नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है. ईडी केस में उन्हें पहले जमानत मिल चुकी है. सीएम केजरीवाल तिहाड़ जेल से 177 दिन बाद बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने 5 सितंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था. इससे पहले इसी घोटाले के ED केस में सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को 12 जुलाई को जमानत दी थी.
केजरीवाल के दोनों केस के फैसले
- पहला केस - सीबीआई की गिरफ्तारी के खिलाफ अरविंद केजरीवाल ने याचिका लगाई थी. इसमें सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि गिरफ्तारी नियमों के मुताबिक है.
- दूसरा केस - सीबीआई केस में जमानत पर केजरीवाल ने याचिका लगाई थी. इस सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि जमानत दी जानी चाहिए. दोनों जजों ने जमानत पर एक राय जाहिर की.
इन दलीलों से मिली जमानत
- 5 सितंबर की सुनवाई के दौरान केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि CBI कहती है कि केजरीवाल सहयोग नहीं कर रहे हैं. कोर्ट के ही आदेश में कहा गया है कि यह उम्मीद नहीं की जा सकती कि आरोपी खुद को दोषी बता दे.
- अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि केजरीवाल एक संवैधानिक पद पर हैं, उनके भागने की कोई आशंका नहीं, सबूतों से छेड़छाड़ नहीं हो सकती, क्योंकि लाखों दस्तावेज और 5 चार्जशीट मौजूद हैं. गवाहों को प्रभावित करने का खतरा भी नहीं है। बेल की 3 जरूरी शर्तें हमारे पक्ष में हैं.
CBI की ये थी दलील
मनीष सिसोदिया, के. कविता सभी पहले जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट गए थे. केजरीवाल सांप-सीढ़ी के खेल की तरह शॉर्टकट अपना रहे. केजरीवाल को ट्रायल कोर्ट जाना चाहिए. केजरीवाल को लगता है कि वे एक एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी व्यक्ति हैं, जिनके लिए अलग व्यवस्था होनी चाहिए. अगर केजरीवाल को जमानत दी जाती है तो ये फैसला हाईकोर्ट को निराश करेगा.
26 जून को सीबीआई ने किया था गिरफ्तारः दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल को सीबीआई ने 26 जून को गिरफ्तार किया था. सुप्रीम कोर्ट ने 14 अगस्त को मामले में केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया था और उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर जांच एजेंसी से जवाब मांगा था.
21 मार्च से जेल में हैं केजरीवालः दिल्ली के कथित शराब घोटाले में ईडी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया था. इससे पहले ईडी ने उन्हें मामले में पूछताछ के लिए 9 समन जारी किए थे. हालांकि, केजरीवाल किसी भी समन पर पेश नहीं हुए थे. केंद्रीय जांच एजेंसी का आरोप है कि वह घोटाले के मुख्य साजिशकर्ता थे और सीधे तौर पर शराब कारोबारियों से रिश्वत मांगने में शामिल थे.
ये भी पढें- दिल्ली आबकारी घोटालाः केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 25 सितंबर तक बढ़ी, दुर्गेश पाठक को मिली जमानत
ये भी पढ़ें- ED के समन के खिलाफ केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई 23 अक्टूबर को
ये भी पढ़ें- क्या केजरीवाल सरकार होगी बर्खास्त?, BJP की मांग पर राष्ट्रपति सचिवालय ने गृह मंत्रालय को भेजा पत्र