नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को 2024 के लिए नीट सुपर स्पेशियलिटी (NEET-SS) एग्जाम को स्थगित करने के नेशनल मेडिकल कमीशन के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने NMC को एक महीने के भीतर कार्यक्रम पेश करने को कहा.
भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई में जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की तीन-जजों की पीठ लगभग एक दर्जन डॉक्टरों की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी.
सुनवाई के दौरान पीठ ने पाया कि NMC द्वारा दिए गए आंकड़ों से पता चलता है कि NEET-SS देने वाले कम से कम 40 प्रतिशत छात्र इमिडिएट प्रीसीडिंग बैच से हैं. सुप्रीम कोर्ट ने ऑब्जर्व किया कि अगर परीक्षा अगले साल तक के लिए स्थगित कर दी जाती है, तो याचिकाकर्ताओं, जो पहले NEET-SS में उपस्थित हो चुके हैं, उनको को इससे कोई नुकसान नहीं होगा.
'एनएमसी का निर्णय न्यायसंगत'
सुनवाई के दौरान NMC के वकील ने कहा कि अगर इस साल नीट-एसएस आयोजित की जाती है, तो 2021 पोस्ट ग्रेजुएट बैच के छात्र अवसर खो देंगे. पीठ ने कहा कि एनएमसी का निर्णय न्यायसंगत है और इसे मनमाना नहीं कहा जा सकता है.कोर्ट ने माना कि परीक्षा में देरी से याचिकाकर्ताओं को कुछ कठिनाई होगी, लेकिन ऐसी कठिनाई को एनएमसी द्वारा उठाई गई अन्य चिंताओं के साथ संतुलित किया जाना चाहिए.
परीक्षा का कार्यक्रम तय करने पर जल्द लिया जाए फैसला
पीठ ने याचिकाकर्ताओं की इस दलील से सहमति जताई कि एनएमसी को नीट-एसएस 2024 परीक्षा का कार्यक्रम तय करने पर जल्द फैसला लेना चाहिए और एनएमसी को एक महीने के भीतर कार्यक्रम जारी करने को कहा.
एनएमसी के अनुसार 2021 में नीट-पीजी परीक्षा के जरिए एमडी, एमएस और डीएमबी कोर्स में दाखिले में देरी हुई थी. कोविड-19 के कारण ये दाखिले जनवरी 2022 से मई 2022 तक आयोजित किए गए, जिससे कोर्स पूरा होने की तारीख जनवरी 2025 तक खिसक गई और यही नीट-एसएस 2024 आयोजित न करने का कारण है. इसलिए इन छात्रों को एडजस्ट करने के लिए नीट-एसएस 2024 परीक्षा स्थगित करने का निर्णय लिया गया.