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Kerala Actress Rape Case: अभिनेत्री ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लिखा पत्र, लगाई न्याय की गुहार - KERALA

केरल की एक्ट्रेस ने अपहरण और रेप मामले में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगाई है.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (X@rashtrapatibhawan)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 10, 2024, 5:59 PM IST

तिरूवनंतपुरम: केरल की पीड़ित एक्ट्रे्स ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगाई है. अभिनेत्री ने पत्र में मेमोरी कार्ड की अनधिकृत जांच की जांच की मांग की है, जो इस मामले में मुख्य सबूत है. पत्र में जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई और इसके लिए व्यापक जांच की मांग भी की गई है.

गौरतलब है पीड़ित अभिनेत्री ने इस मामले को लेकर हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया था, लेकिन आगे कोई कार्रवाई नहीं हुई. पत्र में कहा गया है कि इसी संदर्भ में वह राष्ट्रपति से गुहार लगा रही हैं. उन्होंने मांग की है कि राष्ट्रपति मामले में व्यापक जांच का आदेश दें.

वैज्ञानिक जांच से पता चला है कि मेमोरी कार्ड को कोर्ट की हिरासत में रहते हुए तीन बार खोला और जांचा गया था. हालांकि, कोर्ट ने ऐसा करने वालों को खोजने या कार्रवाई करने के लिए हस्तक्षेप नहीं किया और इसी संदर्भ में अभिनेत्री ने राष्ट्रपति को शिकायत के साथ पत्र लिखा.

मामले में अंतिम सुनवाई शुरू होने वाली है
अभिनेत्री ने कहा कि अगर मेमोरी कार्ड जारी किया जाता है, तो उनकी निजता का हनन होगा और उनका जीवन प्रभावित होगा और वह चाहती हैं कि राष्ट्रपति इस मामले में हस्तक्षेप करें. अभिनेत्री ने राष्ट्रपति को यह पत्र ऐसे समय लिखा है, जब अभिनेत्री पर हमले के मामले में अंतिम सुनवाई शुरू होने वाली है.

हाल ही में केरल हाई कोर्ट ने एक मेमोरी कार्ड की कथित अवैध पहुंच की नए सिरे से जांच की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया था, जो 2017 के अभिनेत्री पर हमले के मामले में महत्वपूर्ण सबूत है.

क्या है मामला?
फरवरी 2017 में अभिनेत्री का त्रिशूर और कोच्चि के बीच चलती कार में पुरुषों के एक गिरोह द्वारा कथित रूप से अपहरण कर लिया गया और फिर उसका यौन उत्पीड़न किया. मामले ने मलयालम फिल्म उद्योग में एक बड़ा तूफान खड़ा कर दिया, जिसके कारण कथित संलिप्तता के लिए प्रमुख अभिनेता दिलीप को गिरफ्तार किया गया.

इतना ही नहीं राज्य सरकार को मलयालम फिल्म उद्योग में महिलाओं के सामने आने वाले मुद्दों को देखने के लिए एक रिटायर हाई कोर्ट के जज की अध्यक्षता में एक पैनल नियुक्त करने के लिए मजबूर होना पड़ा.

इस साल अगस्त में आखिरकार जनता के लिए जारी की गई रिपोर्ट ने पुष्टि की कि उद्योग में यौन उत्पीड़न बड़े पैमाने पर हो रहा था. तब से #MeToo शिकायतों की एक सीरीज ने प्रमुख अभिनेताओं, निर्देशकों और उद्योग के लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गईं हैं.

यह भी पढ़ें- 3 हफ्ते इस्तेमाल की फेयरनेस क्रीम, गोरा नहीं होने पर कंज्यूमर कोर्ट में शिकायत, 11 साल बाद मिला मुआवजा

तिरूवनंतपुरम: केरल की पीड़ित एक्ट्रे्स ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगाई है. अभिनेत्री ने पत्र में मेमोरी कार्ड की अनधिकृत जांच की जांच की मांग की है, जो इस मामले में मुख्य सबूत है. पत्र में जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई और इसके लिए व्यापक जांच की मांग भी की गई है.

गौरतलब है पीड़ित अभिनेत्री ने इस मामले को लेकर हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया था, लेकिन आगे कोई कार्रवाई नहीं हुई. पत्र में कहा गया है कि इसी संदर्भ में वह राष्ट्रपति से गुहार लगा रही हैं. उन्होंने मांग की है कि राष्ट्रपति मामले में व्यापक जांच का आदेश दें.

वैज्ञानिक जांच से पता चला है कि मेमोरी कार्ड को कोर्ट की हिरासत में रहते हुए तीन बार खोला और जांचा गया था. हालांकि, कोर्ट ने ऐसा करने वालों को खोजने या कार्रवाई करने के लिए हस्तक्षेप नहीं किया और इसी संदर्भ में अभिनेत्री ने राष्ट्रपति को शिकायत के साथ पत्र लिखा.

मामले में अंतिम सुनवाई शुरू होने वाली है
अभिनेत्री ने कहा कि अगर मेमोरी कार्ड जारी किया जाता है, तो उनकी निजता का हनन होगा और उनका जीवन प्रभावित होगा और वह चाहती हैं कि राष्ट्रपति इस मामले में हस्तक्षेप करें. अभिनेत्री ने राष्ट्रपति को यह पत्र ऐसे समय लिखा है, जब अभिनेत्री पर हमले के मामले में अंतिम सुनवाई शुरू होने वाली है.

हाल ही में केरल हाई कोर्ट ने एक मेमोरी कार्ड की कथित अवैध पहुंच की नए सिरे से जांच की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया था, जो 2017 के अभिनेत्री पर हमले के मामले में महत्वपूर्ण सबूत है.

क्या है मामला?
फरवरी 2017 में अभिनेत्री का त्रिशूर और कोच्चि के बीच चलती कार में पुरुषों के एक गिरोह द्वारा कथित रूप से अपहरण कर लिया गया और फिर उसका यौन उत्पीड़न किया. मामले ने मलयालम फिल्म उद्योग में एक बड़ा तूफान खड़ा कर दिया, जिसके कारण कथित संलिप्तता के लिए प्रमुख अभिनेता दिलीप को गिरफ्तार किया गया.

इतना ही नहीं राज्य सरकार को मलयालम फिल्म उद्योग में महिलाओं के सामने आने वाले मुद्दों को देखने के लिए एक रिटायर हाई कोर्ट के जज की अध्यक्षता में एक पैनल नियुक्त करने के लिए मजबूर होना पड़ा.

इस साल अगस्त में आखिरकार जनता के लिए जारी की गई रिपोर्ट ने पुष्टि की कि उद्योग में यौन उत्पीड़न बड़े पैमाने पर हो रहा था. तब से #MeToo शिकायतों की एक सीरीज ने प्रमुख अभिनेताओं, निर्देशकों और उद्योग के लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गईं हैं.

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