ETV Bharat / bharat

तेलंगाना फोन टैपिंग मामला: 1200 लोगों के फोन टैप किए गए, पूर्व डीएसपी का कबूलनामा - Telangana Tapping Case - TELANGANA TAPPING CASE

Telangana Tapping Case: तेलंगाना पुलिस की विशेष खुफिया शाखा के पूर्व डीएसपी प्रणीत राव ने करीब 1200 लोगों के फोन टैप किए जाने की बात कबूल की है. उन्होंने कहा कि फोन टैपिंग के लिए 17 कंप्यूटर का इस्तेमाल किया गया और विशेष अभियान दल के 56 कर्मियों को नियुक्त किया गया था. पढ़ें पूरी खबर.

Telangana Tapping Case
तेलंगाना फोन टैपिंग मामला (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : May 29, 2024, 8:51 PM IST

हैदराबाद: तेलंगाना पुलिस की विशेष खुफिया शाखा (एसआईबी) के पूर्व डीएसपी प्रणीत राव ने कबूल किया है कि करीब 1200 लोगों के फोन टैप किए गए. फोन टैपिंग मामले के बारे में उनकी गवाही में मुख्य बातें सामने आईं. बताया जाता है कि मुख्य रूप से विपक्षी नेताओं की जासूसी की गई और उनके पास जाने वाले पैसे को रोका गया. माना जाता है कि नेताओं, जजों और रियल एस्टेट कारोबारियों के फोन टैप किए गए. उन्होंने कहा कि कन्वर्जेंस इनोवेशन लैब सॉफ्टवेयर की मदद से फोन टैपिंग की गई.

पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि फोन टैपिंग की निगरानी के लिए 17 कंप्यूटर का इस्तेमाल किया गया और विशेष अभियान दल (एसओटी) के 56 कर्मियों को नियुक्त किया गया. प्रणीत राव ने कहा कि कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद प्रभाकर राव से उन्हें टैपिंग रोकने के आदेश मिले. उन्होंने कहा कि इस्तीफा देने से पहले उन्हें सारे रिकॉर्ड नष्ट करने के निर्देश दिए गए थे.

बताया जाता है कि रिकॉर्ड नष्ट कर दिए गए और नए रिकॉर्ड लगाए गए. पता चला कि नष्ट किए गए सबूतों को नागोल के मूसारामबाग में मूसी नदी में फेंक दिया गया. बताया गया है कि सभी सीडीआर और आईडीपीआर डेटा को जला दिया गया है. पूर्व अधिकारी ने यह भी बताया कि फॉर्मेट किए गए फोन और पेन ड्राइव को बेगमपेट नाला में फेंक दिया गया था.

ये भी पढ़ें- जानें कौन हैं जया बडिगा, हैदराबाद में हुई पढ़ाई, अमेरिका में बनीं जज

हैदराबाद: तेलंगाना पुलिस की विशेष खुफिया शाखा (एसआईबी) के पूर्व डीएसपी प्रणीत राव ने कबूल किया है कि करीब 1200 लोगों के फोन टैप किए गए. फोन टैपिंग मामले के बारे में उनकी गवाही में मुख्य बातें सामने आईं. बताया जाता है कि मुख्य रूप से विपक्षी नेताओं की जासूसी की गई और उनके पास जाने वाले पैसे को रोका गया. माना जाता है कि नेताओं, जजों और रियल एस्टेट कारोबारियों के फोन टैप किए गए. उन्होंने कहा कि कन्वर्जेंस इनोवेशन लैब सॉफ्टवेयर की मदद से फोन टैपिंग की गई.

पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि फोन टैपिंग की निगरानी के लिए 17 कंप्यूटर का इस्तेमाल किया गया और विशेष अभियान दल (एसओटी) के 56 कर्मियों को नियुक्त किया गया. प्रणीत राव ने कहा कि कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद प्रभाकर राव से उन्हें टैपिंग रोकने के आदेश मिले. उन्होंने कहा कि इस्तीफा देने से पहले उन्हें सारे रिकॉर्ड नष्ट करने के निर्देश दिए गए थे.

बताया जाता है कि रिकॉर्ड नष्ट कर दिए गए और नए रिकॉर्ड लगाए गए. पता चला कि नष्ट किए गए सबूतों को नागोल के मूसारामबाग में मूसी नदी में फेंक दिया गया. बताया गया है कि सभी सीडीआर और आईडीपीआर डेटा को जला दिया गया है. पूर्व अधिकारी ने यह भी बताया कि फॉर्मेट किए गए फोन और पेन ड्राइव को बेगमपेट नाला में फेंक दिया गया था.

ये भी पढ़ें- जानें कौन हैं जया बडिगा, हैदराबाद में हुई पढ़ाई, अमेरिका में बनीं जज

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.