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15 हजार फीट की ऊंचाई पर बने देवी कुंड मंदिर का नवनिर्माण, कहीं विरोध तो कहीं समर्थन, सामने आए योगी चैतन्य आकाश - Devi Kund Temple Controversy

Bageshwar Nanda Devi Kund बागेश्वर में सुंदरढुंगा ग्लेशियर में स्थित देवी कुंड के पास बने मंदिर निर्माण का मुद्दा तूल पकड़ता जा रहा है. इस मामले में वाछम गांव के लोग योगी चैतन्य आकाश के साथ खड़े नजर आए, जबकि बदियाकोट के ग्रामीण उनके खिलाफ मुखर हैं और योगी चैतन्य आकाश देव कुंड को स्विमिंग पूल बनाने का आरोप लगा रहे हैं. वहीं इस मामले में योगी चैतन्य आकाश ने भी अपनी बात रखी है.

Devi Kund Temple dispute in Bageshwar
बागेश्वर देवी कुंड मंदिर विवाद (फोटो-ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 16, 2024, 5:30 PM IST

Updated : Jul 16, 2024, 7:58 PM IST

15 हजार फीट की ऊंचाई पर बने देवी कुंड मंदिर का नवनिर्माण (वीडियो-ईटीवी भारत)

बागेश्वर (उत्तराखंड): बागेश्वर में सुंदरढुंगा ग्लेशियर पर 5,000 मीटर (15 हजार फीट) से अधिक की ऊंचाई पर देवी कुंड के पास बने मंदिर को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया है. इको सेंसेटिव जोन में इस मंदिर को योगी चैतन्य आकाश ने नवनिर्मित किया है. जहां वाछम के ग्रामीण मंदिर के निर्माण से क्षेत्र में पर्यटन और धार्मिक गतिविधियों के बढ़ने की बात कह रहे हैं. जबकि बदियाकोट के ग्रामीण मंदिर के बनने से नाराज हैं. नाराज ग्रामीणों का कहना है कि देवी कुंड के पास मंदिर का निर्माण अवैध है. मंदिर के बनने से वहां बाहरी लोगों का ज्यादा आना जाना होगा, जो सही नहीं है. उन्होंने देवी कुंड में योगी के नहाने पर भी आपत्ति जताई है. वहीं इस मामले में योगी चैतन्य आकाश ने अपनी सफाई पेश की है.

Temple built near Devi Kund in Bageshwar
देवी कुंड के पास बना मंदिर (फोटो-ईटीवी भारत)

मंदिर का किया गया नवनिर्माण: मंदिर के वाछम में रहने वाले ग्रामीणों ने बताया कि यहां मंदिर पौराणिक काल से बना हुआ है, उसे बस अब नया रूप दिया गया है. वाछम के ग्रामीण जीतू दानू ने कहा कि कुछ लोग अब इसके बनने के बाद से राजनीति करने लगे हैं, जो निंदनीय है. उन्होंने कहा कि बाबा जी (योगी चैतन्य आकाश) के द्वारा मंदिर का निर्माण नहीं किया हुआ है, मंदिर का नवनिर्माण ग्रामीणों के द्वारा किया गया है, जो वर्षों पुराना था. बाबा ने बस उनका सहयोग किया है. मंदिर निर्माण से पहले एक समिति का गठन किया गया था. उसके बाद मंदिर के निर्माण के लिए सभी से सहयोग किया है, बिना जानकारी लोग कुछ भी बोल रहे हैं.

Devi Kund located at Sunderdhunga Glacier
सुंदरढुंगा ग्लेशियर स्थित देवी कुंड (फोटो-ईटीवी भारत)

देवी कुंड को योगी ने बनाया स्विमिंग पूल: वहीं, दूसरी ओर बदियाकोट के ग्रामीण खिलाफ दानू ने कहा कि मंदिर का निर्माण करने की जगह बाबा को क्षेत्र के विकास के लिए स्कूल खोलना चाहिए, जिससे वहां विकास हो. उन्होंने कहा कि देवी कुंड को बाबा के द्वारा स्विमिंग पूल बना दिया गया है. जबकि ग्रामीण बड़े पर्वों पर उस कुंड से पानी से स्नान करते हैं. बदियाकोट के ग्रामीणों ने जिलाधिकारी अनुराधा पाल को ज्ञापन सौंप कर इस पूरे मामले में जांच की मांग की है.

