देहरादून: पांचवीं बटालियन और फर्स्ट गोरखा राइफल्स के हवलदार ठाकुर बहादुर आले मगर का नौ महीने की साहसिक खोज और बचाव अभियान के बाद माउंट कुन के बर्फीले पहाड़ों से शव बरामद किया गया है. उनके शव को HAWS, गुलमर्ग (High Altitude Warfare School) की टीम ने खोजा है. ठाकुर बहादुर आले मगर के पार्थिव शरीर को देहरादून स्थित उनकी यूनिट में लाया गया जहां, उनका पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया.
![Thakur Bahadur Ale Magar](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/11-07-2024/21923581_12.jpg)
2023 में ओपनिंग पार्टी का हिस्सा थे ठाकुर बहादुर आले मगर: हवलदार ठाकुर बहादुर आले मगर 8 अक्टूबर, 2023 को माउंट कुन के लिए एक पर्वतारोहण अभियान के दौरान चार-सदस्यीय रूट ओपनिंग पार्टी का हिस्सा थे. वो एक हिमस्खलन की चपेट में आ गए. कई दिनों तक लगातार खोज अभियान चलाया गया, लेकिन खराब मौसम और लगातार हिमस्खलन के कारण उनके पार्थिव शरीर को बरामद नहीं किया जा सका था. आखिरकार, 7 जुलाई, 2024 को हवलदार ठाकुर बहादुर आले मगर और अन्य सैनिकों के पार्थिव शरीर को HAWS के खोजी दल द्वारा बरामद किया गया.
![Thakur Bahadur Ale Magar](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/11-07-2024/21923581_13.jpg)
देहरादून में सैन्य सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार: देहरादून में उनकी यूनिट द्वारा पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया, जो भारतीय सेना की समृद्ध परंपराओं और लोकाचार को दर्शाता है. हवलदार ठाकुर बहादुर आले मगर एक बेहतरीन पर्वतारोही थे और उन्होंने राष्ट्रीय स्तर की स्कीइंग और स्नो बोर्डिंग प्रतियोगिताओं में भाग लिया था, जिसमें उन्होंने 02 स्वर्ण पदक, 01 रजत पदक और 02 कांस्य पदक जीते थे. उनके परिवार में उनकी पत्नी, 9 वर्षीय बेटी, 7 वर्षीय बेटा और बुजुर्ग माता-पिता हैं. वहीं, देहरादून डिफेंस के PRO कर्नल मनीष श्रीवास्तव ने बताया कि भारतीय सेना अपने सैनिकों और उनके परिवारों के प्रति प्रतिबद्धता में दृढ़ है. यह सुनिश्चित करती है कि कोई भी साथी पीछे न छूटे और अपने बहादुर योद्धाओं के बलिदान का सम्मान करती है.
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