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विकासनगर आईटीआई में अवैध मजार मामले पर सीएम की सख्ती के बाद एक्शन, जांच के बाद ढांचा हुआ ध्वस्त - illegal Mazar demolished

Illegal Mazar demolished in Vikasnagar उत्तराखंड सरकार ने सरकारी भूमि पर धार्मिक स्थल के नाम पर अतिक्रमण के खिलाफ सख्त अभियान चलाया हुआ है. अब तक 500 से ज्यादा अवैध कब्जे हटाए जा चुके हैं. इधर विकासनगर के शंकरपुर गांव में बन रहे आईटीआई परिसर में अवैध मजार बनाने की खबर चर्चा में आ गई. सीएम धामी ने जांच के बाद सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया. जांच में अवैध पाए जाने के बाद मजार के ढांचे को हटा दिया गया है.

Illegal Mazar demolished
अवैध मजार गिराई गई (Photo- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 24, 2024, 6:47 AM IST

देहरादून: सरकारी भूमि पर अवैध रूप से निर्माण को लेकर सीएम धामी ने सख्त रुख अपनाया है. मामला विकासनगर के शंकरपुर ग्राम में बन रहे आईटीआई भवन परिसर का है. यहां अवैध रूप से मजार बनाए जाने की सूचना पर कार्रवाई की गई है. मामले में विभागीय सचिव ने आईटीआई प्रशासन को जवाब तलब किया है, जबकि सीएम धामी के संज्ञान में आने के बाद अवैध निर्माण को ध्वस्त करने की भी कार्रवाई हुई है.

आईटीआई भवन परिसर में बना दी मजार: देहरादून के विकासनगर में आईटीआई भवन निर्माण उस समय चर्चाओं में आ गया, जब सोशल मीडिया पर निर्माणाधीन ITI भवन परिसर में अवैध मजार बनाये जाने की बाते सामने आने लगी. खास बात यह है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुद इस प्रकरण का संज्ञान लिया और जांच के बाद अवैध मजार को ध्वस्त कर दिया गया. चर्चा यह रही कि आईटीआई भवन परिसर में रातोंरात अवैध रूप से मजार बनाई गई. जब इससे जुड़ी बातें सोशल मीडिया पर सामने आने लगी, तो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसका संज्ञान लिया. सोशल मीडिया पर वायरल इस जानकारी की पुष्टि होने के बाद शासन और आईटीआई के अधिकारियों को भी इसकी सूचना दी गई.

जांच के बाद तोड़ी गई अवैध मजार: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिव शैलेश बगौली को मामले की जांच करने और कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए. मामले में सचिव मुख्यमंत्री शैलेश बगौली ने स्किल डेवलपमेंट सचिव विजय यादव से इस पूरे प्रकरण की जानकारी मांगी है. जबकि इस मामले में मजार को अवैध रूप से बनाए जाने की पुष्टि होने के बाद उसे ध्वस्त करने की भी कार्रवाई की गई. हालांकि फिलहाल यह पता लगवाया जा रहा है कि आईटीआई भवन परिसर में आखिरकार अवैध रूप से मजार किसके द्वारा बनवाई गई.

आईटीआई प्रशासन से मांगा जवाब: उधर दूसरी तरफ मजार के अवैध रूप से निर्मित होने की पुष्टि होने के बाद अब सचिव मुख्यमंत्री शैलेश बगौली ने आईटीआई प्रशासन से मामले में जवाब मांगा है. अवैध रूप से निर्माण क्यों होने दिया गया और इस पर एक्शन क्यों नहीं लिया गया, इन सभी बिंदुओं पर आईटीआई प्रशासन से जवाब देने के लिए कहा गया है. उधर प्रदेश में अवैध निर्माण के लिए मुख्यमंत्री द्वारा नोडल अधिकारी बनाए गए पराग मधुकर धकाते ने मजार ध्वस्त किये जाने की पुष्टि की है.
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देहरादून: सरकारी भूमि पर अवैध रूप से निर्माण को लेकर सीएम धामी ने सख्त रुख अपनाया है. मामला विकासनगर के शंकरपुर ग्राम में बन रहे आईटीआई भवन परिसर का है. यहां अवैध रूप से मजार बनाए जाने की सूचना पर कार्रवाई की गई है. मामले में विभागीय सचिव ने आईटीआई प्रशासन को जवाब तलब किया है, जबकि सीएम धामी के संज्ञान में आने के बाद अवैध निर्माण को ध्वस्त करने की भी कार्रवाई हुई है.

आईटीआई भवन परिसर में बना दी मजार: देहरादून के विकासनगर में आईटीआई भवन निर्माण उस समय चर्चाओं में आ गया, जब सोशल मीडिया पर निर्माणाधीन ITI भवन परिसर में अवैध मजार बनाये जाने की बाते सामने आने लगी. खास बात यह है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुद इस प्रकरण का संज्ञान लिया और जांच के बाद अवैध मजार को ध्वस्त कर दिया गया. चर्चा यह रही कि आईटीआई भवन परिसर में रातोंरात अवैध रूप से मजार बनाई गई. जब इससे जुड़ी बातें सोशल मीडिया पर सामने आने लगी, तो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसका संज्ञान लिया. सोशल मीडिया पर वायरल इस जानकारी की पुष्टि होने के बाद शासन और आईटीआई के अधिकारियों को भी इसकी सूचना दी गई.

जांच के बाद तोड़ी गई अवैध मजार: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिव शैलेश बगौली को मामले की जांच करने और कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए. मामले में सचिव मुख्यमंत्री शैलेश बगौली ने स्किल डेवलपमेंट सचिव विजय यादव से इस पूरे प्रकरण की जानकारी मांगी है. जबकि इस मामले में मजार को अवैध रूप से बनाए जाने की पुष्टि होने के बाद उसे ध्वस्त करने की भी कार्रवाई की गई. हालांकि फिलहाल यह पता लगवाया जा रहा है कि आईटीआई भवन परिसर में आखिरकार अवैध रूप से मजार किसके द्वारा बनवाई गई.

आईटीआई प्रशासन से मांगा जवाब: उधर दूसरी तरफ मजार के अवैध रूप से निर्मित होने की पुष्टि होने के बाद अब सचिव मुख्यमंत्री शैलेश बगौली ने आईटीआई प्रशासन से मामले में जवाब मांगा है. अवैध रूप से निर्माण क्यों होने दिया गया और इस पर एक्शन क्यों नहीं लिया गया, इन सभी बिंदुओं पर आईटीआई प्रशासन से जवाब देने के लिए कहा गया है. उधर प्रदेश में अवैध निर्माण के लिए मुख्यमंत्री द्वारा नोडल अधिकारी बनाए गए पराग मधुकर धकाते ने मजार ध्वस्त किये जाने की पुष्टि की है.
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