पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की एनडीए में वापसी की खबरों ने बिहार की सियासत में एक बार फिर से हलचल ला दी है. एनडीए के नेता लगातार नीतीश कुमार की वापसी की खबरों का समर्थन कर रहे हैं. कल तक जो नेता नीतीश कुमार पर हमलावर थे आज उनके तेवर बिल्कुल बदले-बदले से नजर आ रहे हैं.
'राजनीति में कभी दरवाजे बंद नहीं होते': बिहार की राजनीति में असमंजस की स्थिति है. संभावनाओं और आशंकाओं के बीच राजनीतिक बयानबाजी भी खूब हो रही है. कहा जा रहा है कि जल्द ही बिहार में खेला होगा. इस बात को बिहार के दो पूर्व उपमुख्यमंत्रियों के बयान से बल मिल रहा है.
'फैसला केंद्र नेतृत्व को करना है': बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी और तारकिशोर प्रसाद ने एक स्वर में कहा है कि नीतीश कुमार एनडीए में आते हैं या नहीं इसका फैसला केंद्र नेतृत्व को करना है. साथ ही दोनों ने ये भी कहा कि राजनीति में कभी दरवाजे बंद नहीं होते हैं. कई बार बंद दरवाजे खुलते हैं.
"फैसला केंद्र नेतृत्व को लेना है. जरुरत पड़ने पर दरवाजे खुल सकते हैं."- सुशील मोदी, पूर्व उपमुख्यमंत्री, बिहार
वहीं तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि गुरुवार को बिहार बीजेपी के कुछ नेताओं को बैठक के लिए बुलाया गया था, जहां लोकसभा चुनाव पर चर्चा की गई. बैठक में चर्चा की गई कि कैसे बिहार में बेहतर प्रदर्शन किया जाए. बीजेपी बेहतरी और देश के विकास के लिए फैसला लेती है.
"राजनीति में कभी दरवाजे बंद नहीं होते हैं. पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व वही फैसला लेगा जो भी बिहार के हित में होगा."- तारकिशोर प्रसाद, पूर्व उपमुख्यमंत्री, बिहार
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