कामारेड्डी : कहते हैं मेहनत से आगे बढ़ने वालों को कोई भी बाधा रोक नहीं सकती. ऐसे कई उदाहरण दुनिया में मौजूद हैं जहां इच्छाशक्ति ने दुनिया को झुका दिया. किस्मत और काम दो ऐसी चीजें हैं जो इंसान को बहुत आगे ले जा सकती हैं. हैदराबाद में ज़ोमैटो डिलीवरी एक्जीक्यूटिव के रूप में काम करने वाले युवक का तीन सरकारी नौकरियों में सिलेक्शन हुआ है.
तडवई मंडल के संगोजीवाड़ी गांव के बलवंत राव को तेलंगाना में प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (टीजीटी), स्नातकोत्तर शिक्षक (पीजीटी) और जूनियर लेक्चरर (जेएल) के पदों के लिए चुना गया. घर चलाने के लिए ज़ोमैटो में डिलीवरी बॉय के रूप में काम करने के साथ-साथ उन्होंने सरकारी नौकरियों के लिए भी तैयारी की.
कामारेड्डी जिले के तडवई मंडल के संगोजीवाड़ी गांव में एक साधारण परिवार में जन्मे बलवंत राव का सरकारी शिक्षक बनने का बचपन का सपना वित्तीय बाधाओं के कारण दूर लगता था. हालांकि, उनके अटूट दृढ़ संकल्प ने उन्हें सभी बाधाओं के बावजूद आगे बढ़ाया, जिसके बाद उनकी झोली में एक नहीं, बल्कि तीन-तीन सरकारी नौकरियां आ गिरी.
कई चुनौतियों का सामना करने के बावजूद, बलवंत राव ने कामारेड्डी गवर्नमेंट कॉलेज से स्नातक की उपाधि प्राप्त करते हुए लगन से अपनी शिक्षा हासिल की. 2015 में, वह हैदराबाद चले गए, जहां उन्होंने अपने सपनों की नौकरी की तैयारी करते हुए आजीविका के लिए फूड डिलीवरी बॉय के रूप में अथक परिश्रम किया.
बलवंत की यात्रा को दृढ़ता और लचीलेपन से चिह्नित किया गया था, क्योंकि उन्होंने सरकारी पद के लिए अपनी आकांक्षाओं के साथ अपनी नौकरी की जिम्मेदारियों को भी जोड़ा था. बाधाओं और उपहास से विचलित हुए बिना, वह अपने लक्ष्य पर केंद्रित रहें, उनका मानना था कि शिक्षा उनके जीवन को बदलने की कुंजी है. उनके समर्पण का फल तब मिला जब हाल ही में घोषित तेलंगाना बोर्ड ऑफ गुरुकुल विद्यालय के नतीजों में टीजीटी, पीजीटी और जूनियर लेक्चरर में उनका सिलेक्शन हुआ.
अपनी कठिन तैयारी के दौरान, बलवंत राव ने हरेरामा हरे कृष्णा फाउंडेशन के सब्सिडी वाले भोजन का लाभ उठाया. पढ़ाई के लिए अधिक पैसे के लिए उन्होंने अस्थायी सुखों का त्याग करते हुए कुछ समय के लिए ज़ोमैटो और स्विगी कंपनी में डिलिवरी बॉय की जॉब किया. कई असफलताओं के बावजूद बलवंत राव अपने कुछ गुरुओं के संपर्क में रहें जो उनका हौसला बढ़ाया करते थे.
बलवंत राव की अद्भुत यात्रा उनकी कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प काफी सराहनीय है. उनकी कहानी ना केवल प्रशंसा को प्रेरित करती है बल्कि अवसरों का लाभ उठाने और विपरीत परिस्थितियों में भी डटे रहने के महत्व को भी सिखाती है.