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इस बार अक्षय तृतीया पर इस वजह से नहीं बजेगी शहनाई, जानिए क्या बोले ज्योतिषाचार्य - Akshaya Tritiya

राजस्थान में अक्षय तृतीया के दिन हर बार हजारों शादियां होती हैं, लेकिन इस बार ग्रहों के कारण आखातीज पर शुभ महुर्त नहीं है. इसलिए राजस्थान में इस बार अक्षय तृतीया के दिन शहनाई नहीं गूंजेगी. जानिए पूरी खबर.

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 6, 2024, 4:41 PM IST

अक्षय तृतीय पर नहीं होंगी शादियां
अक्षय तृतीय पर नहीं होंगी शादियां (ETV Bharat GFX Team)
अक्षय तृतीय पर नहीं होंगी शादियां (ETV Bharat Jodhpur)

जोधपुर. अक्षय तृतीया के दिन शुभ कामों के लिए अबूझ मुहुर्त माना जाता है. राजस्थान में सबसे उपयुक्त विवाह मुहुर्त अक्षय तृतीया के दिन को ही माना जाता है. राजस्थान में इस दिन हजारों की संख्या में विवाह होते हैं, लेकिन इस बार दस मई को अक्षय तृतीया पर विवाह का महुर्त नहीं है. इसके चलते बाजार से शादी के सीजन की रौनक नदारद है. पंडितों के अनुसार ग्रहों के प्रतिकूलता के कारण बरसों बाद इस तरह का संयोग आया है, जिसमें अक्षय तृतीया पर विवाह का कोई शुभ महुर्त नहीं है. ज्योतिषाचार्य पंडित राजेश दवे के अनुसार इस बार शुक्र ग्रह अस्त होने से विवाह का महुर्त नहीं है. पंचाग में विवाह महुर्त 5 जुलाई के बाद ही है.

पंडित दवे ने बताया कि इस साल वैशाख माह में अक्षय तृतीया पर महुर्त नहीं है. इसका कारण गुरु और शुक्र को मांगलिक कार्यों के लिए श्रेष्ठ माना गया है, लेकिन इस वर्ष 28 अप्रैल से 5 जुलाई तक दोनों ग्रह अस्त हैं. ऐसे में बिना गुरु व शुक्र के मांगलिक कार्य वर्जित माने गए हैं. माना जाता है कि गुरु और शुक्र के अस्त होने से शुभ कार्यों में इनका प्रभाव नहीं होता है. इससे जीवन में उन्नती व समृद्धि प्रदान नहीं होती है. यही कारण है कि इस बार अक्षय तृतीया पर विवाह सहित अन्य मांगलिक कार्य नहीं होंगे. एक अनुमान के मुताबिक राजस्थान में अक्षय तृतीया पर पचास से साठ हजार विवाह होते हैं.

इसे भी पढ़ें-अक्षय तृतीया पर गोल्ड खरीदने का क्या है शुभ मुहूर्त, जानें - Akshaya Tritiya 2024

मैरिज गार्डन खाली, नहीं हुई बुकिंग : अक्षय तृतीया को मारवाड़ में आखातीज भी कहते हैं. इस दिन हर गांव शहर में शादियों का धूम रहती है, लेकिन इस बार मुहुर्त नहीं होने से शादी ब्याह से जुड़े काम करने वाले लोग भी निराश हैं. मैरिज गार्डन संचालक जितेंद्र मालवीय ने बताया कि आखातीज के मौके पर छह माह पहले की गार्डन व रिसॉर्ट बुक हो जाते हैं, लेकिन इस बार ग्रहों के अस्त होने से बुकिंग नहीं हुई हैं. शहर के मैरिज गार्डन रिसॉर्ट ज्यादातर खाली हैं. इससे इस क्षेत्र में काम करने वाले हजारों लोग प्रभावित हुए हैं.

