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'हाईकोर्ट का अपने अधिकार का प्रयोग न करना सही नहीं', आयकर मामले में कांग्रेस की याचिका पर SC की टिप्पणी - Supreme Court - SUPREME COURT

Supreme Court on Congress Party Tax Matter: सुप्रीम कोर्ट ने आयकर बकाया मामले में कांग्रेस पार्टी की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले पर सवाल उठाया. शीर्ष अदालत ने कहा कि हाईकोर्ट कांग्रेस पार्टी को आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण में वापस जाने के लिए कैसे कह सकता है.

Supreme Court on Congress Party Tax Matter
सुप्रीम कोर्ट (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 20, 2024, 10:39 PM IST

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट के उस फैसले पर सवाल उठाया, जिसमें कांग्रेस पार्टी को 100 करोड़ रुपये से अधिक के आयकर बकाया की वसूली के लिए डिमांड नोटिस पर रोक लगाने के लिए आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (ITAT) में जाने को कहा गया था.

जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने मामले में कांग्रेस की याचिका पर सुनवाई की. आयकर विभाग की तरफ अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एन वेंकटरमन ने कहा कि बकाया राशि की वसूली पहले ही हो चुकी है और अब यह मुद्दा केवल अकादमिक हित का है. वहीं, कांग्रेस पार्टी की पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने दलील दी कि हाईकोर्ट को अपने अधिकार क्षेत्र का इस्तेमाल करना चाहिए था और कम से कम डिमांड नोटिस पर अंतरिम रोक लगानी चाहिए थी.

पीठ ने कहा कि हाईकोर्ट कांग्रेस पार्टी को आईटीएटी में वापस जाने के लिए कैसे कह सकता है, जबकि पार्टी न्यायाधिकरण के आदेश के खिलाफ अपील लेकर आई है? पीठ ने कहा, "हाईकोर्ट ने अपने अधिकार क्षेत्र का प्रयोग न करके सही नहीं किया."

शीर्ष अदालत ने आयकर विभाग को कांग्रेस की याचिका पर नोटिस जारी किया और स्पष्ट किया कि आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण उसके समक्ष कांग्रेस की याचिका पर कार्रवाई कर सकता है. पीठ ने कहा, "इस विशेष अनुमति याचिका के लंबित रहने से आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण द्वारा उसके समक्ष अपील पर निर्णय लेने में कोई बाधा नहीं आएगी."

सुप्रीम कोर्ट 13 मार्च के दिल्ली हाईकोर्ट के उस फैसले के खिलाफ कांग्रेस पार्टी की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें हाईकोर्ट ने कहा था कि आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण के आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं है. हालांकि, हाईकोर्ट ने कांग्रेस पार्टी को नए स्थगन आवेदन के साथ आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण का दरवाजा खटखटाने की आजादी दी थी.

आयकर विभाग ने आकलन वर्ष 2018-19 के लिए बकाया टैक्स में 105 करोड़ रुपये की वसूली के लिए कांग्रेस पार्टी को नोटिस जारी किया था. जुलाई 2021 में आयकर अधिकारियों ने कांग्रेस द्वारा शून्य आय की घोषणा को खारिज कर दिया था.

यह भी पढ़ें- 'एक खास शख्स, जाकिर नाइक, मलेशिया में रहता है', सीतलवाड़ की यात्रा पर सॉलिसिटर जनरल का तंज

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट के उस फैसले पर सवाल उठाया, जिसमें कांग्रेस पार्टी को 100 करोड़ रुपये से अधिक के आयकर बकाया की वसूली के लिए डिमांड नोटिस पर रोक लगाने के लिए आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (ITAT) में जाने को कहा गया था.

जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने मामले में कांग्रेस की याचिका पर सुनवाई की. आयकर विभाग की तरफ अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एन वेंकटरमन ने कहा कि बकाया राशि की वसूली पहले ही हो चुकी है और अब यह मुद्दा केवल अकादमिक हित का है. वहीं, कांग्रेस पार्टी की पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने दलील दी कि हाईकोर्ट को अपने अधिकार क्षेत्र का इस्तेमाल करना चाहिए था और कम से कम डिमांड नोटिस पर अंतरिम रोक लगानी चाहिए थी.

पीठ ने कहा कि हाईकोर्ट कांग्रेस पार्टी को आईटीएटी में वापस जाने के लिए कैसे कह सकता है, जबकि पार्टी न्यायाधिकरण के आदेश के खिलाफ अपील लेकर आई है? पीठ ने कहा, "हाईकोर्ट ने अपने अधिकार क्षेत्र का प्रयोग न करके सही नहीं किया."

शीर्ष अदालत ने आयकर विभाग को कांग्रेस की याचिका पर नोटिस जारी किया और स्पष्ट किया कि आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण उसके समक्ष कांग्रेस की याचिका पर कार्रवाई कर सकता है. पीठ ने कहा, "इस विशेष अनुमति याचिका के लंबित रहने से आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण द्वारा उसके समक्ष अपील पर निर्णय लेने में कोई बाधा नहीं आएगी."

सुप्रीम कोर्ट 13 मार्च के दिल्ली हाईकोर्ट के उस फैसले के खिलाफ कांग्रेस पार्टी की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें हाईकोर्ट ने कहा था कि आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण के आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं है. हालांकि, हाईकोर्ट ने कांग्रेस पार्टी को नए स्थगन आवेदन के साथ आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण का दरवाजा खटखटाने की आजादी दी थी.

आयकर विभाग ने आकलन वर्ष 2018-19 के लिए बकाया टैक्स में 105 करोड़ रुपये की वसूली के लिए कांग्रेस पार्टी को नोटिस जारी किया था. जुलाई 2021 में आयकर अधिकारियों ने कांग्रेस द्वारा शून्य आय की घोषणा को खारिज कर दिया था.

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