Yogi Chaitanya Akash performing puja
पूजा करते योगी चैतन्य आकाश (फोटो-ईटीवी भारत)

जानिए क्या बोले-योगी चैतन्य आकाश: उधर, योगी चैतन्य आकाश ने कहा कि वो इस क्षेत्र में केवल मां भगवती के आशीर्वाद से पहुंचे हैं. उनका कहना है कि, देवी कुंड के पास मंदिर के नवनिर्माण को लेकर उन्हें दिव्य निर्देश प्राप्त हुए थे. उन्होंने कहा कि मंदिर तो देवभूमि में हर जगह हैं, जहां नजर जाती है वहां-वहां देवताओं का वास है. आज तक देवीकुंड के पास किसी ने ध्यान नहीं दिया, वहां पर्यटक आते हैं और गंदगी फैलाते हैं. जिसकी लेकर अब ग्रामीणों के द्वारा नियम भी बना दिया गया था. मां भगवती के वास वाले क्षेत्र में किसी को भी इस तरह नहीं जाने दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि मंदिर बनने के दौरान वहां स्वास्तिक भी नजर आया, जो अद्भुत है, यही माता का आशीर्वाद है.

जिलाधिकारी अनुराधा पाल ने जांच के दिए आदेश: ईटीवी भारत से फोन पर हुई बातचीत में बागेश्वर जिलाधिकारी अनुराधा पाल ने कहा कि मामला उनके संज्ञान में आया है. अभी तक जो मामले उनके सामने आया है, वहां पर पुराने छोटे मंदिर को कुछ गांव वालों ने शायद किसी की मदद से निर्माण कराया है, लेकिन यह मामला गंभीर है. अनुराधा पाल ने कहा कि मामले की जांच के आदेश एसडीएम को दे दिए गए हैं. एसडीएम द्वारा एक टीम को वहां रवाना कर दिया गया है. क्योंकि वो क्षेत्र दुरुस्त इलाके में है इसलिए अभी इस मामले में ज्यादा कुछ नहीं कहा जा सकता. हम इसकी भी जांच करवा रहे हैं कि आखिरकार इस मंदिर की मरम्मत और इसका हूलिया किसने बदलवाया. बता दें कि, ये पूरा क्षेत्र इको सेंसेटिव जोन में आता है, जहां निर्माण कार्य नहीं हो सकता है.

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15 हजार फीट की ऊंचाई पर बने देवी कुंड मंदिर का नवनिर्माण (वीडियो-ईटीवी भारत)

बागेश्वर (उत्तराखंड): बागेश्वर में सुंदरढुंगा ग्लेशियर पर 5,000 मीटर (15 हजार फीट) से अधिक की ऊंचाई पर देवी कुंड के पास बने मंदिर को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया है. इको सेंसेटिव जोन में इस मंदिर को योगी चैतन्य आकाश ने नवनिर्मित किया है. जहां वाछम के ग्रामीण मंदिर के निर्माण से क्षेत्र में पर्यटन और धार्मिक गतिविधियों के बढ़ने की बात कह रहे हैं. जबकि बदियाकोट के ग्रामीण मंदिर के बनने से नाराज हैं. नाराज ग्रामीणों का कहना है कि देवी कुंड के पास मंदिर का निर्माण अवैध है. मंदिर के बनने से वहां बाहरी लोगों का ज्यादा आना जाना होगा, जो सही नहीं है. उन्होंने देवी कुंड में योगी के नहाने पर भी आपत्ति जताई है. वहीं इस मामले में योगी चैतन्य आकाश ने अपनी सफाई पेश की है.

