SDRF UTTARAKHAND)

इस ऑपरेशन में तीर्थयात्रियों की जान बचाने के साथ ही राज्य सरकार के लिए एक चुनौती ये भी है कि आगामी दिनों में उत्तराखंड आने वाले यात्रियों को एक अच्छा संदेश दिया जाए कि पहाड़ों में हालात भले ही विकट हों, लेकिन किसी भी श्रद्धालु को किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं पहुंचने दिया जाएगा. स्थानीय प्रशासन से लेकर एसडीआरएफ और एनडीआरएफ ने जिस तरह के हालातों में काम किए हैं, वह काबिले-ए-तारीफ है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद इस पूरे ऑपरेशन को लगातार मॉनिटर कर रहे हैं.

KEDARNATH RESCUE OPERATION
लैंडस्लाइड के कारण मार्ग पर कई जगहों पर वॉशआउट हुआ (PHOTO- SDRF UTTARAKHAND)

सेना से भी ली जा रही मदद: केदारनाथ में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर केंद्र सरकार भी सजग दिखाई दे रही है. गृह मंत्रालय के साथ-साथ अन्य मंत्रालय भी मुख्यमंत्री धामी और राज्य आपदा प्रबंधन विभाग से लगातार पल-पल की जानकारी ले रहे हैं. इस ऑपरेशन के शुरुआती समय में सिर्फ हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू किया जा रहा था. लेकिन जैसे-जैसे दिन आगे बढ़ते गए वैसे-वैसे हालात और कठिन होते गए.

लिहाजा, ऐसे में राज्य सरकार ने इस रेस्क्यू ऑपरेशन को पूरा करने के लिए पांच हेलीकॉप्टर और केंद्र की तरफ से मिले एक MI-17 और चिनूक (एयरफोर्स के विमान) की भी मदद ली है. साथ ही सेना की मदद से अब इस ऑपरेशन को अंजाम तक पहुंचाने की कोशिश की जा रही है. इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 5 अगस्त को शुरू हुए ऑपरेशन में चिनूक हेलीकॉप्टर ने मात्र दो चक्कर में ही 65 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया है.

KEDARNATH RESCUE OPERATION
रेस्क्यू में सेना भी कर रही है मदद (PHOTO- SDRF UTTARAKHAND)

अभी कहां-कहां फंसे हैं यात्रीः आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक, रेस्क्यू ऑपरेशन में 5 दिनों के भीतर हेलीकॉप्टर और अन्य माध्यमों से केदारनाथ धाम से 138 यात्रियों का रेस्क्यू कर लिया गया है. जबकि लिंचोली से 2409 यात्रियों को एयरलिफ्ट कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. भीमबाली और लिंचोली के साथ-साथ कालीमठ से 567 यात्री, गौरीकुंड और सोनप्रयाग से 7,185 श्रद्धालुओं को निकाल लिया गया है. चिरबासा से एयरलिफ्ट करके अब तक 75 श्रद्धालुओं को बचा लिया गया है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अभी तक हेलीकॉप्टर और अन्य माध्यमों से 10,374 लोगों को निकाल लिया गया है.

KEDARNATH RESCUE OPERATION
एयरफोर्स के चिनूक हेलीकॉप्टर से किया जा रहा है यात्रियों का रेस्क्यू (PHOTO- SDRF UTTARAKHAND)

अभी आसपास से भी कई श्रद्धालुओं को निरंतर निकालने का काम जारी है. अगर बात अभी फंसे यात्रियों की करें तो 90 यात्री अभी भी केदारनाथ धाम में फंसे हुए हैं. उम्मीद है कि आज 5 अगस्त की शाम तक इनको भी निकाल लिया जाएगा. जबकि लिंचोली में अभी 30 यात्रियों का फंसा होना बताया जा रहा है. आसपास के इलाकों में फंसे यात्रियों की संख्या भी लगभग 150 के करीब है.

रेस्क्यू ऑपरेशन से बेहद खुश तीर्थयात्री: सरकार के इस रेस्क्यू ऑपरेशन से तीर्थयात्री और तीर्थ पुरोहित समाज फिलहाल काफी खुश दिखाई दे रहे हैं. कांग्रेस की 'केदारनाथ प्रतिष्ठा रक्षा पद यात्रा' भी इस क्षेत्र के आसपास रुकी हुई है. बताया जा रहा है कि रेस्क्यू ऑपरेशन से सरकार के विरोध में बोलने वाले भी काफी खुश दिखाई दे रहे हैं.

KEDARNATH RESCUE OPERATION
रेस्क्यू के बाद यात्रियों का एनडीआरएफ डॉक्टर्स कर रहे हैं चेकअप (PHOTO- SDRF UTTARAKHAND)

लोगों का कहना है कि राज्य सरकार ने जिस तरह से ऑपरेशन केदारनाथ में भूमिका निभाई है, वह काबिले-ए-तारीफ है. सेना के साथ-साथ एसडीआरएफ, एनडीआरएफ के जवान अपनी जान जोखिम में डालकर लगातार लोगों को बचाने का काम कर रहे हैं. बिना रास्तों के जिस तरह से लोगों को निकाला जा रहा है, वह यह बताता है कि हमारे जवान ऐसे हालातों से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार रहते हैं.

KEDARNATH RESCUE OPERATION
केदारनाथ में फंसे यात्रियों की प्रशासन कर रही है पूरी मदद (PHOTO- SDRF UTTARAKHAND)

मॉनसून सीजन में इतने लोगों ने गंवाई जान: राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक, उत्तराखंड में मॉनसून सीजन के दौरान यानी 15 जून से लेकर आज तक 48 लोगों की मौत हुई है. अकेले रुद्रप्रयाग में पांच लोगों की मौत हुई है. जबकि दो दर्जन से अधिक मकानों को नुकसान पहुंचा है. मॉनसून के दौरान सबसे अधिक 9 लोगों की मौत उधमसिंह नगर जिले में हुई है. वहीं रोड एक्सीडेंट में भी पूरे उत्तराखंड में अब तक 41 लोगों की मौत और 150 लोगों से अधिक घायल हुए हैं.

सीएम क्या कहते हैं सीएम धामी: केदारनाथ यात्रा को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि, 'हम जल्द ही इस प्रयास में हैं कि सभी लोगों को निकाल लिया जाए. बारिश के तुरंत बाद हम अपनी केदारनाथ यात्रा को सुचारू रूप से चला दें. हम देश-दुनिया से चारधाम यात्रा में आने वाले तीर्थयात्रियों से वादा करते हैं कि किसी तरह की कोई भी दिक्कत नहीं होने देंगे. आपदा के समय में इस तरह के हालात कई बार बन जाते हैं. लेकिन हम इनसे निपटने के लिए पहले ही तैयार रहते हैं. लगभग 10 दिनों बाद दोबारा से केदारनाथ की यात्रा सुचारू रूप से चल सकेगी, ऐसी हमें उम्मीद है. फिलहाल हमारी पूरी कोशिश यही है कि यात्रियों के साथ-साथ स्थानीय लोग जो अन्य-अन्य स्थानों पर फंसे हुए हैं, उनको निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया जाएगा.

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Last Updated : Aug 5, 2024, 6:13 PM IST
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