उत्तरकाशी (उत्तराखंड): सहस्त्रताल की ट्रेकिंग पर गया 22 सदस्यों वाले एक ट्रेकिंग दल के 9 सदस्यों की खराब मौसम के कारण मृत्यु होने की सूचना मिली है. बाकी सदस्यों के इस उच्च हिमालयी ट्रेक रूट में फंसने की सूचना थी. प्रशासन ने घटना की सूचना मिलते ही फंसे ट्रेकर्स को निकालने के लिए आज बुधवार सुबह टीम भेजी और वायु सेना ने भी रेस्क्यू ऑपरेशन में भाग लिया. 9 ट्रेकर्स की मौत की खबर है. एसपी अर्पण यदुवंशी ने इसकी पुष्टि की है. सहस्त्रताल ट्रेक में फंसे 11 ट्रेकर्स को हेली के जरिए रेस्क्यू किया गया, जिनमें से 8 ट्रेकर्स को सहस्त्रधारा हेलीपैड व 3 को भटवाड़ी पहुंचाया गया. वहीं, अन्य 2 ट्रेकर्स स्थानीय गाइड के साथ पैदल मार्ग से बेस कैंप कुश कल्याण से सिल्ला गांव पहुंचे. 5 ट्रेकर्स के शव भटवाड़ी लाए गए हैं. बाकी ट्रेकर्स के रेस्क्यू के लिए 6 जून सुबह फिर रेस्क्यू अभियान चलाया जाएगा. 22 में से 21 लोग बेंगलुरू जबकि 1 महाराष्ट्र निवासी है.
11 ट्रेकर्स का सकुशल रेस्क्यू हुआ है. इनमें से इन 8 लोगों को देहरादून पहुंचाया गया है-
- जय प्रकाश वीएस उम्र- 61 वर्ष, निवासी गिरी नगर बेंगलुरु.
- भरत वी, उम्र-53 वर्ष, निवासी हम्पी नगर बेंगलुरु.
- अनिल भटा, उम्र-52, निवासी जोप नगर बेंगलुरु.
- मधुकिरन रेडी, उम्र-52, निवासी बेंगलुरु.
- शीना लक्ष्मी, उम्र-48, निवासी केआरपुरम बेंगलुरु.
- शौम्या के, उम्र-31 वर्ष, निवासी बेंगलुरु.
- शिवा ज्योति, उम्र-45, निवासी एचएसआर बेंगलुरु.
- स्मूर्ति प्रकाश डोलास, उम्र-45, निवासी पुणे, महाराष्ट्र.
11 रेस्क्यू ट्रेकर्स में से इन तीन को भटवाड़ी में रखा गया है-
- विवेक श्रीधर, उम्र- 37 वर्ष, निवासी बेंगलुरु.
- विनायक एम0के0, उम्र-47, निवासी प्रीस्टीज सिटी, बेंगलुरु.
- श्रीरामल्लु सुधाकर, उम्र-64, निवासी एस0आर0के0 नगर बेंगलुरु.
दो ट्रैकर्स बेस कैम्प कुश कल्याण गांव से पैदल सिल्ला गांव की ओर आ रहे हैं-
- नवीन ए, 40 वर्ष, निवासी- बेंगलुरु.
- ऋतिका, 37 वर्ष, निवासी- बेंगलुरु.
9 मृतक ट्रेकर्स में से 5 के शव बरामद कर नाटनी, तहसील- भटवाड़ी उत्तरकाशी लाए गए हैं-
- आशा सुधाकर उम्र-71 वर्ष, निवासी बेंगलुरु.
- सिन्धु, उम्र-45 वर्ष, निवासी बेंगलुरु.
- सुजाता उम्र-51 वर्ष, निवासी बेंगलुरु.
- चित्रा परिणीथ, उम्र-48 वर्ष, निवासी बेंगलुरु.
- विनायक, उम्र-54 वर्ष, निवासी बेंगलुरु, साउथ कर्नाटक.
वायुसेना ने शुरू किया सर्च और रेस्क्यू अभियान: गौर हो कि, जिलाधिकारी ने फंसे ट्रेकर्स और मृतकों के शवों को निकालने के लिए वायु सेना के माध्यम से हेली रेस्क्यू अभियान संचालित करने के लिये भी अनुरोध किया था. वायुसेना ने आज लापता ट्रेकर्स की तलाश के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया. जिला प्रशासन के अनुरोध पर वायु सेना के दो चेतक हेलीकॉप्टर अभियान में लगाए गए. इसके साथ जिलाधिकारी ने इस घटना के संबंध में राज्य के सचिव आपदा प्रबंधन रंजीत सिन्हा सहित अन्य उच्चाधिकारियों को भी अवगत कराया.