Temple built near Devi Kund in Bageshwar
देवी कुंड के पास बना मंदिर (फोटो-ईटीवी भारत)

मंदिर का किया गया नवनिर्माण: मंदिर के वाछम में रहने वाले ग्रामीणों ने बताया कि यहां मंदिर पौराणिक काल से बना हुआ है, उसे बस अब नया रूप दिया गया है. वाछम के ग्रामीण जीतू दानू ने कहा कि कुछ लोग अब इसके बनने के बाद से राजनीति करने लगे हैं, जो निंदनीय है. उन्होंने कहा कि बाबा जी (योगी चैतन्य आकाश) के द्वारा मंदिर का निर्माण नहीं किया हुआ है, मंदिर का नवनिर्माण ग्रामीणों के द्वारा किया गया है, जो वर्षों पुराना था. बाबा ने बस उनका सहयोग किया है. मंदिर निर्माण से पहले एक समिति का गठन किया गया था. उसके बाद मंदिर के निर्माण के लिए सभी से सहयोग किया है, बिना जानकारी लोग कुछ भी बोल रहे हैं.

Devi Kund located at Sunderdhunga Glacier
सुंदरढुंगा ग्लेशियर स्थित देवी कुंड (फोटो-ईटीवी भारत)

देवी कुंड को योगी ने बनाया स्विमिंग पूल: वहीं, दूसरी ओर बदियाकोट के ग्रामीण खिलाफ दानू ने कहा कि मंदिर का निर्माण करने की जगह बाबा को क्षेत्र के विकास के लिए स्कूल खोलना चाहिए, जिससे वहां विकास हो. उन्होंने कहा कि देवी कुंड को बाबा के द्वारा स्विमिंग पूल बना दिया गया है. जबकि ग्रामीण बड़े पर्वों पर उस कुंड से पानी से स्नान करते हैं. बदियाकोट के ग्रामीणों ने जिलाधिकारी अनुराधा पाल को ज्ञापन सौंप कर इस पूरे मामले में जांच की मांग की है.

Yogi Chaitanya Akash performing puja
पूजा करते योगी चैतन्य आकाश (फोटो-ईटीवी भारत)

जानिए क्या बोले-योगी चैतन्य आकाश: उधर, योगी चैतन्य आकाश ने कहा कि वो इस क्षेत्र में केवल मां भगवती के आशीर्वाद से पहुंचे हैं. उनका कहना है कि, देवी कुंड के पास मंदिर के नवनिर्माण को लेकर उन्हें दिव्य निर्देश प्राप्त हुए थे. उन्होंने कहा कि मंदिर तो देवभूमि में हर जगह हैं, जहां नजर जाती है वहां-वहां देवताओं का वास है. आज तक देवीकुंड के पास किसी ने ध्यान नहीं दिया, वहां पर्यटक आते हैं और गंदगी फैलाते हैं. जिसकी लेकर अब ग्रामीणों के द्वारा नियम भी बना दिया गया था. मां भगवती के वास वाले क्षेत्र में किसी को भी इस तरह नहीं जाने दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि मंदिर बनने के दौरान वहां स्वास्तिक भी नजर आया, जो अद्भुत है, यही माता का आशीर्वाद है.

जिलाधिकारी अनुराधा पाल ने जांच के दिए आदेश: ईटीवी भारत से फोन पर हुई बातचीत में बागेश्वर जिलाधिकारी अनुराधा पाल ने कहा कि मामला उनके संज्ञान में आया है. अभी तक जो मामले उनके सामने आया है, वहां पर पुराने छोटे मंदिर को कुछ गांव वालों ने शायद किसी की मदद से निर्माण कराया है, लेकिन यह मामला गंभीर है. अनुराधा पाल ने कहा कि मामले की जांच के आदेश एसडीएम को दे दिए गए हैं. एसडीएम द्वारा एक टीम को वहां रवाना कर दिया गया है. क्योंकि वो क्षेत्र दुरुस्त इलाके में है इसलिए अभी इस मामले में ज्यादा कुछ नहीं कहा जा सकता. हम इसकी भी जांच करवा रहे हैं कि आखिरकार इस मंदिर की मरम्मत और इसका हूलिया किसने बदलवाया. बता दें कि, ये पूरा क्षेत्र इको सेंसेटिव जोन में आता है, जहां निर्माण कार्य नहीं हो सकता है.

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Last Updated : Jul 16, 2024, 7:58 PM IST
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