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उत्तरकाशी में मरीज को जेसीबी पर बिठाकर करवाई नदी पार, 2022 में बनने वाला पुल अभी तक नहीं बना - patient crossed the river on JCB - PATIENT CROSSED THE RIVER ON JCB

Patient crossed the river in JCB on Uttarkashi अभी तक आपने जेसीबी को सड़क निर्माण करने, अवैध निर्माण निर्माण गिराने जैसे काम करते देखा होगा. उत्तराखंड में जेसीबी ने मरीज को नदी पार कराई. उत्तरकाशी के सीमांत गांव में एक व्यक्ति बीमार हो गया. ग्रामीण मरीज को डंडी-कंडी के सहारे 10 किलोमीटर पैदल कंधे पर लादकर लाए. आगे नदी थी. नदी का बहाव तेज था. ऐसे में जब सब असहाय हो गए, तो जेसीबी ने संकट मोचक की भूमिका निभाई.

UTTARKASHI JCB
जेसीबी पर मरीज (फोटो- ग्रामीण)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 16, 2024, 8:35 AM IST

Updated : May 16, 2024, 2:16 PM IST

जेसीबी से मरीज को नदी पार करवाई (वीडियो- ग्रामीण द्वारा उपलब्ध)

उत्तरकाशी: ब्रिडकुल की लापरवाही के चलते भटवाड़ी विकासखंड के सबसे दूरस्थ गांव पिलंग के ग्रामीणों को मरीज को जेसीबी में बिठाकर नदी पार करवानी पड़ी. बुधवार को पिलंग गांव के एक व्यक्ति के बीमार होने पर उसे पिलंग गाड़ नदी में जेसीबी के बकेट पर बिठाकर नदी पार करवाई गई. ग्रामीणों का कहना है कि अगर पिलंग गाड़ पर पुल बन जाता तो आज यह स्थिति नहीं होती.

Uttarkashi News
मरीज को पहले 10 किलोमीटर डंडी-कंडी से लाए (फोटो- ग्रामीण)

मरीज को 10 किलोमीटर कंधे पर लाए: पिलंग गांव के प्रधान अतर सिंह राणा ने बताया कि बुधवार को गांव के प्रताप सिंह राणा की अचानक तबीयत खराब हो गई. प्रताप राणा के तबीयत खराब होने पर ग्रामीणों ने मरीज को डंडी-कंडी के सहारे करीब 10 किमी पैदल पिलंग नदी तक पहुंचाया. उसके बाद उन्हें मल्ला सिल्ला मोटर मार्ग तक पहुंचाना था. लेकिन पिलंगगाड़ के तेज बहाव के कारण ग्रामीण उसे पार नहीं कर पाए.

जेसीबी से मरीज को नदी पार करवाई: उसके बाद उन्होंने पिलंग के लिए सड़क कटिंग का कार्य कर रही जेसीबी के संचालक से मदद की गुहार लगाई. उसके बाद मरीज और कुछ ग्रामीणों को जेसीबी के बकेट पर बिठाकर नदी को पार करवाया गया. तब जाकर मरीज को वाहन की मदद से अस्पताल के लिए रवाना किया गया. प्रधान अतर सिंह राणा ने बताया कि वर्षों के संघर्ष के बाद भटवाड़ी विकासखंड के सबसे दूरस्थ गांव पिलंग के लिए पीएमजीएसवाई के माध्यम से करीब 10 किमी सड़क कटिंग का कार्य प्रारंभ हुआ है. जिसमें करीब आठ किमी सड़क की कटिंग हो चुकी है.

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मरीज को जेसीबी से नदी पार करवाते लोग (फोटो- ग्रामीण)

2022 में बनना था पुल: इस सड़क को मल्ला-सिल्ला मोटर मार्ग से जोड़ने के लिए ब्रिडकुल ने पिलंग गाड़ पर करीब 41 मीटर लंबे स्पान का निर्माण करना था. जिसका निर्माण अक्तूबर 2022 में पूरा होना था. लेकिन उस पर अभी तक निर्माण कार्य भी शुरू नहीं हो पाया है. इस कारण ग्रामीणों को बीमार व्यक्ति को जेसीबी की बकेट पर बिठाकर नदी पार करवानी पड़ी है. अगर आज जेसीबी नहीं होती, तो शायद मरीज को सड़क तक नहीं पहुंचाया जा सकता था. राणा ने बताया कि इस संबंध में पांच बार जिलाधिकारी को भी लिखित अवगत करवाया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है.

