रांची: आतंकी संगठन 'अलकायदा इन इंडियन सब-कांटिनेंट' (एक्यूआईएस) के लिए झारखंड मॉड्यूल के रूप में काम कर रहे डॉ इश्तियाक अहमद की गिरफ्तारी के बाद उसके राज एक-एक करके बाहर आ रहे हैं. वह बतौर रेडियोडायग्नोसिस कंसल्टेंट के तौर पर पिछले कई वर्षों से रांची के प्रतिष्ठित भगवान महावीर मेडिका अस्पताल में काम कर रहा था.
एटीएस की कार्रवाई के बाद 22 अगस्त को ही मेडिका प्रबंधन ने डॉ इश्तियाक अहमद को टर्मिनेट कर दिया है. क्रिटिकल केयर के हेड डॉ विजय कुमार मिश्रा ने ईटीवी भारत को बताया कि उसके खिलाफ एटीएस की कार्रवाई की जानकारी मिलते ही प्रबंधन ने उसे सेवा से बर्खास्त कर दिया है. वह कई वर्षों से इस अस्पताल से जुड़ा था. लेकिन कभी भनक तक नहीं लगी कि वह आतंकी संगठन से जुड़ा था.
डॉ इश्तियाक ने रिम्स से एमबीबीएस की पढ़ाई की है. उसके बाद रिम्स, रांची से ही रेडियोलॉजी में एमडी की डिग्री हासिल की. डॉ विजय कुमार मिश्र ने बताया कि डॉ इश्तियाक अहमद विजिटिंग कंसल्टेंट के तौर पर मेडिका से जुड़ा था. वह शाम के वक्त करीब डेढ़ घंटे के लिए मेडिका आता था. इससे पहले वह साल 2019 से 2022 तक यानी करीब तीन वर्षों तक मेडिका में फूल टाइम सर्विस में था.
डॉ इश्तियाक की गतिविधि के बारे में पूछने पर डॉ विजय कुमार मिश्रा ने बताया कि वह प्रोफेशनल था. इसलिए उसके व्यवहार पर कभी गौर नहीं किया गया. उन्होंने बताया कि मेडिका में एचआर पॉलिसी बहुत स्ट्रिक्ट है. किसी भी डॉक्टर को जोड़ने से पहले पूर्व का रिकॉर्ड चेक किया जाता है. लेकिन जैसे ही एटीएस की कार्रवाई की जानकारी मिली, उसे टर्निमेट कर दिया गया.
आपको बता दें कि डॉ इश्तियाक के जमीन कारोबारी बबलू खान से कनेक्शन की संभावना को देखते हुए प्रवर्तन निदेशालय भी जांच में जुट गया है. ईडी ने बबलू खान को समन भेजा है. दरअसल, जमीन घोटाला में जेल में बंद अफसर अली और तल्हा खान का बबलू खान रिश्तेदार है. उसे डॉ इश्तियाक का करीबी बताया जा रहा है. लिहाजा, संभावना जताई जा रही है कि ईडी की कार्रवाई के बाद कुछ और गहरे राज पर से पर्दा उठ सकता है.
ये भी पढ़ें-