SDRF उत्तराखंड पुलिस की दो टीमें हुईं रवाना:
- हिमालयन व्यू ट्रेकिंग एजेंसी, मनेरी के द्वारा मल्ला-सिल्ला-कुशकल्याण-सहस्त्रताल ट्रेक पर एक 22 सदस्यीय ट्रेकिंग दल 29 मई को सहस्त्रताल के ट्रेकिंग अभियान पर रवाना करवाया गया था.
- इस दल में कनार्टक के 18 सदस्य एवं महाराष्ट्र का एक सदस्य और तीन स्थानीय गाइड शामिल थे.
- इस ट्रेकिंग दल को आगामी 7 जून तक वापस लौटना था.
- इसी दौरान मंगलवार 4 जून को अंतिम शिविर से सहस्त्रताल पहुंचने के दौरान मौसम खराब होने से यह दल रास्ता भटक गया.
- संबंधित ट्रेकिंग एजेंसी ने खोजबीन करने पर इस दल के चार सदस्यों की मृत्यु होने की सूचना दी.
- मंगलवार को ट्रेक में 13 सदस्यों के फंसे होने की जानकारी सामने आई.
- घटना की जानकारी पर बुधवार 5 जून सुबह सेनानायक SDRF मणिकांत मिश्रा के निर्देशानुसार SDRF की 2 हाई एल्टीट्यूड रेस्क्यू टीमों को घटनास्थल पर रवाना किया गया.
- देहरादून से 3 सदस्यीय टीम को हेली के माध्यम से रेस्क्यू के लिए भेजा गया.
- एक टीम को आवश्यक उपकरणों के बैकअप में रखा गया है.
- इसी बीच सुबह पांच और ट्रेकर्स की मौत की खबर आई. इस तरह ट्रेकिंग दल के 9 सदस्यों की मौत की खबर है. एसपी उत्तरकाशी ने इस खबर की पुष्टि की है.
अलग-अलग दिशाओं से रवाना हुए बचाव दल: उत्तरकाशी जिले के डीएम डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने बताया कि, सहस्त्रताल के ट्रेकिंग रूट पर फंसे ट्रेकर्स को रेस्क्यू करने के लिए एसडीआरएफ और वन विभाग के रेस्क्यू दल अलग-अलग दिशाओं से घटनास्थल के लिए रवाना हुए. वन विभाग की दस सदस्यों की रेकी और रेस्क्यू टीम सिल्ला गांव से होते हुए वहां पहुंची. जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से एसडीआएफ का दल भी बुधवार 5 जून को तड़के टिहरी जिले के बूढ़ाकेदार की तरफ से रेस्क्यू की कार्रवाई शुरू करने के लिए रवाना हुआ.
हेलीकॉप्टर से एरियल रेकी: इस रेस्क्यू अभियान के समन्वय में जुटे पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी ने बताया कि एसडीआरएफ की माउंटेनियरिंग टीम ने भी देहरादून से हेलीकॉप्टर से एरियल रेकी की. जिला अस्पताल उत्तरकाशी और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भटवाड़ी को अलर्ट मोड पर रखा गया था. आईटीबीपी मातली से भी 14 रेस्क्यूअर्स और एक डॉक्टर की टीम भी रवाना की गई थी. एनआईएम से भी एक बैकअप टीम रवाना की गई थी.
गौर हो कि, रेस्क्यू अभियान को लेकर जिले का आपदा कंट्रोल रूम मंगलवार शाम से ही निरंतर सक्रिय है. कंट्रोल रूम को मिली जानकारी के अनुसार टिहरी जिला प्रशासन द्वारा भी हेली रेस्क्यू के लिए अरदंगी हेलीपैड को अलर्ट मोड पर रखा गया था. यहां पर एम्बुलेंस टीम, लोनिवि और पुलिस की टीम तैनात की गई थी.
ट्रेकर एजेंसी वालों ने क्या कहा: ट्रेकर एजेंसी के भगवत सेमवाल ने बताया कि करीब साढ़े 14 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित सहस्त्रताल पहुंचने के लिए भटवाड़ी ब्लाक के सोरा गांव से 45 किमी की लंबा सफर पैदल तय करना पड़ता है. इसके साथ ही इस ट्रेक के लिए मौसम आजकल अनुकूल रहता है. लेकिन जब हाइट पर पहुंचते हैं तो वहां पर तेज हवा के साथ ही धुंध फैल जाती है. इस कारण ट्रेकर रास्ता भटक जाते हैं. इसी कारण इस ट्रेकर दल के सदस्य भी रास्ता भटक गए होंगे.
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