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Watch : सीएम रेवंत रेड्डी ने किया मेदिगड्डा बांध का निरीक्षण, केसीआर पर साधा निशाना

Telangana CM slams kcr : तेलंगाना में कालेश्वरम परियोजना पर लाखों करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं, लेकिन इसके माध्यम से एक लाख एकड़ जमीन को पानी नहीं मिला है. मेदिगड्डा दौरे में सीएम रेवंत रेड्डी ने कहा कि 'केसीआर सरकार को जनता ने दो मौके दिए, लेकिन उन्होंने तेलंगाना के लोगों को लूट लिया है.'

Kaleshwaram Project
सीएम रेवंत रेड्डी ने किया मेदिगड्डा बांध का निरीक्षण
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 13, 2024, 8:25 PM IST

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मेदिगड्डा (तेलंगाना): तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने कहा कि कालेश्वरम परियोजना के लिए 1 लाख करोड़ रुपये खर्च करने के बावजूद, एक लाख एकड़ जमीन को भी पानी नहीं मिला है. मंगलवार शाम को सीएम रेवंत रेड्डी ने कांग्रेस, एमआईएम, सीपीआई विधायकों और एमएलसी के साथ सातवें ब्लॉक में खंभों का निरीक्षण किया, जो कालेश्वरम परियोजना के हिस्से के रूप में बनाए गए मेदिगड्डा बैराज में क्षतिग्रस्त हो गए थे. आज सुबह विधानसभा स्थगित होने के बाद, सीएम रेवंत रेड्डी, मंत्री, विधायक और एमएलसी वहां से व्यवस्थित चार विशेष बसों में मेदिगड्डा के लिए रवाना हुए.

सरकार ने सभी सदस्यों को मेदिगड्डा जाने के लिए आमंत्रित किया. हालांकि बीआरएस और भाजपा विधायक इस यात्रा से दूर रहे. कांग्रेस, मजलिस और सीपीआई पार्टियों के मंत्री, विधायक और एमएलसी बसों की व्यवस्था करके विधानसभा से रवाना हुए. दोपहर तीन बजे मेदिगड्डा बराज पहुंचे नेता सीधे बांध पर गए. क्षतिग्रस्त सातवें ब्लॉक के खंभों का निरीक्षण किया गया. उन्हें प्रोजेक्ट की दरारों और पानी के रिसाव के बारे में पता चला. इसके बाद प्रभारी मुख्य अभियंता सुधाकर रेड्डी ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से कालेश्वरम परियोजना की स्थिति के बारे में बताया.

इंजीनियरों ने बताया कि मेडीगड्डा के खंभे पिछले साल 21 अक्टूबर को ढह गए थे. इस अवसर पर बोलते हुए, सीएम रेवंत रेड्डी ने केसीआर की यह कहने पर आलोचना की कि उन्होंने करोड़ों एकड़ जमीन को पानी दिया है, जबकि उन्हें एक लाख एकड़ तक पानी नहीं मिला.

सीएम रेवंत ने समस्या को सुधारने की उपेक्षा करने के लिए केसीआर सरकार की आलोचना की. भले ही बांध सुरक्षा प्राधिकरण ने कहा कि निर्माण में गुणवत्ता दोष था. उन्होंने कहा कि कालेश्वरम परियोजना का बिजली बिल सालाना 10,500 करोड़ रुपये है. उन्होंने बताया कि प्रोजेक्ट लोन और अन्य खर्चों के लिए सालाना 25 हजार करोड़ रुपये की जरूरत होगी.

रेवंत रेड्डी ने कहा कि 'केसीआर ने मेडिगड्डा क्षति के मामले को इसलिए छुपाया ताकि कोई इसे देख न सके. चुनाव आयोग से अनुमति मिलने के बाद राहुल गांधी और मैंने मेदिगड्डा का निरीक्षण किया. हमारे सिंचाई मंत्री ने अनियमितताओं की जांच के आदेश दिए हैं. सतर्कता समिति ने कहा कि कालेश्वरम के निर्माण और रखरखाव में भारी खामियां हैं. कलेश्वरम को रीडिज़ाइन के नाम पर लिया गया और बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया गया. केसीआर को एहसास हो गया कि उनका गढ़ बेनकाब हो जाएगा.'

उन्होंने कहा कि 'उनके भ्रष्टाचार से लोगों का ध्यान हटाने के लिए आज नलगोंडा में एक बैठक की गई. लेकिन, उन्हें दूसरा मौका देकर प्रोजेक्ट के नाम पर लूट लिया गया.'