बाजार में भी काम नहीं : दूल्हें की शेरवानी सहित टे​लरिंग का काम करने वाले राकेश घाटीवाला ने बताया कि अक्षय तृतीया पर हर साल बंपर सेल होती थी. हमारे यहां मुहुर्त नहीं होने से शांति छाई हुई है, जबकि इस समय बात करने की भी फुर्सत तक नहीं होती थी. इस बार विवाह से जुड़े कामों का अगले दो माह तक व्यापार नहीं है. इसी तरह से टेंट व्यवसायी हों या फिर अन्य लोग, जिनका काम शादी विवाह के भरोसे चलता है. इस बार अक्षय तृतीया पर सब मायूस हैं.

अक्षय तृतीय पर नहीं होंगी शादियां (ETV Bharat Jodhpur)

जोधपुर. अक्षय तृतीया के दिन शुभ कामों के लिए अबूझ मुहुर्त माना जाता है. राजस्थान में सबसे उपयुक्त विवाह मुहुर्त अक्षय तृतीया के दिन को ही माना जाता है. राजस्थान में इस दिन हजारों की संख्या में विवाह होते हैं, लेकिन इस बार दस मई को अक्षय तृतीया पर विवाह का महुर्त नहीं है. इसके चलते बाजार से शादी के सीजन की रौनक नदारद है. पंडितों के अनुसार ग्रहों के प्रतिकूलता के कारण बरसों बाद इस तरह का संयोग आया है, जिसमें अक्षय तृतीया पर विवाह का कोई शुभ महुर्त नहीं है. ज्योतिषाचार्य पंडित राजेश दवे के अनुसार इस बार शुक्र ग्रह अस्त होने से विवाह का महुर्त नहीं है. पंचाग में विवाह महुर्त 5 जुलाई के बाद ही है.

पंडित दवे ने बताया कि इस साल वैशाख माह में अक्षय तृतीया पर महुर्त नहीं है. इसका कारण गुरु और शुक्र को मांगलिक कार्यों के लिए श्रेष्ठ माना गया है, लेकिन इस वर्ष 28 अप्रैल से 5 जुलाई तक दोनों ग्रह अस्त हैं. ऐसे में बिना गुरु व शुक्र के मांगलिक कार्य वर्जित माने गए हैं. माना जाता है कि गुरु और शुक्र के अस्त होने से शुभ कार्यों में इनका प्रभाव नहीं होता है. इससे जीवन में उन्नती व समृद्धि प्रदान नहीं होती है. यही कारण है कि इस बार अक्षय तृतीया पर विवाह सहित अन्य मांगलिक कार्य नहीं होंगे. एक अनुमान के मुताबिक राजस्थान में अक्षय तृतीया पर पचास से साठ हजार विवाह होते हैं.

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मैरिज गार्डन खाली, नहीं हुई बुकिंग : अक्षय तृतीया को मारवाड़ में आखातीज भी कहते हैं. इस दिन हर गांव शहर में शादियों का धूम रहती है, लेकिन इस बार मुहुर्त नहीं होने से शादी ब्याह से जुड़े काम करने वाले लोग भी निराश हैं. मैरिज गार्डन संचालक जितेंद्र मालवीय ने बताया कि आखातीज के मौके पर छह माह पहले की गार्डन व रिसॉर्ट बुक हो जाते हैं, लेकिन इस बार ग्रहों के अस्त होने से बुकिंग नहीं हुई हैं. शहर के मैरिज गार्डन रिसॉर्ट ज्यादातर खाली हैं. इससे इस क्षेत्र में काम करने वाले हजारों लोग प्रभावित हुए हैं.

बाजार में भी काम नहीं : दूल्हें की शेरवानी सहित टे​लरिंग का काम करने वाले राकेश घाटीवाला ने बताया कि अक्षय तृतीया पर हर साल बंपर सेल होती थी. हमारे यहां मुहुर्त नहीं होने से शांति छाई हुई है, जबकि इस समय बात करने की भी फुर्सत तक नहीं होती थी. इस बार विवाह से जुड़े कामों का अगले दो माह तक व्यापार नहीं है. इसी तरह से टेंट व्यवसायी हों या फिर अन्य लोग, जिनका काम शादी विवाह के भरोसे चलता है. इस बार अक्षय तृतीया पर सब मायूस हैं.

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