नई दिल्ली: भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) और राष्ट्रीय पोषण संस्थान (NIN) ने कहा है कि सिंथेटिक सॉफ्ट ड्रिंक, पानी या ताजे फलों का विकल्प नहीं हैं. लोगों की डाइट पर जारी लेटेस्ट गाइडलाइन से पता चला है कि कार्बोनेटेड पेय पदार्थों में फॉस्फोरिक एसिड होता है. यह दांतों के इनेमल को नुकसान पहुंचा सकता है और इसके ज्यादा इस्तेमाल से भूख भी प्रभावित हो सकती है.
गाइडलाइन से यह भी पता चला है कि जो लोग नियमित रूप से 30 मिलीलीटर एथिल अल्कोहल से अधिक का सेवन करते हैं, उन्हें हाईपर टेंशन और स्ट्रोक का खतरा अधिक होता है. इसके अलावा एल्कोहल सीरम ट्राइग्लिसराइड के लेवल को भी बढ़ाता है.
सिंथेटिक कोल्ड ड्रिंक से परहेज करें
गाइडलाइन में गर्मी के मौसम में सॉफ्ट ड्रिंक, पैकेज्ड नारियल पानी, मिक्स फ्रूट और कार्बोनेटेड पेय जैसे सिंथेटिक कोल्ड ड्रिंक से परहेज करने और उनकी जगह छाछ, नारियल पानी, नींबू पानी आदि का इस्तेमाल करने का सुझाव दिया गया है.
भारतीयों के आहार में बदलाव
इस संबंध में नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वीके पॉल ने कहा कि पिछले कुछ दशकों में भारतीयों की आहार संबंधी आदतों में महत्वपूर्ण बदलाव आए हैं, जिससे गैर-संचारी रोगों (Non-Communicable Disease) में वृद्धि हुई है, जबकि अल्पपोषण (Undernutrition) की कुछ समस्याएं भी हमें परेशान कर रही हैं. डॉ. पॉल ने कहा, 'इन दिशानिर्देशों का उद्देश्य भारतीयों को अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने और सभी प्रकार के कुपोषण को रोकने और अपने लिए सही भोजन विकल्प चुनने में मदद करना है.
आईसीएमआर-एनआईएन के दिशानिर्देशों में कहा गया है कि बहुत गर्म मौसम और फिजिकल एक्टिविटी करते समय ज्यादा पानी की जरूरत होती है, क्योंकि शरीर में मौजूद पानी पसीने के माध्यम से काफी मात्रा में बर्बाद हो जाता है. इसमें कहा गया है कि एक सामान्य स्वस्थ व्यक्ति को प्रतिदिन पेय पदार्थों सहित लगभग आठ गिलास (लगभग दो लीटर) पानी पीने की जरूरत होती है.
गर्मी के मौसम किस ड्रिंक का करें इस्तेमाल
गर्मी के मौसम में नारियल पानी एक अच्छा हाइड्रेटिंग पेय है. इसमें कई खनिज होते हैं और 15 किलो कैलोरी/100 मि.ली. प्रदान करता है. हालांकि, हाइपरकेलेमिया (किडनी और हृदय रोगों में) से ग्रस्त रोगियों को नारियल पानी से बचना चाहिए.
दूध कैल्शियम का अच्छा स्रोत है, लेकिन आयरन का नहीं. दूध में मौजूद सभी मैक्रो और सूक्ष्म पोषक तत्व आसानी से पचने योग्य और अवशोषित होते हैं. आईसीएमआर-एनआईएन अध्ययन में कहा गया है कि चूंकि इसके दूषित होने की संभावना है, इसलिए अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उबले हुए दूध का उपयोग करें.
किस ड्रिंक का न करें सेवन
आईसीएमआर-एनआईएन ने कहा कि सिंथेटिक सॉफ्ट ड्रिंक पानी या ताजे फलों का विकल्प नहीं हैं और इसलिए इससे बचना चाहिए.इसके जगह छाछ, नींबू पानी, साबुत फलों का रस और नारियल पानी का सेवन करें.
चाय और कॉफी में कैफीन होता है, जो केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को उत्तेजित करता है और शारीरिक निर्भरता को प्रेरित करता है. इसलिए चाय और कॉफी पीने से बचें. इसके अलावा अल्कोहल का इस्तेमाल भी करने बचें.
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