रेवंत रेड्डी ने पूछा, 'भाजपा विधायक मेदिगड्डा दौरे पर क्यों नहीं आए? मेदिगड्डा पर बीजेपी का रुख स्पष्ट होना चाहिए. बीआरएस और बीजेपी के रिश्ते को हर कोई जानता है. क्या बीजेपी मेडीगड्डा परियोजना में केसीआर के भ्रष्टाचार का समर्थन करती है? यह कालेश्वरम परियोजना नहीं है जो ढह गई.. बल्कि तेलंगाना के लोगों का विश्वास है. ये मेडिगड्डा के गिरे हुए खंभे नहीं हैं.. बल्कि 4 करोड़ लोगों की उम्मीदें हैं. प्रोजेक्ट पर तकनीकी विशेषज्ञ जो रिपोर्ट देंगे, उसी के अनुसार सरकार आगे बढ़ेगी. अगर हम जल्दबाजी में आगे बढ़े... तो यह वैसा ही होगा जैसा केसीआर ने किया.'

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सरकार ने सभी सदस्यों को मेदिगड्डा जाने के लिए आमंत्रित किया. हालांकि बीआरएस और भाजपा विधायक इस यात्रा से दूर रहे. कांग्रेस, मजलिस और सीपीआई पार्टियों के मंत्री, विधायक और एमएलसी बसों की व्यवस्था करके विधानसभा से रवाना हुए. दोपहर तीन बजे मेदिगड्डा बराज पहुंचे नेता सीधे बांध पर गए. क्षतिग्रस्त सातवें ब्लॉक के खंभों का निरीक्षण किया गया. उन्हें प्रोजेक्ट की दरारों और पानी के रिसाव के बारे में पता चला. इसके बाद प्रभारी मुख्य अभियंता सुधाकर रेड्डी ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से कालेश्वरम परियोजना की स्थिति के बारे में बताया.

इंजीनियरों ने बताया कि मेडीगड्डा के खंभे पिछले साल 21 अक्टूबर को ढह गए थे. इस अवसर पर बोलते हुए, सीएम रेवंत रेड्डी ने केसीआर की यह कहने पर आलोचना की कि उन्होंने करोड़ों एकड़ जमीन को पानी दिया है, जबकि उन्हें एक लाख एकड़ तक पानी नहीं मिला.

सीएम रेवंत ने समस्या को सुधारने की उपेक्षा करने के लिए केसीआर सरकार की आलोचना की. भले ही बांध सुरक्षा प्राधिकरण ने कहा कि निर्माण में गुणवत्ता दोष था. उन्होंने कहा कि कालेश्वरम परियोजना का बिजली बिल सालाना 10,500 करोड़ रुपये है. उन्होंने बताया कि प्रोजेक्ट लोन और अन्य खर्चों के लिए सालाना 25 हजार करोड़ रुपये की जरूरत होगी.

रेवंत रेड्डी ने कहा कि 'केसीआर ने मेडिगड्डा क्षति के मामले को इसलिए छुपाया ताकि कोई इसे देख न सके. चुनाव आयोग से अनुमति मिलने के बाद राहुल गांधी और मैंने मेदिगड्डा का निरीक्षण किया. हमारे सिंचाई मंत्री ने अनियमितताओं की जांच के आदेश दिए हैं. सतर्कता समिति ने कहा कि कालेश्वरम के निर्माण और रखरखाव में भारी खामियां हैं. कलेश्वरम को रीडिज़ाइन के नाम पर लिया गया और बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया गया. केसीआर को एहसास हो गया कि उनका गढ़ बेनकाब हो जाएगा.'

उन्होंने कहा कि 'उनके भ्रष्टाचार से लोगों का ध्यान हटाने के लिए आज नलगोंडा में एक बैठक की गई. लेकिन, उन्हें दूसरा मौका देकर प्रोजेक्ट के नाम पर लूट लिया गया.'

रेवंत रेड्डी ने पूछा, 'भाजपा विधायक मेदिगड्डा दौरे पर क्यों नहीं आए? मेदिगड्डा पर बीजेपी का रुख स्पष्ट होना चाहिए. बीआरएस और बीजेपी के रिश्ते को हर कोई जानता है. क्या बीजेपी मेडीगड्डा परियोजना में केसीआर के भ्रष्टाचार का समर्थन करती है? यह कालेश्वरम परियोजना नहीं है जो ढह गई.. बल्कि तेलंगाना के लोगों का विश्वास है. ये मेडिगड्डा के गिरे हुए खंभे नहीं हैं.. बल्कि 4 करोड़ लोगों की उम्मीदें हैं. प्रोजेक्ट पर तकनीकी विशेषज्ञ जो रिपोर्ट देंगे, उसी के अनुसार सरकार आगे बढ़ेगी. अगर हम जल्दबाजी में आगे बढ़े... तो यह वैसा ही होगा जैसा केसीआर ने किया.'

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