तिरुनेलवेली: तमिलनाडु के तिरुनेलवेली जिले में थानों में कैदियों से पूछताछ के दौरान उनपर अत्याचार करने का आरोप आईपीएस अधिकारी बलवीर सिंह और कुछ अन्य पुलिसकर्मियों पर लगाया गया. इसके बाद आईपीएस बलवीर सिंह को निलंबित कर दिया गया. अब खबर है कि उनका निलंबन रद्द कर दिया गया है.
एएसपी बलवीर सिंह और कुछ पुलिसकर्मियों पर तमिलनाडु के तिरुनेलवेली जिले के अंबासमुद्रम, कल्लिदाइकुरिची और विक्रमसिंघापुरम पुलिस स्टेशनों में कैदियों से पूछताछ करने के दौरान उनके दांत उखाड़ने और प्रताड़ित करने का आरोप लगाया गया. तिरुनेलवेली जिला कलेक्टर कार्तिकेयन आईएएस के आदेश पर तत्कालीन डिप्टी कलेक्टर मोहम्मद साबिर ने पिछले साल 26 मार्च महीने इसकी जांच शुरू की थी. इसके बाद 29 मार्च को आईपीएस बलवीर सिंह को निलंबित कर दिया गया. फिर शासन के प्रमुख आईएएस सचिव अमुधा के नेतृत्व में उच्चस्तरीय जांच करायी गयी. इसके बाद 20 अप्रैल, 2023 को मामला सीबीसीआईडी को स्थानांतरित कर दिया गया.
शुरू हुई मामले की जांच: मामले की जांच सीबीसीआईडी इंस्पेक्टर रानी और एडीएसपी शंकर ने की. इसके बाद मामले में मिलीभगत के लिए आईपीएस अधिकारी बलवीर सिंह सहित 14 पुलिसकर्मियों के खिलाफ तिरुनेलवेली आपराधिक मध्यस्थता अदालत में 1000 पेज का आरोप पत्र दायर किया गया. 4 मामलों में बलवीर सिंह, दो मामलों में इंस्पेक्टर राजकुमारी और सब इंस्पेक्टर मुरुगेश और अब्राहम जोसेफ शामिल थे. इसके बाद विभिन्न गवाहों को सीधे थाने लाया गया और जांच की गयी.
सीबीसीआईडी द्वारा दर्ज किए गए 4 मामलों की सुनवाई पहली बार पिछले साल 15 दिसंबर को तिरुनेलवेली जिला न्यायालय में हुई. फिर एएसपी (ASP) पल्सर समेत मामले से जुड़े सभी पुलिसकर्मी जज के सामने पेश हुए. ऐसे में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने पिछले हफ्ते तमिलनाडु के डीजीपी को व्यक्तिगत रूप से पेश होकर दांत उखाड़ने के मामले में स्पष्टीकरण देने के लिए नोटिस भेजा था. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने डीजीपी को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया क्योंकि उन्होंने कई नोटिसों का जवाब नहीं दिया.
बलवीर सिंह का निलंबन रद्द : एएसपी बलवीर सिंह का निलंबन आदेश रद्द कर दिया गया है. पीड़ित पक्षों को संदेह है कि अदालत में मामला लंबित रहने के दौरान निलंबन आदेश रद्द करने से दांत टूटने का मामला कमजोर हो जायेगा.
कैसे रद्द हुआ निलंबन?: इस बारे में ईटीवी भारत की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वकील मधु प्रकाश से संपर्क किया गया. उन्होंने कहा कि आम तौर पर उच्च पदस्थ पुलिस अधिकारियों के गलती करने पर धारा (17ए) (17बी) के तहत कार्रवाई की जाती है. इसी धारा में उनके खिलाफ निलंबन आदेश रद्द करने का भी प्रावधान है. लिहाजा, इसके आधार पर अब आईपीएस अधिकारी बलवीर सिंह का निलंबन आदेश रद्द हो सकता है.