क्या कहते हैं अधिकारी: ब्रिडकुल (Bridge Ropeway infrastructure development corporation of uttarakhand limited) के अधिशासी अभियंता अजय कुमार का कहना है कि पुल निर्माण की साम्रगी रवाना हो चुकी है. एक दो दिन के भीतर पिलंग गाड़ पर पुल निर्माण शुरू करवा दिया जाएगा. उसके बाद ग्रामीणों को नदी पार करने में कोई दिक्कत नहीं होगी.
ये भी पढ़ें: लोहाघाट में गर्भवती को डोली पर बैठाकर 8 किमी चले ग्रामीण, एंबुलेंस में गूंजी किलकारी

जेसीबी से मरीज को नदी पार करवाई (वीडियो- ग्रामीण द्वारा उपलब्ध)

उत्तरकाशी: ब्रिडकुल की लापरवाही के चलते भटवाड़ी विकासखंड के सबसे दूरस्थ गांव पिलंग के ग्रामीणों को मरीज को जेसीबी में बिठाकर नदी पार करवानी पड़ी. बुधवार को पिलंग गांव के एक व्यक्ति के बीमार होने पर उसे पिलंग गाड़ नदी में जेसीबी के बकेट पर बिठाकर नदी पार करवाई गई. ग्रामीणों का कहना है कि अगर पिलंग गाड़ पर पुल बन जाता तो आज यह स्थिति नहीं होती.

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मरीज को पहले 10 किलोमीटर डंडी-कंडी से लाए (फोटो- ग्रामीण)

मरीज को 10 किलोमीटर कंधे पर लाए: पिलंग गांव के प्रधान अतर सिंह राणा ने बताया कि बुधवार को गांव के प्रताप सिंह राणा की अचानक तबीयत खराब हो गई. प्रताप राणा के तबीयत खराब होने पर ग्रामीणों ने मरीज को डंडी-कंडी के सहारे करीब 10 किमी पैदल पिलंग नदी तक पहुंचाया. उसके बाद उन्हें मल्ला सिल्ला मोटर मार्ग तक पहुंचाना था. लेकिन पिलंगगाड़ के तेज बहाव के कारण ग्रामीण उसे पार नहीं कर पाए.

जेसीबी से मरीज को नदी पार करवाई: उसके बाद उन्होंने पिलंग के लिए सड़क कटिंग का कार्य कर रही जेसीबी के संचालक से मदद की गुहार लगाई. उसके बाद मरीज और कुछ ग्रामीणों को जेसीबी के बकेट पर बिठाकर नदी को पार करवाया गया. तब जाकर मरीज को वाहन की मदद से अस्पताल के लिए रवाना किया गया. प्रधान अतर सिंह राणा ने बताया कि वर्षों के संघर्ष के बाद भटवाड़ी विकासखंड के सबसे दूरस्थ गांव पिलंग के लिए पीएमजीएसवाई के माध्यम से करीब 10 किमी सड़क कटिंग का कार्य प्रारंभ हुआ है. जिसमें करीब आठ किमी सड़क की कटिंग हो चुकी है.

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मरीज को जेसीबी से नदी पार करवाते लोग (फोटो- ग्रामीण)

2022 में बनना था पुल: इस सड़क को मल्ला-सिल्ला मोटर मार्ग से जोड़ने के लिए ब्रिडकुल ने पिलंग गाड़ पर करीब 41 मीटर लंबे स्पान का निर्माण करना था. जिसका निर्माण अक्तूबर 2022 में पूरा होना था. लेकिन उस पर अभी तक निर्माण कार्य भी शुरू नहीं हो पाया है. इस कारण ग्रामीणों को बीमार व्यक्ति को जेसीबी की बकेट पर बिठाकर नदी पार करवानी पड़ी है. अगर आज जेसीबी नहीं होती, तो शायद मरीज को सड़क तक नहीं पहुंचाया जा सकता था. राणा ने बताया कि इस संबंध में पांच बार जिलाधिकारी को भी लिखित अवगत करवाया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है.

क्या कहते हैं अधिकारी: ब्रिडकुल (Bridge Ropeway infrastructure development corporation of uttarakhand limited) के अधिशासी अभियंता अजय कुमार का कहना है कि पुल निर्माण की साम्रगी रवाना हो चुकी है. एक दो दिन के भीतर पिलंग गाड़ पर पुल निर्माण शुरू करवा दिया जाएगा. उसके बाद ग्रामीणों को नदी पार करने में कोई दिक्कत नहीं होगी.
ये भी पढ़ें: लोहाघाट में गर्भवती को डोली पर बैठाकर 8 किमी चले ग्रामीण, एंबुलेंस में गूंजी किलकारी

Last Updated : May 16, 2024, 2:16 PM IST
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