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तमिलनाडु का केंद्र से NEET को खत्म करने का आग्रह, विधानसभा से प्रस्ताव पारित - Resolution Against NEET

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jun 28, 2024, 1:54 PM IST

Tamil Nadu pass Resolution Against NEET: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन ने NEET को खत्म करने के लिए विधानसभा में प्रस्ताव पेश किया, जो सर्वसम्मति से पारित हो गया है.

MK Stalin
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन (ANI)

चेन्नई: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने शुक्रवार को राज्य विधानसभा में एक प्रस्ताव पेश किया, जिसमें केंद्र सरकार से NEET को खत्म करने और राज्य सरकारों को कक्षा 12 के अंकों के आधार पर मेडिकल प्रवेश आयोजित करने की अनुमति देने का आग्रह किया गया है, जैसा कि NEET लागू होने से पहले होती थी.

तमिलनाडु विधानसभा ने एमके स्टालिन द्वारा NEET के खिलाफ लाया गया यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित हो गया है. वर्तमान में देश भर में MBBS और BDS कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए NEET अनिवार्य है.

नीट गरीब छात्रों के अवसरों को करती है प्रभावित
प्रस्ताव पेश करते हुए मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा कि नीट परीक्षा प्रणाली गरीब ग्रामीण छात्रों के मेडिकल ऐजूकेशन अवसरों को बुरी तरह प्रभावित करती है. यह स्कूली शिक्षा को निरर्थक बनाती है और राज्य सरकार को स्टेट गर्वनमेंट द्वारा संचालित मेडिकल कॉलेजों में छात्रों को प्रवेश देने के अधिकार से वंचित करती है, इसलिए इसे समाप्त किया जाना चाहिए.

प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित
उन्होंने कहा कि तमिलनाडु विधानसभा सर्वसम्मति से आग्रह करती है कि केंद्र सरकार तुरंत नीट छूट विधेयक को अपनी मंजूरी दे, जिसे इस विधानसभा ने सर्वसम्मति से पारित किया था, ताकि तमिलनाडु को इस परीक्षा से छूट दी जा सके और छात्रों को 12वीं कक्षा के अंकों के आधार पर मेडिकल में प्रवेश दिया जा सके.

इससे पहले पुडुचेरी में डीएमके ने मुख्यमंत्री एन रंगासामी से भी विधानसभा में एक प्रस्ताव पेश कर नीट परीक्षा से छूट देने का अनुरोध करने और इसे राष्ट्रपति के विचार के लिए भेजने की अपील की थी. बता दें कि यह प्रस्ताव ऐसे समय में पास हुआ है, जब देशभर में नीट परीक्षा में धांधली को लेकर विरोध हो रहा है.

यह भी पढ़ें- नीट परीक्षा में सिलेबस के बाहर के सवाल पूछने पर एनटीए से जवाब तलब

चेन्नई: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने शुक्रवार को राज्य विधानसभा में एक प्रस्ताव पेश किया, जिसमें केंद्र सरकार से NEET को खत्म करने और राज्य सरकारों को कक्षा 12 के अंकों के आधार पर मेडिकल प्रवेश आयोजित करने की अनुमति देने का आग्रह किया गया है, जैसा कि NEET लागू होने से पहले होती थी.

तमिलनाडु विधानसभा ने एमके स्टालिन द्वारा NEET के खिलाफ लाया गया यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित हो गया है. वर्तमान में देश भर में MBBS और BDS कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए NEET अनिवार्य है.

नीट गरीब छात्रों के अवसरों को करती है प्रभावित
प्रस्ताव पेश करते हुए मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा कि नीट परीक्षा प्रणाली गरीब ग्रामीण छात्रों के मेडिकल ऐजूकेशन अवसरों को बुरी तरह प्रभावित करती है. यह स्कूली शिक्षा को निरर्थक बनाती है और राज्य सरकार को स्टेट गर्वनमेंट द्वारा संचालित मेडिकल कॉलेजों में छात्रों को प्रवेश देने के अधिकार से वंचित करती है, इसलिए इसे समाप्त किया जाना चाहिए.

प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित
उन्होंने कहा कि तमिलनाडु विधानसभा सर्वसम्मति से आग्रह करती है कि केंद्र सरकार तुरंत नीट छूट विधेयक को अपनी मंजूरी दे, जिसे इस विधानसभा ने सर्वसम्मति से पारित किया था, ताकि तमिलनाडु को इस परीक्षा से छूट दी जा सके और छात्रों को 12वीं कक्षा के अंकों के आधार पर मेडिकल में प्रवेश दिया जा सके.

इससे पहले पुडुचेरी में डीएमके ने मुख्यमंत्री एन रंगासामी से भी विधानसभा में एक प्रस्ताव पेश कर नीट परीक्षा से छूट देने का अनुरोध करने और इसे राष्ट्रपति के विचार के लिए भेजने की अपील की थी. बता दें कि यह प्रस्ताव ऐसे समय में पास हुआ है, जब देशभर में नीट परीक्षा में धांधली को लेकर विरोध हो रहा है.

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