नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बॉम्बे हाई कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसने गोवा में कैलंगुट-कैंडोलिम, अरपोरा, नागोआ और पारा गांवों के लिए दिसंबर 2022 की रूपरेखा विकास योजनाओं (ODPs) के संचालन को निलंबित कर दिया था. गौरतलब है कि ओडीपी किसी विशेष क्षेत्र के भविष्य के डेवलपमेंट के लिए मार्गदर्शन और लचीलापन प्रदान करने के लिए शुरू की गई स्थानीय संरचना योजना का एक रूप है.
जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस पंकज मिथल की पीठ ने कहा, 'मामले के तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, विवादित आदेश को लागू करने रोक लगाई जाती है.' सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश गोवा के टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग और अन्य लोगों की ओर से दायर याचिका पर आया है.
जुलाई में होगी अगली सुनवाई
सुनवाई के दौरान पीठ ने मौखिक रूप से कहा कि हाई कोर्ट प्रशासन नहीं चला सकता.हालांकि, पीठ ने स्पष्ट किया कि कोई भी निर्माण जनहित याचिका के नतीजे के अधीन होगा, जो हाई कोर्ट के समक्ष लंबित है. सुप्रीम कोर्ट मामले की अगली सुनवाई जुलाई के तीसरे सप्ताह में करेगा.
हाई कोर्ट ने लगाई थी रोक
बता दें कि हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि उसके समक्ष याचिका के निपटान तक दिसंबर 2022 ओडीपी के संचालन पर रोक रहेगी और योजनाओं के आधार पर कोई अनुमति, मंजूरी या जोन में बदलाव नहीं दिया जाएगा. किसी क्षेत्र के विकास के लिए स्थानीय समुदाय, भूस्वामियों और संबंधित सरकारी एजेंसियों की भागीदारी से सर्वसम्मत के साथ ओडीपी तैयार किए जाते हैं.
इस महीने की शुरुआत में हाई कोर्ट ने एक आवेदन पर एक आदेश पारित किया था, जिसमें कैलंगुट-कैंडोलिम योजना क्षेत्र 2025 और अरपोरा-नागोआ-पारा योजना क्षेत्र -2030 के लिए दिसंबर 2022 ओडीपी को चुनौती दी गई थी.
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